तना सड़न रोग से लड़ने में वैज्ञानिकों को मिली बड़ी कामयाबी, मूंगफली में रोग प्रतिरोधक जीन की पहचान

तना सड़न रोग से लड़ने में वैज्ञानिकों को मिली बड़ी कामयाबी, मूंगफली में रोग प्रतिरोधक जीन की पहचान

भारत में तिलहन की खेती में मूंगफली का स्थान बड़ा है. मूंगफली तिलहन होने के साथ ही प्रोटीन मुहैया कराने वाली प्रमुख उपज है. लेकिन इसकी खेती पर तना सड़न रोग का खतरा सबसे अधिक होता है. इस रोग को मिटाने के लिए वैज्ञानिकों ने रोग प्रतिरोधक जीन की पहचान की है.

Advertisement
तना सड़न रोग से लड़ने में वैज्ञानिकों को मिली बड़ी कामयाबी, मूंगफली में रोग प्रतिरोधक जीन की पहचानमूंगफली की खेती: Groundnut Farming

तना सड़न (स्टेम रोट Stem Rot) रोग से निपटने के लिए वैज्ञानिकों ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है, जो आगे चलकर किसानों की खेती बाड़ी को पूरी तरह बदल सकती है. इंटरनेशनल क्रॉप्स रिसर्च इंस्टीट्यूट फॉर द सेमी-एरिड ट्रॉपिक्स (ICRISAT) और उसके साझेदार संस्थानों ने मूंगफली में इस रोग के प्रतिरोध से जुड़े 13 जीनोमिक क्षेत्रों और 145 संभावित जीनों की पहचान की है.

मूंगफली की खेती के लिए खतरा है स्टेम रोग

स्टेम रोट रोग, जो मिट्टी में पाए जाने वाले कवक Sclerotium rolfsii के कारण होता है, मूंगफली की खेती के लिए एक बड़ा खतरा है. इस अध्ययन में तीन प्रमुख जीन – AhSR001, AhSR002 और AhSR003 को पहचाना गया है, जो इस रोग के प्रति 60 प्रतिशत प्रतिरोध के लिए जिम्मेदार हैं. इस रिसर्च का रिजल्ट एक चर्चित जर्नल Plant Genome में प्रकाशित किया गया है.

ICRISAT के प्रधान वैज्ञानिक मनीष पांडे ने बताया, "इन मार्कर्स की मदद से हम रोग प्रतिरोधक मूंगफली किस्मों को तेजी से विकसित कर सकते हैं, जो किसानों को आर्थिक रूप से फायदा पहुंचाएंगी और जलवायु संकट के समय उनकी फसलों को सुरक्षित रखेंगी."

जीनोमिक्स की मदद से स्टेम रोग का समाधान

ICRISAT के एक अधिकारी ने कहा, "फंगीसाइड्स इस रोग को केवल आंशिक रूप से नियंत्रित कर पाते हैं और ये पर्यावरण के लिए भी नुकसानदायक हैं. लेकिन जीनोमिक्स आधारित ब्रीडिंग एक टिकाऊ और किफायती समाधान मुहैया कराती है."

यह खोज रोग प्रतिरोधी मूंगफली किस्मों के विकास के लिए नए द्वार खोलती है, जिससे किसानों के जोखिम घटेंगे और दुनिया में भोजन और पोषण सुरक्षा को मजबूती मिलेगी. मूंगफली एक तिलहन और प्रोटीन युक्त दलहनी फसल है, जिसे दुनिया भर में 300 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में उगाया जाता है और इसकी सालाना वैश्विक पैदावार 500 लाख टन है.

भारत, नाइजीरिया और चीन जैसे देश मूंगफली उत्पादन में आगे हैं और वैश्विक आपूर्ति का बड़ा हिस्सा इन्हीं देशों से आता है. ICRISAT के महानिदेशक हिमांशु पाठक ने कहा, "यह रिसर्च इस बात का प्रमाण है कि कृषि अनुसंधान कैसे अर्थव्यवस्थाओं को अधिक से अधिक लाभ दिला सकता है और खोज को व्यावहारिक समाधान में बदलता है."

मूंगफली उत्पादन के बारे में

  • उत्पादन: भारत ने 2023-24 में 86.75 लाख टन मूंगफली का उत्पादन किया.
  • दुनिया में रैंक: भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मूंगफली उत्पादक है.
  • प्रमुख उत्पादक राज्य: गुजरात अव्वल राज्य है, उसके बाद राजस्थान, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक का स्थान है.
  • महत्व: मूंगफली एक महत्वपूर्ण तिलहन फसल है, जो भारत में खेती के क्षेत्रफल की दृष्टि से पहले स्थान पर है.
POST A COMMENT