किसानों के लिए उनकी फसल ही सब कुछ होती है. उसकी देखभाल के लिए वह हर तरीके को अपनाते हैं, लेकिन कई किसान अपनी फसलों को नीलगाय और जंगली मवेशियों से बचाने में काफी परेशान रहते हैं. किसानों की अक्सर शिकायत रहती है कि उनकी फसलें नीलगाय और जंगली जानवर खराब कर देते हैं. इससे उनका आर्थिक तौर पर बेहद नुकसान हो जाता है, जिसे लेकर वो काफी चिंतित रहते हैं. लेकिन अब किसानों को चिंता करने की जरूरत नहीं है. आज हम कुछ ऐसी देसी टिप्स बताने जा रहे हैं जिससे नीलगाय और जंगली जानवर खेत के आस-पास भी नहीं भटकेंगे. आइए जानते हैं क्या हैं वो टिप्स.
किसान नीलगाय को अपने खेतों से दूर भगाने के लिए खेत की मेड़ों पर गेंदे के पौधे लगा सकते हैं. इसे लगाने से खेत के आसपास नीलगाय नहीं आती है क्योंकि गेंदा के पौधे रात में कपड़ा लपेटे मानव की आकृति की तरह दिखते हैं. आप चाहें तो मेड़ पर गेंदे के पौधे पर कपड़ा या चादर लपेट सकते हैं जिससे कि नीलगायों में डर हो. दरअसल, गेंदे के पौधे 4-5 फीट तक लंबे हो जाते हैं जिससे जानवरों को ऐसा लगता है कि मेड़ पर कोई बैठा है. इसके कारण नीलगाय खेत में नहीं आती हैं.
नीलगाय के आतंक से बचने के लिए आप अपने खेतों की मेड़ पर करौंदा, तुलसी, मेथा या फिर लेमन ग्रास का पौधा लगा सकते हैं. इन पौधों के सुगंध से भी नीलगाय आपके खेतों में नहीं घुसेगी. इन सभी उपायों से आप अपनी फसलों को नीलगाय के आतंक से बचा सकते हैं.
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नीलगाय के आतंक से बचने के लिए किसान घरेलू और आसान टिप्स को अपना सकते हैं. इसके लिए किसानों को अपनी फसलों पर चार किलो मट्ठे में छिला हुआ प्याज, बालू के साथ मिलाकर अपनी फसलों पर छिड़काव करना चाहिए. इस घोल के गंध से नीलगाय आपके खेतों के आसपास भी नहीं आएगी. साथ ही नीलगाय से बचने के लिए आप नीम और तंबाकू की पत्तियों का घोल बना कर भी अपने खेतों में छिड़काव कर सकते हैं.
किसान नीलगाय और जंगली जानवरों से फसल बचाने के लिए मुफ्त के कुछ उपाय कर सकते हैं. इस उपाय में चूल्हे की राख किसानों के बहुत काम आ सकती है. चूल्हे से मिलने वाली राख को अच्छे से ठंडा करके उसे फसलों पर छिड़क दें. इससे आपकी फसल जानवरों से बर्बाद होने से बच जाएगी.
खेत में आदमी के आकार का पुतला बनाकर खड़ा करने से भी रात में नीलगाय खेतों में नहीं आते. इसके अलावा अगर किसान रात के वक्त खेतों में मेड़ पर मिट्टी के तेल की ढिबरी जलाएं तो इससे भी नीलगाय खेत के आसपास नहीं आती है. साथ ही किसान गधों की लीद, पोल्ट्री का कचरा, गोमूत्र, सड़ी सब्जियों की पत्तियों का घोल बनाकर फसलों पर छिड़काव करने से भी नीलगाय खेतों के आस-पास नहीं भटकती है.
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