UP News: यूपी के कुछ जिलों में कम बारिश से बेहाल अन्नदाता, जानिए क्या बोले कृषि मंत्री शाही

UP News: यूपी के कुछ जिलों में कम बारिश से बेहाल अन्नदाता, जानिए क्या बोले कृषि मंत्री शाही

महेश का कहना है कि हम किसानों के लिए गेहूं और धान ही मुख्य फसल है और बारिश ना होने से हम लोगों के लिए साल भर की मेहनत और परिश्रम सब बर्बाद हो रहा है.

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UP News: यूपी के कुछ जिलों में कम बारिश से बेहाल अन्नदाता, जानिए क्या बोले कृषि मंत्री शाही प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने किसानों से की अपील.

देश के कई राज्यों में बाढ़ के हालात हैं तो वहीं दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश के अधिकांश जिलों में बारिश न होने से धान की फसलें पानी बिना सूख रही हैं. वहीं पूर्वांचल सहित उत्तर प्रदेश के कई जिलों में सूखे के आसार नजर आने लगे हैं और अन्नदाताओं के माथे पर चिंता की लकीरें दिखाई दे रही हैं. मामले में उत्तर प्रदेश के कृषि अनुसंधान परिषद के फसल मौसम सतर्कता समूह की बैठक में यह जानकारी दी गयी है कि 27 जुलाई से 2 अगस्त तक पूर्वी उत्तर प्रदेश के सिर्फ कुछ हिस्सों में ही बारिश होगी. इसके बाद प्रदेश के अन्य हिस्सों में हल्की या मध्यम बारिश हो सकती है.

इसी कड़ी में प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कम वर्षा को देखते हुए किसानों से अपील की है. उन्होंने कहा कि अभी तक सामान्य बरसात की तुलना में अभी तक 80 प्रतिशत तक हुई है, सामान्यतः उसमें असुन्तलन है कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में ज्यादा बारिश हुयी है एवं पूर्वी उत्तर प्रदेश में कम बारिश हुयी है. इस स्थिति को ध्यान में रखते हुये हमारे लगभग 17 जिले ऐसे हैं अधिक वर्षा हुई है और 09 जिले ऐसे हैं जहां बहुत कम वर्षा हुई है.

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इस स्थिति को देखते हुए हमारी यह अपील है कि हम उन जनपदों के भीतर वैकल्पिक खेती जो कि हम कर सकें, खासतौर पर उसके भीतर मिलेट्स, ज्वार, बाजरा, मक्का की खेती की जा सकती है हमारे द्वारा उनकी सुविधा हेतु मिनीकिट उपलब्ध करायी जाएगी. उत्तर प्रदेश के राहत आयुक्त जीएस नवीन कुमार ने बताया कि पिछले 24 घंटों में प्रदेश के किसी भी जनपद में 30 मि0मी0 या उससे अधिक वर्षा दर्ज नहीं की गई है.

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बारिश ना होने से रोपा धान सूख रहा है. महेश का कहना है कि हम किसानों के लिए गेहूं और धान ही मुख्य फसल है और बारिश ना होने से हम लोगों के लिए साल भर की मेहनत और परिश्रम सब बर्बाद हो रहा है. बारिश ना होने नहरों में पानी का ना होना जैसी स्थिति से निपट पाना मुश्किल हो रहा है. उधर, महंगाई की मार के बाद मौसम की मार ने किसानों की कमर तोड़ दी है और उनका हाल बेहाल कर दिया है, तो वहीं कम बारिश ने आने वाले वक्त में किसानों की समस्याओं को और बढ़ा दिया है.


 

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