त्रिपुरा सरकार ने खरीफ सीजन 2023- 24 के दौरान किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर 40,000 मीट्रिक टन धान खरीदने का लक्ष्य निर्धारित किया है. राज्य में 11 दिसंबर से धान की खरीदी शुरू होगी, जो अगले साल 31 जनवरी तक जारी रहेगी. इसके लिए सरकार ने सारी तैयारी कर ली है.धान खरीदी के लिए प्रदेश में 49 क्रय केंद्र बनाए गए हैं. खास बात यह है कि किसानों से 21.83 रुपये प्रति किलो की दर से धान खरीदा जाएगा.
खाद्य मंत्री सुशांत चौधरी ने शनिवार को कहा कि 11 दिसंबर को सिपाहीजला जिले के मेलाघर स्थित धान क्रय केंद्र से प्रदेश में धान खरीद की शुरुआत हो जाएगी. उन्होंने कहा कि किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान खरीदा जाएगा. खाद्य मंत्री ने कहा कि वर्ष 2018 से राज्य में साल में दो बार धान की खरीदी की जा रही है. उन्होंने कहा है कि हमें उम्मीद है कि किसान भारी संख्या धान बेचने के लिए क्रय केंद्र पर पहुंचेंगे. इससे किसानों को काफी फायदा होगा. उनकी इनकम में बढ़ोतरी होगी.
वहीं, कृषि मंत्री रतनलाल नाथ ने कहा कि सरकार का मुख्य उदेश्य किसानों की आमदनी दोगुनी करनी है. इसके लिए वह राज्य में वर्ष 2018 से किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान खरीद रही है. उन्होंने बताया कि वर्ष 2018-19 से वर्ष 2022-23 तक राज्य के 91 हजार 377 किसानों से 1 लाख 79 हजार 219 मीट्रिक टन धान न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदा गया है. इससे किसानों को 342 करोड़ 34 लाख रुपये मिले. ये रुपये किसानों के खाते में सीधे ट्रांसफर किए गए.
कृषि मंत्री ने कहा कि हर साल धान के न्यूनतम समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी की गई. उनकी माने तो वर्ष 2018-19 में, प्रति किलोग्राम धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य 17.50 रुपये था, जिसे वर्ष 2019-20 में बढ़ाकर 18.15 रुपये प्रति किलो कर दिया गया. वहीं, धान खरीद सीजन 2020-21 में किसानों से एमएसपी पर18.68 रुपये प्रति किलो की दर से धान खरीदा गया.
इसी तरह सरकार ने वर्ष 2021-22 में धान का मिनिमम सपोर्ट प्राइस बढ़ाकर 19.40 रुपये प्रति किलो कर दिया. वहीं, वर्ष 2022-23 में धान का एमएसपी बढ़ाकर 20.40 रुपये प्रति किलो कर दिया गया. लेकिन इस बार किसानों से 21.83 रुपये प्रति किलो की दर से धान की खरीदी की जाएगी. कृषि मंत्री रतनलाल नाथ ने कहा कि राज्य सरकार खाद्य आत्मनिर्भरता और किसानों की आय दोगुनी करने के लक्ष्य को लेकर लगातार आगे बढ़ रही है. उनका कहना है कि किसानों की इनकम जल्द ही दोगुनी होगी.
ये भी पढ़ें- Onion Farming: प्याज उत्पादन में महाराष्ट्र है आगे, पांच राज्यों में होती है 80 फीसदी पैदावार
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today