Agriculture trends in 2024: क्या मार्केट पर कब्जा करेंगे मिनी ट्रैक्टर, जानिए कैसा होने वाला है खेती में छोटे ट्रैक्टर्स का भविष्य?

Agriculture trends in 2024: क्या मार्केट पर कब्जा करेंगे मिनी ट्रैक्टर, जानिए कैसा होने वाला है खेती में छोटे ट्रैक्टर्स का भविष्य?

2024 में स्वदेशी ट्रैक्टर के 50 साल पूरे हो रहे हैं. साल 1974 में पंजाब ट्रैक्टर लिमिटेड ने देश का स्वराज 724 ट्रैक्टर उतारा जो भारत में डिजायन और बनने वाला पहला स्वदेशी ट्रैक्टर था. इसके बाद ट्रैक्टर इडंस्ट्री ने रफ्तार पकड़ी और 50 साल के इस सफर में ट्रैक्टर्स में बहुत बदलाव आये जिसमें खासतौर पर 40-50HP वाले ट्रैक्टर का बोलबाला रहा. लेकिन क्या अब बड़े ट्रैक्टर्स का वर्चस्व कम होने वाला और मिनी ट्रैक्टर उनकी जगह लेने वाले हैं, इस बारे में किसान तक (Kisan tak) ने इंडस्ट्री एक्सपर्ट कृष्ण कुमार तिवारी(हेड, ट्रैक्टर प्रॉफिट सेंटर,VST Tillers tractors) से बातचीत की और जाना खेती में मिनी ट्रैक्टर का भविष्य कैसा रहने वाला है? 

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Agriculture trends in 2024: क्या मार्केट पर कब्जा करेंगे मिनी ट्रैक्टर, जानिए कैसा होने वाला है खेती में छोटे ट्रैक्टर्स का भविष्य?2024 में मिनी ट्रैक्टर का बढ़ेगा मार्केट शेयर, जानिए क्या आएगा खेती में बदलाव?

1998 में पहली बार मिनी ट्रैक्टर आया और इसके बाद से लगातार धीरे-धीरे अपनी पहुंच बढ़ा रहा है. अब माना जा रहा है एग्रीकल्चर में बड़े ट्रैक्टर की बजाय भविष्य छोटे ट्रैक्टर का है. 2024 और आगे आने वाले टाइम में मिनी ट्रैक्टर मार्केट में बड़ी जगह बनाने वाले हैं मिनी ट्रैक्टर के बढ़ते बाजार को देखते हुए Sonalika, Mahindra, Swaraj, Kubota, Massey और John Deere के अलावा सभी दूसरी ट्रैक्टर कंपनी एक नहीं कई मिनी ट्रैक्टर के मॉडल मार्केट में उतार रही हैं. फिलहाल मिनी ट्रैक्टर का मार्केट शेयर कितना है और आने वाले टाइम में इनका हिस्सा कितना बढ़ेगा, कैसे ये देश में एग्रीकल्चर को बदलेंगे इस बारे में VST Tillers tractors के ट्रैक्टर प्रॉफिट सेंटर के हेड कृष्ण कुमार तिवारी ने ये जानकारी दी. पहले ग्राफ से समझिए इंडियन ट्रैक्टर इंडस्ट्री कैसी है और फिर जानिए क्यों मिनी ट्रैक्टर की ग्रोथ स्पीड पकड़ेगी.

इंडियन ट्रैक्टर इंडस्ट्री
ट्रैक्टर इंडस्ट्री(Overview)


क्यों बढ़ेगा मिनी ट्रैक्टर का मार्केट?

 

  • कृष्ण कुमार  का मानना है कि 2024 के बाद और 2026 आते आते ट्रैक्टर इंडस्ट्री में बड़े बदलाव होंगे और भविष्य में बस दो केटेगरी पूरा मार्केट शेयर अपने नाम करेंगे जिसमें पहला है 25HP से कम पावर वाले ट्रैक्टर यानी मिनी ट्रैक्टर्स. इनका अभी मार्केट शेयर लगभग 10% तक है जो बढ़कर 25% तक हो जाएगा. 
  • दूसरी मेन केटेगरी होगी 45HP से कम वाले ट्रैक्टर जिनका मार्केट शेयर अभी लगभग 58% तक है और वो आने वाले टाइम में 65-70% तक हो जाएगा. बाकी बचे हुए 5-10% मार्केट में 30-40HP वाले ट्रैक्टर्स का शेयर रहेगा. इसलिए देखा जाए तो मिनी ट्रैक्टर का ट्रेंड बढ़ेगा, अभी जो किसान 30-40 HP का ट्रैक्टर खरीदते हैं वो मिनी ट्रैक्टर खरीदने की तरफ जाएंगे और इसका मार्केट तेजी से बढ़ेगा.
  • पहले जहां किसान पुराने तरीके से खेती करते थे और बड़े बड़े खेतों में 2 या अधिकतम 3 फसलें उगाते थे. लेकिन आज क्रॉप डाइवर्सिफिकेशन यानी विविधीकरण से तरह तरह की फसलें उगाने पर जोर है जिससे छोटी जगह पर खेती हो रही है. कम जगह पर काम करने के लिए बड़े ट्रैक्टर की बजाय छोटे ट्रैक्टर ज्यादा उपयोगी हैं इसलिए छोटे ट्रैक्टर्स की डिमांड बढ़ रही है

