
खेती में केमिकल के इस्तेमाल को घटाने के लिए हिंदुस्तान इंसेक्टिसाइड्स लिमिटेड (HIL) ने हिमाचल की डॉ. यशवंत सिंह परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय से हाथ मिलाया है. भारत में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए दोनों संस्थाएं साथ आई हैं और एमओयू साइन किया गया है. इस पहल के जरिए 15 लाख हेक्टेयर कृषि भूमि को पारंपरिक रासायनिक खेती से जैविक या प्राकृतिक खेती के तरीकों में बदलाना है. इसके अलावा 15 लाख लोगों को हानिकारक कीटनाशकों के संपर्क से बचाना है.
नौणी विवि के कुलपति प्रोफेसर राजेश्वर सिंह चंदेल और एचआईएल के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक कुलदीप सिंह ने हस्ताक्षर किए. यह एमओयू वैश्विक पर्यावरण सुविधा (जीईएफ) और संयुक्त राष्ट्र औद्योगिक विकास संगठन (यूएनआईडीओ) के क्षेत्रीय चाइल्ड परियोजना जो भारत में फोस्टरिंग एग्रो केमिकल रिडक्शन एंड मैनेजमेंट (FARM) पहल के माध्यम से कृषि रसायन के इस्तेमाल को कम करने और प्रबंधित करने पर केंद्रित है.
हिंदुस्तान इंसेक्टिसाइड्स लिमिटेड (HIL) भारत सरकार के रसायन और उर्वरक मंत्रालय के अधीन कंपनी है. HIL कृषि रसायन, बीज और पानी में घुलनशील उर्वरक बनाता है. यह साझेदारी देश में प्राकृतिक कृषि पद्धतियों को सक्रिय रूप से बढ़ावा देने के लिए पारंपरिक रूप से कृषि रसायनों और उर्वरकों के उत्पादन में शामिल एक कंपनी के अग्रणी प्रयास का प्रतीक है.
फार्म परियोजना का प्राइमरी टारगेट रासायनिक कीटनाशकों के लिए सुरक्षित विकल्प उपलब्ध करना है और किसानों के बीच प्राकृतिक खेती सहित एकीकृत कीट प्रबंधन (IPM) प्रथाओं को बढ़ावा देना है. इस पहल का टारगेट 15 लाख हेक्टेयर कृषि भूमि को पारंपरिक रासायनिक खेती से जैविक या प्राकृतिक खेती के तरीकों में बदलाना है. इसके अलावा 15 लाख लोगों को हानिकारक कीटनाशकों के संपर्क से बचाना है.
प्रोफेसर चंदेल ने कहा कि प्राकृतिक खेती और एग्रीकल्चर इकोसिस्टम में विश्वविद्यालय तेजी से काम कर रहा है. उन्होंने एचआईएल के साथ साझेदारी के बारे में कहा कि यह सहयोग कृषि में केमिकल इस्तेमाल को कम करने और राष्ट्रव्यापी कार्यान्वयन के लिए पायलट मॉडल विकसित करने में महत्वपूर्ण योगदान देगा. विश्वविद्यालय प्राकृतिक खेती जैसी कृषि पारिस्थितिकी प्रथाओं में अग्रणी कार्य कर रहा है. विश्वविद्यालय पहले से ही यूरोपीय संघ की ओर से वित्त पोषित एक्रोपिक्स (ACROPICS) कंसोर्टियम का हिस्सा है.
इस संघ का लक्ष्य कृषि पारिस्थितिकीय फसल संरक्षण में इनोवेशन को बढ़ावा देना है. इसमें 13 देशों के 15 सदस्य हैं, जिनमें 12 शैक्षणिक संगठन और तीन कंपनियां शामिल हैं. ACROPICS का टारगेट कृषि पारिस्थितिकी फसल संरक्षण में प्रणालीगत नवाचारों के माध्यम से रासायनिक कीटनाशकों के इस्तेमाल में कमी लाना है. हाल ही में केंद्र सरकार की ओर से लॉन्च की गए राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन के 7 केंद्रों में से एक के रूप में विश्वविद्यालय को चुना गया है.
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