
मौसम में बदलाव का असर सबसे अधिक दशहरी आम (Dasheri mango crop) पर पड़ा है. 25 से शुरू होने वाली आम की तुड़ाई के पहले आंधी पानी से आम को नुकसान पहुंचा है. लखनऊ के मलिहाबाद, काकोरी व माल के फल पट्टी क्षेत्र में आम जमीन पर गिरा नजर आए. इन फसलों पर फफूंदी जनित बीमारियों का खतरा बढ़ेगा. तूफान के कारण पेड़ों से टूटकर गिरे आम अब बिक्री योग्य नहीं रहे हैं. पिछले 40 साल से दशहरी आम की खेती कर रहे प्रगतिशील किसान और अवध आम उत्पादक बागवानी समिति मलिहाबाद के महासचिव उपेंद्र सिंह ने बताया कि जिन पर बैगिंग की गई थी, वो आम सुरक्षित है, जबकि बाकी आम में अभी जाली नहीं आई थी, उन आमों के टूट जाने से बहुत बड़ा नुकसान हुआ है.
उन्होंने बताया कि यह मौसम बागवानों के लिए प्रतिकूल है. बागवानों को आम की बैगिंग पर ध्यान देना चाहिए और कीटों के प्रकोप को लेकर सतर्क रहना चाहिए.दरअसल बुधवार शाम तेज आंधी की वजह से लखनऊ, सहारनपुर, मेरठ, अलीगढ़ और झांसी सहित पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई जिलों में किसानों की फसलों को भारी नुकसान हुआ है.
लखनऊ मुख्यालय से करीब 30 किलोमीटर दूर मलिहाबाद में आम के ज्यादातर बागों का यही हाल है. अपने स्वाद, आकार और वैराइटी को लेकर मशहूर मलिहाबाद के आम इस साल कम आएंगे. 5 बीघा आम के बागवानी करने वाले किसान जुगल किशोर तिवारी ने बताया कि रामकेला, दशहरी, चौसा और बंबइया आम लगे हैं. लेकिन आंधी-तूफान के कारण कई पेड़ों से आम टूटकर गिर गए है, जिससे काफी नुकसान हुआ है.
सोहन लाल कहते हैं कि आम को बैग के अंदर कर देने से यह सुरक्षित हो जाता है. इसका कलर बढ़िया हो जाता है. जून के पहले हफ्ते में यह तोड़ा जाएगा. तब जो आम खुले में है, वह अगर 30 रुपए किलो गया तो जो बैग में है, वह 60 से 70 रुपए तक बिक जाता है. एक बैग करीब 2 रुपए का पड़ता है और फिर इसे लगाने में भी खर्च आता है, जो आम नीचे हैं, उन्हीं में यह लगाया जा सकता है.
अयोध्या में बुधवार की रात अमानीगंज, मिल्कीपुर और अमरगंज क्षेत्र में आई तेज आंधी और बारिश ने आम के किसानों को भारी नुकसान पहुंचाया है.आम के बाग की नीलामी लेने वाले किसान बच्चू लाल ने बताया कि तूफान में 3 से 4 क्विंटल आम टूटकर बर्बाद हो गए. इस बार फसल अच्छी होने की उम्मीद थी. लेकिन प्राकृतिक आपदा ने किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया.
वहीं किसान राम बालक के अनुसार कई पेड़ों से आम टूटकर जमीन पर गिर गए. यह नुकसान किसानों की आर्थिक स्थिति को प्रभावित करेगा. इस क्षेत्र में आम की खेती किसानों की आजीविका का मुख्य स्रोत है. ऐसी प्राकृतिक आपदाएं उनकी आर्थिक स्थिति को कमजोर कर रही हैं.
अवध आम उत्पादक बागवानी समिति मलिहाबाद के महासचिव उपेंद्र सिंह ने बताया कि 5 जून से दहशरी आम की हार्वेस्टिंग शुरू हो जाएगी. इस बार 45-50 फीसदी आम पेड़ों पर टिका है. पिछले साल 35 फीसदी के मुकाबले काफी बेहतर है. वहीं पिछले साल के मुकाबले फसल काफी अच्छी है. सिंह कहते हैं कि कि पाल वाला आम मई अंत तक बाजार में आने लगेगा. वहीं पाल वाला आम जून दूसरे सप्ताह में ही आएगा. उन्होंने बताया कि बैगिंग वाले आम के दाम किसानों को 80 रुपये प्रति किलो तक मिलने की उम्मीद है. बाजार में यह 150 रुपये प्रति किलो तक बिक जाता है.
उधर, लखनऊ के प्रसिद्ध दशहरी आम के प्रेमियों के लिए यह बारिश वरदान साबित हो सकती है. विशेषज्ञों का मानना है कि अगर अगले कुछ दिनों तक बारिश जारी रही, तो दशहरी आम जल्दी पककर बाजार में आ सकता है. ऐसे में आम प्रेमियों को जल्द ही स्वादिष्ट आम चखने का मौका मिलेगा.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में आंधी, बारिश और ओलावृष्टि के बाद उत्पन्न आपदा की स्थिति को देखते हुए सभी संबंधित जनपदों के अधिकारियों को तत्काल राहत कार्य शुरू करने के सख्त निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि अधिकारी तत्काल क्षेत्र का भ्रमण करें और प्रभावित इलाकों में सर्वेक्षण कर स्थिति का आकलन करें. सीएम ने आकाशीय बिजली, आंधी-तूफान और बारिश जैसी प्राकृतिक आपदाओं से होने वाली जनहानि और पशुहानि की स्थिति में प्रभावितों को तुरंत राहत राशि वितरित करने के निर्देश दिए. साथ ही घायलों के समुचित उपचार की व्यवस्था सुनिश्चित करने पर जोर दिया.
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