मिनी ट्रैक्टर में पॉपुलर हैं 3 केटेगरी 

पहली केटेगरी में 20 HP से कम पावर वाले ट्रैक्टर होते हैं, इनमें जनरली 1 सिलेंडर का इंजन होता है और 2 व्हील ड्राइव होता है, कीमत 3 लाख रुपये तक होती है. लेकिन ये ट्रैक्टर इंडस्ट्री के लिए बहुत फायदेमंद नहीं होते और इंडस्ट्री इनको किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए बनाती है जिससे वो नई तकनीक और छोटे ट्रैक्टर्स के रुझान, उपयोग की तरफ थोड़ा जागरुक हो सकें. सामान्य तौर पर ये छोटे किसानों के लिए हैं जिससे वो खेती के काम कर सकते हैं और गांव में ट्रांसपोर्ट, मिट्टी ढोने या खेती से संबंधित बाकी काम में इस्तेमाल होते हैं. 

2-मिनी ट्रैक्टर 4 व्हील ड्राइव(20-30HP)

आने वाले टाइम में 4 व्हील ड्राइव मिनी ट्रैक्टर का उपयोग सबसे ज्यादा बढ़ेगा. ये बेहद स्पेशलाइज्ड ट्रैक्टर हैं जो लाइट वेट हैं, बेहद छोटे साइज के हैं जिसमें इनकी लंबाई सिर्फ 3 फुट तक की है और ये 4 व्हील ड्राइव ऑप्शन के साथ आते हैं. ये एडवांस तकनीक से बने ट्रैक्टर हैं, लाइटवेट बनाने के लिए इनमें एल्यूमिनियम का इस्तेमाल होता है, हल्के होने की वजह से ये मिट्टी को दबाते नहीं है और इनमें पावर किसी बड़े ट्रैक्टर जितनी ही होती है.   

कहां काम आते हैं ये स्पेशल मिनी ट्रैक्टर? 

देश में जितनी भी बागबानी हो रही है उनमें अब सबसे ज्यादा इसी केटेगरी के ट्रैक्टर को यूज किया जा रहा है. आम, केला, सेब, संतरा, अंगूर, अमरूद के अलावा बाकी फल और सब्जियों के लिए भी यही ट्रैक्टर काम के हैं. ये ट्रैक्टर क्रॉप मैनेजमेंट के लिए बेस्ट माने जाते हैं. किसानों को अगर खेती से 3 गुना ज्यादा पैसा कमाना है तो ट्रेडिशनल फार्मिंग जैसे गेंहू, गन्ना, धान के अलावा कमर्शियल क्रॉप की तरफ बढ़ना होगा और इसमें 4 व्हील ड्राइव मिनी ट्रैक्टर ही उपयोगी हैं. इस सेक्टर की ग्रोथ के लिए मिनी ट्रैक्टर बेस्ट हैं. 3 फुट के ये ट्रैक्टर उन छोटे खेत या बाग में आसानी से चल सकते हैं  जहां बड़े ट्रैक्टर से फसल को नुकसान हो जाता है. अब तो ये ट्रैक्टर फल सब्जी ही नहीं बल्कि चावल जैसी फसल के लिए भी इस्तेमाल हो रहे हैं

3- मिनी ट्रैक्टर( 2 व्हील ड्राइव)

25HP से कम वाले ये वैल्यू फॉर मनी ट्रैक्टर हैं जो बड़े साइज के ट्रैक्टर के सारे काम कर सकते हैं, बस इनका साइज छोटा है लेकिन कीमत लगभग 4 व्हील ड्राइव के बराबर होते हैं. दरअसल इनको साइज में छोटा बनाया जाता है लेकिन वजन काफी होता है और पावर कम होती है. खेती के कामों के लिए ट्रैक्टर में वजन होना जरूरी है वरना ट्रैक्टर फिसल सकता है. ये बड़े ट्रैक्टर वाले ही सारे काम करते हैं लेकिन साइज में छोटे होते हैं. 

मिनी ट्रैक्टर के फीचर्स

  • 25 केटेगरी के ट्रैक्टर मिनी होते हैं. हालांकि कुछ ट्रैक्टर 18HP से कम पावर में भी होते हैं लेकिन ज्यादातर 18 से 28HP सेगमेंट में हैं. 
  • मिनी ट्रैक्टर का साइज भले ही छोटा होता है लेकिन इंजन में काफी दम होता है. मिनी ट्रैक्टर में 1000CC से लेकर 1500 CC का इंजन होता है.
  • RPM की बाते करें तो 1500 से लेकर 2500 तक RPM जेनेरेट होती.  इनमें 2 व्हील और 4 व्हील ड्राइव दोनों ऑप्शन मिलते हैं .
  • मिनी ट्रैक्टर्स में 8 फॉरवर्ड के साथ 4 रिवर्स गेयर का फीचर रहता है, साथ ही ऑइल इमर्स्ड ब्रेक, ऑटोमेटिक ट्रांसमिशन भी मिलता है
  • छोटे ट्रैक्टर्स के साथ खेती के सभी इक्विपमेंट जैसे कल्टीवेटर, हैरो, रोटावेटर, प्लाउ, ट्रॉली और ट्रेलर, अटैच हो जाते हैं 
     
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