Ethanol Car: लॉन्च हुई दुनिया की पहली इथेनॉल कार, इसका किसानों को क्या होगा फायदा? जान लें पूरी बात

Ethanol Car: लॉन्च हुई दुनिया की पहली इथेनॉल कार, इसका किसानों को क्या होगा फायदा? जान लें पूरी बात

Ethanol Car: केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने आज पूरी तरह से इथेनॉल से चलने वाली टोयोटा इनोवा हाइक्रॉस कार लॉन्च की है. इस कार को पूरी तरह से टोयोटा किर्लोस्कर मोटर द्वारा भारत में ही बनाया गया है. यह दुनिया की पहली इलेक्ट्रीफाइड फ्लेक्स फ्यूल कार का प्रोटोटाइप है.

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Ethanol Car: लॉन्च हुई दुनिया की पहली इथेनॉल कार, इसका किसानों को क्या होगा फायदा? जान लें पूरी बातलॉन्च हुई दुनिया की पहली इथेनॉल कार, सांकेतिक तस्वीर

केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने आज दिल्ली में आयोजिक एक कार्यक्रम के दौरान दुनिया की पहली इलेक्ट्रिफाइड फ्लेक्स फ्यूल कार के प्रोटोटाइप के तौर पर नई टोयोटा इनोवा हाइक्रॉस को लॉन्च किया है. इस कार को पूरी तरह से टोयोटा किर्लोस्कर मोटर द्वारा भारत में ही बनाया गया है. वहीं टोयोटा की इनोवा हाईक्रॉस कार 100 फीसदी एथेनॉल फ्यूल से चलती है और यह दुनिया की पहली इलेक्ट्रीफाइड फ्लेक्स फ्यूल कार का प्रोटोटाइप है. वहीं इथेनॉल गन्ने और अनाज से बनाया जाने वाला फ्यूल है. इसे "ई100" के नाम से भी जाना जाता है. मालूम हो कि पिछले साल नितिन गडकरी ने टोयोटा मिराई ईवी नाम से एक कार पेश की थी जो हाइड्रोजन से बनी बिजली से चलती है. ऐसे में आइए जानते हैं. टोयोटा इनोवा हाइक्रॉस के फीचर्स क्या हैं? इसके अलावा इससे किसानों को क्या फायदा होगा?

टोयोटा इनोवा हाइक्रॉस के फीचर्स

•    टोयोटा की इनोवा हाईक्रॉस कार 100 फीसदी एथेनॉल फ्यूल से चलती है.
•    ये कार दुनिया की पहली इलेक्ट्रिफाइड फ्लेक्स फ्यूल व्हीकल का प्रोटोटाइप है.
•    इस कार को BS6 स्टेज-2 के नॉर्म्स के अनुसार डेवलप किया गया है. 
•    यह कार 15 से 20 किलोमीटर का माइलेज दे सकती है.
•    इसमें ओल्ड स्टार्ट सिस्टम लगाया गया है, जिससे इस कार का इंजन माइनस 15 डिग्री सेंटीग्रेट तापमान में भी आसानी से काम कर सकता है. 

फ्लेक्स फ्यूल क्या होता है?

फ्लेक्स फ्यूल एक तरह की टेक्नोलॉजी है. इस टेक्नोलॉजी के माध्यम से वाहनों में 20 प्रतिशत से ज्यादा इथेनॉल के इस्तेमाल की सुविधा प्रदान करता है. वहीं फ्लेक्स फ्यूल, गैसोलीन (पेट्रोल) और मेथनॉल या इथेनॉल के मिश्रण से बना एक वैकल्पिक ईंधन है. बता दें कि, यह कोई नई तकनीक नहीं है. इस तकनीकी की शुरुआत पहली बार 1990 के दशक में हुई थी. आपको यह जानकर हैरानी होगी कि, साल 2017 तक, दुनिया की सड़कों पर लगभग 21 मिलियन फ्लेक्स-फ्यूल वाहन थें.

इथेनॉल कैसे तैयार किया जाता है?

इथेनॉल फसलों से बनाया जाता है. वहीं इसे गन्ना, चावल और मक्का जैसी फसलों से बनाया जाता है. देश में इन फसलों का पर्याप्त मात्रा में उत्पादन होता है. गन्ना और मक्के से बनने के कारण इसे अल्कोहल बेस फ्यूल भी कहा जाता है. इसके अलावा सामान्य पेट्रोल की तुलना में इथेनॉल की कीमत भी काफी कम है. 

इथेनॉल से होता है कम प्रदूषण

इथेनॉल से चलने वाले वाहनों से प्रदूषण भी कम होता है. यह एक प्रकार से हरित ऊर्जा है. इससे पर्यावरण में प्रदूषण कम होगा. पेट्रोल डीजल की तुलना में यह 20 प्रतिशत कम हाइड्रोकार्बन और कार्बन मोनोऑक्साइड का उत्सर्जन करता है. यानी प्रदूषण कम करता है.

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