देश के दक्षिणी हिस्से में जहां मॉनसून से पहले की बारिश शुरू हो गई है तो कुछ हिस्सों में मॉनसून का इंतजार है. अब बागवानी विभाग ने सब्जी, फल और पेड़ उगाने वाले किसानों को बरसात के मौसम में सुरक्षा उपायों के बारे में दिशा-निर्देश दिए हैं. बागवानी विभाग की तरफ से ये निर्देश इसलिए जारी किए गए ताकि वह किसी भी मुश्किल स्थिति के लिए खुद को तैयार कर सकें. गौरतलब है कि दक्षिणी राज्यों जैसे केरल, तमिलनाडु और कर्नाटक में मॉनसून से पहले हो रही है बारिश ने आफत मचाई हुई है.
ग्रीनहाउस में फसल उगाने वाले किसानों को सलाह दी गई है कि वो शेड के बेस को तारों से जमीन से मजबूती से जोड़ें और दरवाजे-खिड़कियां बंद रखें. पेड़ों की उभरी हुई शाखाओं को काट दिया जाना चाहिए. इसी तरह, शेडनेट के आधार को भी कनेक्टिंग तारों से जमीन से मजबूती से जोड़ा जाना चाहिए. केले के बागानों में, पेड़ों को यूकेलिप्टस के खंभों का सहारा दिया जाना चाहिए और बहते पानी के लिए जमीन को साफ किया जाना चाहिए. विभाग ने किसानों से 75 फीसदी से ज्यादा पके केले की कटाई करने की अपील की है.
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इसी तरह से आम, कटहल, अमरूद और नींबू जैसी फसलों की सूखी शाखाओं को काटकर मिट्टी को तने तक जमाने की सलाह किसानों को दी गई है. इसके अलावा जड़ों पर कीटनाशकों का छिड़काव करने का निर्देश भी दिया गया है. विभाग ने जोर देकर कहा कि जिन किसानों ने अपनी फसलों का बीमा नहीं कराया है, उन्हें प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लिए तुरंत आवेदन करना चाहिए.
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इसी तरह, पशुपालन विभाग ने पशुपालकों को सलाह दी है कि वे पशुओं को चरने के लिए खुले में न छोड़ें, खास तौर पर गरज और बिजली के समय के तो हरगिज नहीं. किसानों को यह सुनिश्चित करना होगा कि मवेशी उन जगहों पर न जाएं जहां से हाई वोल्टेज लाइनें गुजरती हैं, और उन्हें बिजली के खंभों या ट्रांसफार्मर से बांधने से बचना चाहिए. जल-जमाव वाले स्थानों पर मवेशियों को ऊंची जगह पर ले जाना चाहिए. गाइडलाइन में कहा गया है कि मवेशियों के शेड की उचित स्वच्छता बनाए रखी जानी चाहिए और साफ पानी और चारा उपलब्ध कराया जाना चाहिए.
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