सैटेलाइट इमेज के आधार पर अब बैंक किसानों की इनकम के बारे में पता कर रहे हैं और इसी आधार पर उन्हें लोन देने और लोन का पैसा लौटाने की क्षमता के बारे में जानकारी जुटा रहे हैं. 'इकोनॉमिक टाइम्स' की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि यूपी सरकार ने इंटरनेशनल फाइनेंस कॉरपोरेशन से समझौता किया है और बेंगलुरु आधारित कंपनी सैटश्योर के साथ खेती-बाड़ी के रिकॉर्ड को इंटीग्रेट किया है. यह समझौता इसलिए किया गया है ताकि राज्य के 8 करोड़ किसानों को डिजिटल तरीके से लोन दिलाने में आसानी हो.
इस नई तकनीक से पता चलता है कि आजकल बैंक किसानों को लोन देने के लिए अब घर पर या खेत में जाकर किसी तरह के सर्वेक्षण पर ही निर्भर नहीं हैं बल्कि डाटा आधारित सूचनाओं की मदद से बड़े-बड़े काम किए जा रहे हैं. इससे लोन की पात्रता से जुड़ी जानकारी जुटाने में आसानी हो रही है. साथ ही, फर्जी जानकारी को भी रियलटाइम में वेरिफाई किया जा रहा है. अब यह सबकुछ सैटेलाइट इमेज के आधार पर कुछ ही देर में किया जा रहा है.
सैटश्योर ऐसी कंपनी है जो सैटेलाइट इमेज की मदद से खेत और गांव के आधार पर रेटिंग्स बताती है. इसी रेटिंग्स से किसानों को लोन जैसी सुविधा दी जाती है. यह कंपनी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) से सैटेलाइट इमेज के पैटर्न की छानबीन करती है, फसलों की पहचान करती है, फसलों की सेहत मॉनिटर करती है और पैदावार कितनी मिल सकती है, इसकी जानकारी देती है.
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'इकोनॉमिक टाइम्स' की रिपोर्ट में बताया गया है कि कंपनी बारिश, तापमान और आर्द्रता के आधार पर किसानों को हो सकने वाली इनकम के बारे में बैंकों को जानकारी देती है. इससे यह भी पता चल जाता है कि किसान की कितनी पैदावार मिलेगी जिससे उसके लोन लौटाने की क्षमता का आकलन हो जाता है. बैंक इस आधार पर किसानों को लोन देने या नहीं देने का तुरंत फैसला कर लेते हैं.
इसके लिए बैंक अपने सिस्टम में सैटश्योर का एपीआई फीड करते हैं जिससे उन्हें किसी भी खेत के जोखिम के बारे में कुछ ही मिनट में पूरी जानकारी मिल जाती है. इससे उन्हें लोन को अप्रूव करने के प्रोसेस में आसानी होती है. इस प्रक्रिया से किसानों को मिलने वाले लोन में किसी तरह की देरी नहीं होती. कुछ ही देर में अप्रूवल मिलने से किसान को फटाफट ऑनलाइन लोन मिल जाता है.
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इस काम के लिए सैटश्योर ने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के इनोवेशन हब, क्रेडिट रेटिंग एजेंसी जैसे कि ट्रांस यूनियन सिबिल और प्राइवेट बैंक आईसीआईसीआई बैंक और एचडीएफसी बैंक के साथ समझौता किया है. सैटश्योर की तरह और भी कई कंपनियां हैं जो सैटेलाइट इमेज के आधार पर फसलों की सेहत, मिट्टी की स्थिति और पर्यावरण में होने वाले बदलावों के बारे में बताती हैं. इन कंपनियों में ध्रुव स्पेस और पिक्सेल के नाम प्रमुख हैं. ये कंपनियां कृषि क्षेत्र में डाटा उपलब्ध कराती हैं.
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