
पंजाब के संगरूर जिले के पंनवा गांव की प्रभजोत कौर ने यह साबित कर दिया है कि अगर हौसला हो तो महिलाएं भी खेती और तकनीक जैसे पुरुष-प्रधान क्षेत्रों में इतिहास रच सकती हैं. एक साधारण घरेलू महिला से AI ड्रोन ऑपरेटर बनीं प्रभजोत कौर आज इलाके के किसानों के लिए नई उम्मीद बन चुकी हैं. आसपास के किसान भी उनकी तरह ड्रोन दीदी बनकर खेती में नई कहानी लिखना चाह रहे हैं. महिला किसानों के लिए तो वे खासतौर पर प्रेरणा बन गई हैं.
प्रभजोत ने “उम्मीद फाउंडेशन” के माध्यम से दिल्ली में ड्रोन प्रशिक्षण लिया और केंद्र सरकार की योजना के तहत उन्हें 18 लाख रुपये की लागत वाला आधुनिक बैटरी से चलने वाला ड्रोन मिला. इस ड्रोन की मदद से वे किसानों के खेतों में कीटनाशक और खादों का स्प्रे कर रही हैं.
ड्रोन की ताकत इतनी है कि महज 15 मिनट में 2 एकड़ खेत में स्प्रे कर सकता है. इससे समय, श्रम और लागत — तीनों की बचत होती है. अब तक प्रभजोत कौर ने 1000 एकड़ से अधिक खेत में धान, मक्का, आलू और गन्ना जैसी फसलों में ड्रोन से स्प्रे किया है.
प्रभजोत कहती हैं कि शुरुआत में खेतों में जाना मुश्किल लगता था, लेकिन पति के सहयोग और खुद के आत्मविश्वास से उन्होंने यह चुनौती स्वीकार की. आज वे रोजाना 5 से 10 हजार रुपये तक कमा रही हैं और आसपास के किसान लगातार उनकी सेवाएं ले रहे हैं.
“उम्मीद फाउंडेशन” की मैनेजर राजविंदर कौर बताती हैं कि शुरुआत में यह मानना मुश्किल था कि महिलाएं ड्रोन जैसी उन्नत तकनीक अपनाएंगी, लेकिन प्रभजोत ने यह कर दिखाया और अब उन्हें बड़े पैमाने पर ऑर्डर मिल रहे हैं.
प्रभजोत कौर का यह सफर केवल आर्थिक आत्मनिर्भरता नहीं बल्कि सामाजिक बदलाव की मिसाल बन चुका है. वे अब पंजाब की महिलाओं के लिए रोल मॉडल बन गई हैं. उनका यह योगदान राज्य में महिलाओं की कृषि में भागीदारी को एक नई दिशा दे रहा है.
इस प्रकार, ड्रोन तकनीक का यह प्रयोग न केवल खेती को अधिक आधुनिक, सुरक्षित और कुशल बना रहा है, बल्कि महिलाओं की भागीदारी और नेतृत्व को भी एक नई ऊंचाई पर पहुंचा रहा है.
इसमें केंद्र सरकार की ड्रोन दीदी योजना का भी बड़ा रोल है क्योंकि इससे खेती और किसानों में नई जागरुकता आई है. ड्रोन दीदी योजना में महिला किसानों को ड्रोन चलाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है. महिला किसान के अलावा आम महिला भी ड्रोन उड़ा सकती है और कमाई कर सकती है.(कुलवीर सिंह का इनपुट)
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