
1998 में पहली बार मिनी ट्रैक्टर आया और इसके बाद से लगातार धीरे-धीरे अपनी पहुंच बढ़ा रहा है. अब माना जा रहा है एग्रीकल्चर में बड़े ट्रैक्टर की बजाय भविष्य छोटे ट्रैक्टर का है. 2024 और आगे आने वाले टाइम में मिनी ट्रैक्टर मार्केट में बड़ी जगह बनाने वाले हैं मिनी ट्रैक्टर के बढ़ते बाजार को देखते हुए Sonalika, Mahindra, Swaraj, Kubota, Massey और John Deere के अलावा सभी दूसरी ट्रैक्टर कंपनी एक नहीं कई मिनी ट्रैक्टर के मॉडल मार्केट में उतार रही हैं. फिलहाल मिनी ट्रैक्टर का मार्केट शेयर कितना है और आने वाले टाइम में इनका हिस्सा कितना बढ़ेगा, कैसे ये देश में एग्रीकल्चर को बदलेंगे इस बारे में VST Tillers tractors के ट्रैक्टर प्रॉफिट सेंटर के हेड कृष्ण कुमार तिवारी ने ये जानकारी दी. पहले ग्राफ से समझिए इंडियन ट्रैक्टर इंडस्ट्री कैसी है और फिर जानिए क्यों मिनी ट्रैक्टर की ग्रोथ स्पीड पकड़ेगी.
पहली केटेगरी में 20 HP से कम पावर वाले ट्रैक्टर होते हैं, इनमें जनरली 1 सिलेंडर का इंजन होता है और 2 व्हील ड्राइव होता है, कीमत 3 लाख रुपये तक होती है. लेकिन ये ट्रैक्टर इंडस्ट्री के लिए बहुत फायदेमंद नहीं होते और इंडस्ट्री इनको किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए बनाती है जिससे वो नई तकनीक और छोटे ट्रैक्टर्स के रुझान, उपयोग की तरफ थोड़ा जागरुक हो सकें. सामान्य तौर पर ये छोटे किसानों के लिए हैं जिससे वो खेती के काम कर सकते हैं और गांव में ट्रांसपोर्ट, मिट्टी ढोने या खेती से संबंधित बाकी काम में इस्तेमाल होते हैं.
आने वाले टाइम में 4 व्हील ड्राइव मिनी ट्रैक्टर का उपयोग सबसे ज्यादा बढ़ेगा. ये बेहद स्पेशलाइज्ड ट्रैक्टर हैं जो लाइट वेट हैं, बेहद छोटे साइज के हैं जिसमें इनकी लंबाई सिर्फ 3 फुट तक की है और ये 4 व्हील ड्राइव ऑप्शन के साथ आते हैं. ये एडवांस तकनीक से बने ट्रैक्टर हैं, लाइटवेट बनाने के लिए इनमें एल्यूमिनियम का इस्तेमाल होता है, हल्के होने की वजह से ये मिट्टी को दबाते नहीं है और इनमें पावर किसी बड़े ट्रैक्टर जितनी ही होती है.
देश में जितनी भी बागबानी हो रही है उनमें अब सबसे ज्यादा इसी केटेगरी के ट्रैक्टर को यूज किया जा रहा है. आम, केला, सेब, संतरा, अंगूर, अमरूद के अलावा बाकी फल और सब्जियों के लिए भी यही ट्रैक्टर काम के हैं. ये ट्रैक्टर क्रॉप मैनेजमेंट के लिए बेस्ट माने जाते हैं. किसानों को अगर खेती से 3 गुना ज्यादा पैसा कमाना है तो ट्रेडिशनल फार्मिंग जैसे गेंहू, गन्ना, धान के अलावा कमर्शियल क्रॉप की तरफ बढ़ना होगा और इसमें 4 व्हील ड्राइव मिनी ट्रैक्टर ही उपयोगी हैं. इस सेक्टर की ग्रोथ के लिए मिनी ट्रैक्टर बेस्ट हैं. 3 फुट के ये ट्रैक्टर उन छोटे खेत या बाग में आसानी से चल सकते हैं जहां बड़े ट्रैक्टर से फसल को नुकसान हो जाता है. अब तो ये ट्रैक्टर फल सब्जी ही नहीं बल्कि चावल जैसी फसल के लिए भी इस्तेमाल हो रहे हैं
25HP से कम वाले ये वैल्यू फॉर मनी ट्रैक्टर हैं जो बड़े साइज के ट्रैक्टर के सारे काम कर सकते हैं, बस इनका साइज छोटा है लेकिन कीमत लगभग 4 व्हील ड्राइव के बराबर होते हैं. दरअसल इनको साइज में छोटा बनाया जाता है लेकिन वजन काफी होता है और पावर कम होती है. खेती के कामों के लिए ट्रैक्टर में वजन होना जरूरी है वरना ट्रैक्टर फिसल सकता है. ये बड़े ट्रैक्टर वाले ही सारे काम करते हैं लेकिन साइज में छोटे होते हैं.
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