सरकार ने गुरुवार को किसानों के लिए एक बड़ी सुविधा शुरू की है. यह सुविधा जुड़ी है पीएम किसान स्कीम से. पीएम किसान स्कीम वही है जिसमें देश के काश्तकारों को हर साल छह हजार रुपये मिलते हैं. अब सरकार ने इस स्कीम को और भी अधिक मजबूती देने के लिए एक खास तरह का मोबाइल ऐप लॉन्च किया है. इस मोबाइल ऐप की खास बात ये है कि यह पूरी तरह से फेस ऑथेंटिकेशन फीचर से लैस है. यानी कि यह मोबाइल ऐप किसानों के चेहरे को वेरिफाई करेगा. फिर उसी आधार पर किसानों को पीएम किसान स्कीम का लाभ मिलेगा. इस नए फीचर वाले मोबाइल ऐप से पीएम किसान स्कीम के फर्जीवाड़े को रोकने में आसानी होगी. कृषि मंत्रालय ने गुरुवार को इस नए मोबाइल ऐप को लॉन्च किया.
सरकार की लोकप्रिय योजना “प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि” के अंतर्गत फेस ऑथेंटिकेशन फीचर का पीएम-किसान मोबाइल ऐप केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने लॉन्च किया. आधुनिक टेक्नालॉजी के बेहतरीन उदाहरण वाले इस ऐप से फेस ऑथेंटिकेशन फीचर का उपयोग कर किसान दूरदराज, घर बैठे भी आसानी से बिना ओटीपी या फिंगरप्रिंट के ही फेस स्कैनकर ई-केवाईसी पूरा कर सकता है. कोई किसान इस एक ऐप से 100 अन्य किसानों को भी उनके घर पर ई-केवाईसी करने में मदद कर सकता है.
कृषि भवन, नई दिल्ली में आयोजित इस समारोह से देशभर के कृषि विज्ञान केंद्रों में हाजिर हजारों किसानों के साथ ही केंद्र और राज्य सरकारों के अधिकारी, अलग-अलग सरकारी एजेंसियों और कृषि संगठनों के प्रतिनिधि बड़ी संख्या में वर्चुअल जुड़े थे. इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री तोमर ने कहा कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, भारत सरकार की बहुत ही व्यापक और महत्वाकांक्षी योजना है, जिसको लागू करने में राज्य सरकारों ने काफी परिश्रम किया है. इसी का परिणाम है कि लगभग साढ़े आठ करोड़ किसानों को केवाईसी के बाद हम योजना की किस्त देने की स्थिति में आ गए हैं. यह प्लेटफार्म जितना आगे बढ़ेगा, वह पीएम-किसान के काम तो आएगा ही, और किसानों को कभी भी-कोई लाभ देना हो, तब भी केंद्र और राज्य सरकारों के पास पूरा डेटा उपलब्ध होगा, जिससे कोई परेशानी खड़ी नहीं हो सकेगी.
आज कृषि भवन नई दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में फेस ऑथेंटिकेशन फीचर वाले पीएम-किसान मोबाइल ऐप को लॉन्च किया...#PMKisan #eKYC #PMKisanApp @AgriGoI pic.twitter.com/ePNS8EU1B3
— Narendra Singh Tomar (@nstomar) June 22, 2023
तोमर ने कहा कि पीएम-किसान एक नई योजना है, जिसका लाभ बिना किसी बिचौलियों के केंद्र सरकार किसानों को दे पा रही है. आज इतनी बड़ी संख्या में किसानों को टेक्नालॉजी की मदद से ही लाभ देना संभव हो पाया है. इस पूरी योजना के क्रियान्वयन पर कोई प्रश्न खड़ा नहीं कर सकता है, जो बड़ी महत्वपूर्ण उपलब्धि है. भारत सरकार ने टेक्नेलॉजी का उपयोग करके यह जो ऐप बनाया है, उससे काम काफी सरल हो गया है. भारत सरकार ने सभी जरूरी सुविधाएं राज्यों को उपलब्ध करा दी है, अब राज्य ज्यादा तेजी से काम करेंगी तो सभी किसानों तक हम पहुंच जाएंगे और निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त कर लेंगे.
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केंद्रीय मंत्री तोमर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार यह आग्रह करते रहे हैं कि योजना के लिए पर्याप्त राशि उपलब्ध है तो हम सेचुरेशन पर पहुंचे. उत्तर प्रदेश सहित अन्य राज्यों में इस दिशा में काम चल रहा है, जिसे जल्द पूरा करने पर ज्यादा से ज्यादा संख्या में सभी पात्र किसानों को योजना की 14वीं किस्त मिल सकेंगी. तोमर ने अनुरोध किया कि इस संबंध में सभी राज्य सरकारें अपना काम करें.
कार्यक्रम में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि टेक्नोलॉजी से कृषि क्षेत्र को लाभ हो रहा है और इस ऐप की नई सुविधा से भी किसानों को काफी सहूलियत होगी. केंद्रीय कृषि सचिव मनोज अहूजा ने भी अपने विचार रखे. अतिरिक्त सचिव प्रमोद कुमार मेहरदा ने ऐप की विशेषताएं बताईं.
पीएम किसान दुनिया की सबसे बड़ी डीबीटी योजनाओं में एक है, जिसमें किसानों को आधारकार्ड से जुड़े बैंक खातों में छह हजार रुपये सालाना राशि, तीन किस्तों में सीधे ट्रांसफर की जाती है. 2.42 लाख करोड़ रुपये, 11 करोड़ से ज्यादा किसानों के खातों में शिफ्ट किए जा चुके हैं, जिनमें तीन करोड़ से अधिक महिलाएं हैं. कोविड के समय लॉकडाउन के दौरान भी किसानों के लिए पीएम किसान योजना एक मजबूत साथी साबित हुई थी. अब पीएम किसान पोर्टल पर आधार वेरिफिकेशन और बैंक खाता विवरण अपडेशन का काम आसानी से होगा.
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पहली बार देखा गया है कि 8.1 करोड़ से अधिक किसानों को पीएम किसान की 13वीं किस्त का भुगतान सीधे उनके आधार से जुड़े बैंक खातों में केवल आधार इनेबल्ड पेमेंट के जरिये सफलतापूर्वक किया गया है. नया ऐप उपयोग में बहुत सरल है, गूगल प्ले स्टोर पर आसानी से डाउनलोड किया जा सकता है. ऐप किसानों को योजना और पीएम किसान खातों से संबंधित बहुत-सी महत्वपूर्ण जानकारी भी देगा. इसमें नो यूअर स्टेटस माड्यूल उपयोग कर किसान लैंडसीडिंग, आधार को बैंक खातों से जोड़ने और ई-केवाईसी का स्टेटस जान सकते हैं. कृषि विभाग ने लाभार्थियों के लिए उनके दरवाजे पर आधार से जुड़े बैंक खाते खोलने के लिए इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक (आईपीपीबी) को भी शामिल किया है.
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