लोगों को हरियाली खूब अच्छी लगती है. अपने बगीचे में पेड़-पौधे लगाने के शौकीनों को बारिश के मौसम में इनका खास ख्याल रखना होता है. क्योंकि पौधारोपण यानी प्लांटेशन करना बड़ी बात नहीं है. बल्कि उसे किसी भी मौसम की मार से बचाना महत्वपूर्ण है. लेकिन मॉनसून के इस मौसम में आपको अपने पौधों का ज्यादा ध्यान रखना होता है. पौधे में पानी डालने से लेकर खाद डालने तक, कई चीजों का ध्यान रखना होता है. वहीं आपको यहां कुछ सुझाव मिलेंगे जो आपको बारिश के मौसम में अपने गार्डन में लगाए पौधे को बचाने में मदद करेंगे.
बरसात के मौसम में अपने पौधों को पानी देने से पहले उनके पॉट्स की एक बार जांच कर लें. बारिश के पौधों को पानी की बहुत कम मात्रा में जरूरत होती है. क्योंकि ओवर वाटरिंग से जड़ों को नुकसान पहुंच सकता है. वहीं अगर आप पौधों को पानी देते हैं तो इस बात का ख्याल रखें कि दोपहर 3 बजे के बाद कभी पौधों को पानी नहीं दें.
मॉनसून के मौसम में पौधे में कीड़े लग जाते हैं. दरअसल बारिश के दौरान आर्द्रता यानी ह्यूमिडिटी का स्तर अधिक होता है, इसलिए यह सुनिश्चित करें कि पौधों को उचित वेंटिलेशन और प्रकाश मिले. वहीं अगर आपको अपने पौधे में उर्वरक डालने की जरूरत हो तो इसे सुबह 7 से 11 बजे के बीच ही डालें.
बरसात के मौसम में अपने गार्डन में लगे पौधों में कीटों और बीमारियों से बचने के लिए आप सप्ताह में एक बार कीटनाशक और फफूंदी नाशक का छिड़काव जरूर करें. क्योंकि वे मॉनसून के दौरान पौधों में लगने वाले कीटों को छुटकारा मिलता है और पौधा अच्छा ग्रो करता है. वहीं यदि पौधे छत या बरामदे में हैं तो उन्हें ढकने के लिए प्लास्टिक शीट्स के बजाए छिद्रित शीट्स का उपयोग कर सकते हैं. इससे पौधे को हवा और रौशनी मिलती रहेगी.
आप अपने पौधे की मॉनसून के पहले छंटाई कर दें क्योंकि ऐसा करना पौधे के विकास के लिए सही रहता है. वहीं बारिश में अपने आप उग जाने वाले खरपतवार को नियमित रूप से हटाते रहें क्योंकि ये अन्य पेड़-पौधों को विकसित होने से रोकते हैं. इतना ही नहीं यह इससे गार्डन की खूबसूरती भी प्रभावित होती है.
वहीं बरसात के मौसम में क्या उगाएं ये भी एक टेंशन रहता है. आप बारिश में कई तरह की सब्जियां और फल उगा सकते हैं जिसमें मूली, पालक, गोभी, चुकंदर, टमाटर, भिंडी, चीकू, नीबू, आदि शामिल हैं. वहीं फूलों में आप गुलमोहर और गुड़हल के पौधे भी लगा सकते हैं क्योंकि ये खासतौर पर बारिश में ही खिलते हैं.
(फोटो साभार, Orgnic Bazar)
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