खेती में तकनीक की मदद से कई फायदे होते हैं. सबसे बड़ा फायदा श्रम और लागत की बचत है. और भी कई फायदे हैं जिनमें पर्यावरण सुरक्षा भी एक है. वैसे तो खेती में अब कई तरह की मशीनें और तकनीकों का सहारा लिया जा रहा है. लेकिन वैसी तकनीक आज अधिक कारगर हैं जो जुताई, बुवाई और कटाई में अपना रोल निभाती हैं. इसी में एक मशीन है जीरो टिल ड्रिल मशीन. जैसा कि नाम से जाहिर है, यह मशीन खेत को जोते बिना खेती का काम पूरा करती है. आइए इस मशीन के बारे में जान लेते हैं कि इससे किसानों को क्या-क्या फायदा होता है.
जीरो टिल ड्रिल मशीन से शून्य जुताई का काम होता है. शून्य जुताई नहीं होने से किसान को कई तरह के फायदे होते हैं. जैसे ईंधन, श्रम और समय की बचत होती है. इन बचतों से किसान की ओवरऑल लागत घटती है जिससे उसकी खेती का फायदा बढ़ जाता है. यह मशीन एक घंटे में 0.3 से 0.4 हेक्टेयर तक क्षेत्र में बुवाई का काम करती है. सबसे खास बात ये कि जीरो टिल ड्रिल मशीन से खेत में बुवाई का काम 7-8 दिन पहले कर लिया जाता है. जब पारंपरिक जुताई करते हैं तो उसके बाद खेत को कुछ दिन खाली छोड़ा जाता है. जीरो टिल ड्रिल मशीन के साथ ऐसी कोई समस्या नहीं आती.
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इस मशीन के अन्य फायदों की बात करें तो पारंपरिक जुताई के मुकाबले प्रति हेक्टेयर 60-75 लीटर डीजल की बचत होती है. खरपतवारों का प्रकोप लगभग 30-40 प्रतिशत कम होता है और 10-15 प्रतिशत तक सिंचाई जल की बचत होती है. जीरो टिल ट्रिल मशीन से बुवाई करने से पानी (लगभग 20-30 परसेंट) और पोषक तत्वों में पर्याप्त मात्रा में बचत का लाभ होता है. संरक्षित खेती करने में इस मशीन का लाभ बहुत अधिक देखा गया है.
इस तरह की मशीनें और भी हैं जिससे किसान लागत बचाने के साथ पर्यावरण को सुरक्षित रख सकते हैं. ऐसी मशीनों की मदद से मिट्टी में कार्बनिक पदार्थों की वृद्धि और पोषक तत्वों को बनाए रखने में मदद मिलती है. जीरो टिल ड्रिल मशीन की बात करें तो यह मिट्टी में माइक्रोफ्लोरा को बढ़ाती है और मिट्टी की उर्वरता को बढ़ाती है.
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इस तरह की मशीनों से खेतों में बुवाई करने पर खेत में पानी के टिकने की संभावना बढ़ती है जिसे जलधारण क्षमता कहते हैं. जड़ों तक हवा के पहुंचने में मदद मिलती है जिससे पौधों का विकास तेज गति से होता है. ऐसी मशीनें डीजल की खपत कम करती हैं, इसलिए धुआं भी कम निकलता है. इससे पर्यावरण को कम नुकसान होता है.
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