Solar City Ayodhya: अयोध्या के विकास में जुटी योगी सरकार ने बड़ी उपलब्धि हासिल कर ली है. सौर ऊर्जा के जरिए 40 मेगावॉट बिजली उत्पादन की क्षमता प्राप्त करने के साथ ही अयोध्या शहर अब मॉडल सोलर सिटी के रूप में घोषित हो गई है. उत्तर प्रदेश सौर ऊर्जा नीति 2022 के अंतर्गत अयोध्या शहर को मॉडल सोलर सिटी के रूप में मान्यता दी गई है. इस नीति के अंतर्गत सोलर सिटी को ऐसे शहर के रूप में परिभाषित किया गया है, जहां पारंपरिक ऊर्जा की अनुमानित कुल मांग में न्यूनतम 10 फीसदी की कमी अक्षय ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना से प्राप्त की जा सके. इस लिहाज से अयोध्या शहर ने दोगुनी क्षमता का विकास कर लिया है. इस सौर उर्जा के प्लांट के शुरू होने से किसानों को खेती किसानी में बड़ा फायदा होगा. जिले के किसानों को सिंचाई के लिए पर्याप्त मात्रा में बिजली मिलेगी.
दरअसल, अयोध्या शहर की अनुमानित मांग 198 मेगावाट है, इसके 10 प्रतिशत यानी लगभग 20 मेगावॉट के सापेक्ष सोलर पॉवर प्लांट की क्षमता 40 मेगावॉट हो चुकी है. इस सोलर प्लांट की स्थापना एवं कमिशनिंग का काम निर्धारित समयावधि में पूरा किया गया है. प्लांट को सरयू नदी के पास ग्राम माझा रामपुर हलवारा और ग्राम माझा सरायरासी में एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड द्वारा स्थापित किया गया है.
बता दें कि इस सोलर पॉवर प्रोजेक्ट की स्थापना के लिए राज्य सरकार द्वारा 165.10 एकड़ सरकारी भूमि एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड को 1 रुपए प्रति एकड़ प्रतिवर्ष की दर से 30 साल के लिए लीज पर उपलब्ध कराई गई है. यहीं पर 40 मेगावॉट क्षमता की सोलर पॉवर प्रोजेक्ट की स्थापना की गई है. इस प्रोजेक्ट से उत्पादित होने वाली ऊर्जा को कॉस्ट प्लस के आधार पर निर्धारित टैरिफ पर यूपीपीसीएल द्वारा 25 साल तक खरीदी जाएगी.
इसमें राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय में 250 किलोवाट का सौर पैनल, कृषि विश्वविद्यालय में 155 किलोवाट का पैनल, जिला अदालत में 100 किलोवाट क्षमता का पैनल, राम कथा संग्रहालय में 58 किलोवाट का पैनल और विभिन्न सरकारी माध्यमिक विद्यालयों में 50 किलोवाट का पैनल शामिल है. 40 मेगावॉट क्षमता की सौर पॉवर परियाजना स्थापित होने के परिणामस्वरूप अयोध्या शहर मॉडल सोलर सिटी घोषित की गई है.
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