
Lucknow News: उत्तर प्रदेश में भीषण गर्मी का सिलसिला जारी है. प्रदेश के कई जिलों में आने वाले तीन दिन भीषण हीटवेव चलने के आसार हैं. ऐसे में राजधानी लखनऊ के सिटी मॉन्टेसरी स्कूल की छात्रा पावनी अग्रवाल एक अनोखा प्रोजेक्ट तैयार किया हैं. जो आने वाले दिनों में गर्मी से बड़ी राहत दे सकती है. सीएमएस गोमती नगर-2 के कैम्ब्रिज इंटरनेशनल में पढ़ने वाली कक्षा-12 की छात्रा पावनी अग्रवाल ने पर्यावरण एवं ऊर्जा संरक्षण हेतु विकसित किये गये प्रोजेक्ट ‘सोलर हिंज्ड एनर्जी एफिशिएंट टेराकोटा एयर-कूलर लाइनअप (शीतल) को सेंटर फॉर साइंस एंड टेक्नोलॉजी (CST) उत्तर प्रदेश द्वारा विशेष रूप से सम्मानित किया गया है. फिलहाल इस प्रोजेक्ट की चर्चा पूरे प्रदेश में हो रही है.
मेधावी छात्रा पावनी की इस सृजनात्मक परियोजना ने पर्यावरण को हानि पहुचाने वाली एअर-कंडीशनर जैसी मशीनों का बड़ा ही अलग विकल्प प्रदान किया है, साथ ही भावी पीढ़ी को विज्ञान व तकनीक के उपयोग के लिए प्रेरित किया है. यह जानकारी सीएमएस के जन-सम्पर्क अधिकारी ऋषि खन्ना ने इंडिया टुडे के डिजिटल प्लेटफॉर्म किसान तक से बातचीत में जानकारी दी. खन्ना ने बताया कि अभी हाल ही में पावनी ने अपने इस अनूठे प्रोजेक्ट को उत्तर प्रदेश के पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन विभाग के सचिव आशीष तिवारी (IFS) के सामने इस खास प्रोजेक्ट को प्रस्तुत किया गया था.
इस अवसर पर पावनी ने बताया कि उन्होंने यह प्रोजेक्ट ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूलों और अस्पतालों के लिए खास तौर पर तैयार किया है. ऋषि खन्ना ने बताया कि पावनी अग्रवाल ने यह ‘शीतल’ परियोजना श्री रामस्वरूप मेमोरियल यूनिवर्सिटी के सिविल इंजीनियरिंग विभाग के डीन डीन डॉ. अभिषेक सक्सेना के मार्गदर्शन में पूरी की है, जिससे कि गर्मी के मौसम में पर्यावरणीय क्षति और बिजली की खपत को कम किया जा सके, साथ ही आम जनमानस को अत्यन्त कम खर्च में नवीन शीतलन प्रणाली उपलब्ध कराई जा सके.
इस प्रोजेक्ट में सौर ऊर्जा की मदद से एक पंप द्वारा पानी के प्रवाह को रिसाइकिल कर टेराकोटा एवं जलवाष्प की मदद से एअर-कडीशनर जैसी ठंडक प्राप्त की जा सकती है. पावनी के इस ‘शीतल’ प्रोजेक्ट के माध्यम से भीषण गर्मी में भी तापमान में 10 डिग्री से अधिक की गिरावट दर्ज की गई है. खास बात यह है कि इस प्रोजेक्ट से न सिर्फ बिजली की खपत को कम किया जा सकता है. वहीं स्थानीय सामग्रियों का उपयोग से ही लोग आजीविका भी प्राप्त कर सकते हैं. पावनी ने भारत और यूरोप में ‘शीतल’ प्रोजेक्ट के पेटेंट कराने के लिए आवेदन भी किया है.
सीएमएस की प्रबंधक प्रो. गीता गांधी किंगडन ने छात्रा पावनी की वैज्ञानिक प्रतिभा एवं पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता की भूरि-भूरि प्रशंसा करते हुए उसके उज्जवल भविष्य की कामना की है. प्रो. किंगडन ने कहा कि पावनी की यह ‘शीतल’ परियोजना पर्यावरण व ऊर्जा संरक्षण के क्षेत्र में मील का पत्थर है. यह उन लोगों के लिए भी बेहद फायदेमंद है, जो एअर-कंडीशनर जैसी मंहगी मशीनों का खर्च वहन करने में सक्षम नहीं हैं. स्कूल प्रबंधन ने इसे अपने लिए गर्व का विषय बताया है.
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