Chilli Farming: मिर्च भारत की प्रमुख मसाला फसल है. भारत में हरी मिर्च का मसालों में अपना एक महत्वपूर्ण स्थान है क्योंकि चटपटे भोजन का स्वाद लेना हो तो मिर्च सबसे जरूरी चीजों में से एक है. मिर्च न केवल भोजन का एक अहम हिस्सा है बल्कि सेहत के लिए भी कई गुणों से भरपूर होती है. साथ ही इसकी खेती खरीफ और रबी दोनों सीजन में होती है. अगर आप भी मिर्च की खेती करना चाहते हैं और बेहतर पैदावार लेना चाहते हैं तो मिर्च के खेत के ऊपर प्लास्टिक शीट लगाएं. इसे लगाने में बहुत अधिक लागत नहीं आएगी लेकिन पैदावार जरूर बढ़ जाएगी. इसे मल्चिंग विधि कहते हैं जिससे फसल को पानी की कम जरूरत होती है और खरपतवार नहीं बढ़ते. आइए जानते हैं कैसे लगाएं खेतों में प्लास्टिक शीट.
आज कल लोग मिर्च की आधुनिक खेती में सिंचाई के लिए ड्रिप तकनीक का इस्तेमाल कर रहे हैं. वहीं बात करें खेत में प्लास्टिक शीट लगाने की तो इसके लिए किसान 30 माइक्रोन मोटाई वाली अल्ट्रावॉयलेट रोधी प्लास्टिक मल्चिंग शीट का प्रयोग कर सकते हैं. इसे लगाने से खरपतवार नियंत्रण के साथ-साथ सिंचाई में जल की मात्रा में भी कमी आती है. इस मल्चिंग तकनीक का इस्तेमाल करके किसान बेहतर उपज ले सकते हैं.
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मल्च एक ऐसी प्रक्रिया है जिसका उपयोग मिट्टी में नमी बनाए रखने, खरपतवारों को दबाने, मिट्टी को ठंडा रखने और सर्दियों में पाले की समस्या से पौधों को सुरक्षित रखने के लिए किया जाता है. यह तकनीक जल निकासी और पोषक तत्वों को धारण करने की क्षमता में सुधार करने में भी मदद करती है. वहीं बात करें प्लास्टिक मल्चिंग की तो ये पॉलिथीन से बनाई जाती है और इसको आप आसपास के बाजार से खरीद सकते हैं. यह आपको अलग-अलग रंग में मिल जाएगा जिससे आप अपनी मिर्च के पौधों की मल्चिंग कर सकते हैं.
अगर आपको मल्चिंग विधि से खेत में मिर्च लगानी है, तो सबसे पहले खेत की अच्छी तरह जुताई कर लें. इसके साथ ही गोबर की खाद मिट्टी में मिला दें. उसके बाद खेत में उठी हुई मेढ़ यानी बेड बना लें. इसके बाद ड्रिप सिंचाई की पाइप लाइन को बिछा दें. उसके बाद प्लास्टिक मल्च को अच्छी तरह बिछाकर दोनों किनारों को मिट्टी की परत से अच्छी तरह दबा दें. मल्चिंग पेपर पर गोलाई में पाइप से पौधों से पौधों की दूरी पर छेद कर दें. इसके बाद आप अपने बीज या पौधे की बुवाई कर दें.
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