रांची की मेघा अग्रवाल ने घर की छत को बनाया बगीचा, अंजीर- चीकू उगा रहीं

रांची की मेघा अग्रवाल ने घर की छत को बनाया बगीचा, अंजीर- चीकू उगा रहीं

मेघा अग्रवाल बतातीं है कि छत पर खेती करने का शौक उन्हे विरासत में मिला है. पहले नानाजी बड़े पैमाने पर बागवानी करते थे, उनकी मां भी करती थी, इसे देखकर बचपन से उनके मन में बागवानी करने का शौक बन गया

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 रांची की मेघा अग्रवाल ने घर की छत को बनाया बगीचा, अंजीर- चीकू उगा रहीं मेघा अग्रवाल की छत पर लगा हल्दी फोटो-किसान तक

शहरों में बढती आबादी के साथ जमीन कम होती जा रही है. इसके कारण खेती के शौकीन लोग घर की छत पर या गमलों में ही खेती करने लगे हैं. बड़े शहरों के अलावा तेजी से बढ़ रहे शहरों में भी टेरेस गार्डेनिंग (Terrace Gardening) का ट्रेंड बढ़ रहा है. झारखंड की राजधानी रांची में भी अब घर की छतों पर आम, पपीता, संतरा और सीताफल जैसे फलों के पेड़ दिखाई देने लगे हैं. राजधानी में यह बदलाव पिछले डेड़ दशकों में आया है. हालांकि इससे पहले भी लोग गमले में फूल, तुलसी समेत अन्य सजावटी पौधों लगाते थे, पर अब इसका दायरा बढ़ा है.

रांची के कांके रोड में रहने वाली मेघा अग्रवाल भी एक ऐसी ही महिला हैं,जो पिछले कुछ सालों से छत पर विभिन्न प्रकार के फूल और फलों की खेती कर रहे हैं. उनके कलेक्शन में कई ऐसे फलों के पौधों हैं जो रांची में काफी कम मात्रा में हैं. इनमें एक पौधा अंजीर का भी है. इसके अलावा उनके पास अलग अलग वेरायटी के अमरुद और बैर के पेड़ हैं. इतना ही नहीं फूल की वेरायटी उनके पास काफी संख्या में है. छठे तल्ले पर उनका गार्डेन है, जो उन्होंने अपने ससुर संतोष अग्रवाल के साथ मिलकर शुरु किया है.

विरासत में मिला बागवानी का शौक

मेघा अग्रवाल बतातीं है कि छत पर खेती करने का शौक उन्हे विरासत में मिला है. पहले नानाजी बड़े पैमाने पर बागवानी करते थे, उनकी मां भी करती थी, इसे देखकर बचपन से उनके मन में बागवानी करने का शौक बन गया और इसे सीखनें भी लगीं. शादी होने के बाद वो रांची आ गई और यहां पर भी छत में इसकी शुरुआत की. उन्होंने बताया कि एक एक पौधों का कलेक्शन उन्होंने चुन चुन कर किया है. सभी तो लगाने का तरीका है पर इसके लिए वो हमेशा अपने मामा जी से सलाह लेतीं हैं, उसके सुझाव पर कार्य करती हैं.

अलग-अलग वेरायटी के फल और फूल के पौधे

अलग-अलग वेरायटी के पेड़ पौधों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि वो स्थानीय नर्सरी से इन पौधों को लाती हैं इसके अलावा उन्हें अलग-अलग वैरायटी का कलेक्शन रखने का शौक भी है. यही वजह है कि उनकी छत पर आज अजवाइन, लौंग, रसवंती, अंजीर, चीकू, सीताफल, अमरूद की अलग अळग वेरायटी समेत बेर और कई प्रकार के गुलाब के अलावा मटर और टमाटर भी लगे हुए हैं. 

मिलेंगी ताजी फल और सब्जियां

मेघा अग्रवाल बताती हैं कि खुद का टेरेस गार्डेन रखना वर्तमान समय में एक अच्छा विक्लप हो सकता है, ताकि यहां पर आप आराम से अपने परिवार के लिए फल और सब्जियां उगा सकते हैं साथ ही यहां पर आकर बैठक काफी सकुन देता है. खाद और अन्य संसाधन भी आसानी से अब उपलब्ध हो जाते हैं. इसके जरिए आप अपने परिवार को ताजी सब्जियां खिला सकते हैं. 

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