Tractor खरीदते समय अगर आप सिर्फ HP देखते हैं तो ये पूरी तरह सही नहीं क्योंकि हॉर्सपावर स्पीड के लिए जरूरी है लेकिन कोई भी ट्रैक्टर कितना लोड उठा सकता है और उस वजन के लिए कितनी ताकत लगा सकता है ये टॉर्क से तय होता है. किसान ट्रैक्टर लेने जाते हैं तो ये सबसे पहले देखते हैं कि उसका हॉर्सपावर क्या है. वो मानते है कि जितना ज्यादा HP होगा ट्रैक्टर उतना ही बढ़िया होगा लेकिन ये पूरी तरह सच नहीं है.
क्या होता है टॉर्क?
टॉर्क एक टेक्नीकल शब्द है जो इंजन की पावर से जुड़ा है. टॉर्क को न्यूटन मीटर में नापा जाता है और ये RPM से निर्धारित होता है. टॉर्क को नापने के लिए RPM ( Revolutions Per Minute) जरूरी होता है. RPM का मतलब है कि कोई भी Element एक मिनट में अधिक से अधिक से कितनी बार घूम सकता है. जब हम किसी भी इंजन का RPM निकालते है तो देखते है कि वह इंजन शाफ़्ट को एक मिनट में कितनी बार घुमाता है. ज्यादातर ट्रैक्टर में कम से कम 1000 RPM होता है और फिर ट्रैक्टर के साइज, HP के हिसाब से RPM ज्यादा भी हो सकता है. RPM से ही टॉर्क निकाला जाता है यानी किस नंबर पर ट्रैक्टर सबसे ज्यादा टॉर्क पैदा करेगा ये ट्रैक्टर की मैनुअल में दिया होता है.
उदाहरण के तौर पर अगर दो 50-50HP के अलग अलग ब्रांड के ट्रैक्टर हैं लेकिन इनमें एक ट्रैक्टर 200Nm और दूसरा 210Nm टॉर्क पैदा करता है तो ये पक्का है कि 210Nm टॉर्क वाला ट्रैक्टर ज्यादा दमदार है. कई बार ऐसा भी होता है कि 48HP वाला और 52HP वाला ट्रैक्टर भी एक समान टॉर्क पैदा करते हैं तो इसका मतलब है कि 48HP वाला ट्रैक्टर खरीदना फायदेमंद है.
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टॉर्क का ट्रैक्टर में क्या है काम?
अगर हमें ट्रैक्टर से भारी भरकम काम लेना है तो ज्यादा पावर की जरूरत होती है और ज्यादा पावर ज्यादा टॉर्क से मिलती है. एक उदाहरण के तौर पर अनाज से भरे ट्रैक्टर को थोड़ा ऊंचे रास्ते पर चढ़ना है तो यहां स्पीड की बजाय ताकत की जरूरत होगी. ट्रैक्टर की स्पीड को कम करके अधिकतम ताकत को लगाने पर ट्रैक्टर वजन के साथ भी चढ़ाई कर सकता है लेकिन अगर ताकत कम है तो ये काम नहीं हो पायेगा और इसलिए ट्रैक्टर HP के अलावा टॉर्क बेहद महत्वपूर्ण रोल निभाता है.
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