जिस तरह खरीफ की फसलों में यूरिया की मांग बहुत ज्यादा रहती है, वैसे ही रबी सीजन की फसलों के लिए DAP खाद की खपत ज्यादा होती है. यही वजह है कि पिछले कुछ महीनों से किसान यूरिया खाद के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं और अब रबी सीजन में DAP खाद के संकट से भी किसानों को दो-चार होना पड़ेगा. ऐसे में हम आपको एक ऐसा विकल्प बता रहे हैं, जिसे अपनाकर आपको DAP के लिए लाइनों में नहीं लगना पड़ेगा. आप DAP के बिना ही बेहतर उत्पादन ले सकते हैं. साथ ही DAP छोड़ने मिट्टी की सेहत में भी सुधार होगा. दरअसल, DAP के जहर आप SSP यानी सिंगल सुपर फॉस्फेट और यूरिया का उपयोग कर सकते हैं.
ये तो सब जानते हैं कि DAP के उपयोग से खेत में संतुलित पोषक तत्वों की भी आपूर्ति नहीं हो पाती है. ऐसे में किसान यूरिया के साथ सिंगल सुपर फॉस्फेट का इस्तेमाल कर सकते हैं. इसके परिणाम बेहद कारगर हैं. आपको करना ये होगा कि बुवाई के समय 1 बैग DAP के स्थान पर 3 बैग सिंगल सुपर फास्फेट (एसपी) और 1 बैग यूरिया का उपयोग करें. रबी सीजन की सरसों और गेहूं की फसलों की बुवाई के लिए आप ये तरीका इस्तेमाल कर सकते हैं.
दरअसल, सिंगल सुपर फास्फेट में उपलब्ध फास्फोरस तत्व के अलावा दूसरे जरूरी पोषक तत्व जैसे- कैल्शियम, सल्फर, जिंक , बोरोन आदि भी पाए जाते हैं. गौर करने वाली बात ये है कि 3 बैग सिंगल सुपर फास्फेट और 1 बैग यूरिया में उपलब्ध पोषक तत्वों की लागत डीएपी में मौजूद पोषक तत्वों की लागत से भी कम होती है. बता दें कि वर्तमान में उपयोग हो रहे उर्वरकों से N:P:K के आदर्श अनुपात 4:2:1 का असंतुलन भी हो रहा है.
इसलिए खेत की उर्वरा शक्ति बनाए रखने और उर्वरकों के उपयोग में मुख्य पोषक तत्वों अर्थात N:P:K का अनुपात 4:2:1 बनाए रखने हेतु डीएपी के स्थान पर एसएसपी+यूरिया के अलावा NPK कॉम्प्लेक्स उर्वरक के विभिन्न ग्रेडस जैसे - NPK 12:32:16, 20:20:13, 19:19:19, 16:16:16, 15:15:15 आदि का उपयोग भी किसान कर सकते हैं.
भूमि की उर्वरा शक्ति बढ़ाने के लिए कार्बनिक खाद जैसे- गोबर खाद, कम्पोस्ट खाद, वर्मी कम्पोस्ट, खली, प्रोम, ऑर्गेनिक मैंन्योर इत्यादि का अधिक से अधिक उपयोग किया जाना चाहिए. खेती में रासायनिक खाद की लागत को कम करने और मिट्टी की उर्वरा शक्ति एवं उत्पादन बढ़ाने में ये नए जमाने के लिक्विड उर्वरक नैनो यूरिया, नैनो डीएपी का भी उपयोग करना चाहिए.
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