पाले और कोहरे का भीषण असर उत्तर प्रदेश में देखा जा रहा है. इसका प्रभाव इंसानों के साथ-साथ मवेशियों और फसलों पर भी देखा जा रहा है. यूपी के कुछ जिले ऐसे हैं जहां फसलों पर मौसम की मार देखी जा रही है. इन जिलों में औरैया और अमरोहा प्रमुख हैं. इन दोनों जिलों में फसलों पर मौसम की तगड़ी मार देखी जा रही है. इस मौसम में साग-सब्जियों से लेकर दलहन और तिलहन की फसलें प्रभावित दिख रही हैं. किसानों को मौसम की मार उससे पैदा हुई बीमारी को रोकने के लिए सलाह जारी की गई है. सरकार के कृषि विभाग ने बताया है कि किसान अपनी फसलों को कैसे बचा सकते हैं.
बात औरैया की जहां फसलों पर मौसम की मार से बीमारियों का हमला देखा जा रहा है. औरैया में इस समय हाड़ कंपाने वाली सर्दी ने किसानों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. यहां अपनी फसलों को लेकर किसान चिंता में डूबा हुए हैं. मौसम की मार से किसानों की फसलों को काफी नुकसान पहुंच रहा है. इस समय कोहरा और पाले की वजह से केवल गेहूं की फसल को फायदा होता नजर आ रहा है. पाले और ठंड की वजह से सरसों, आलू, चना और अन्य फसलों को काफी नुकसान हो रहा है. इससे किसान की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं.
औरैया में इस समय किसानों की दिक्कतें बढ़ती नजर आ रही हैं. पाला पड़ने से फसलों पर इस समय रोग लगने की आशंका बढ़ गई है. गेहूं की फसल के लिए कोहरा और पाला दोनों ही काफी फायदेमंद हैं, तो आलू, चना, सरसों और अन्य सब्जियों की खेती को बहुत नुकसान हो रहा है. पाले की वजह से आलू में झुलसा रोग और सरसों में माहू रोग की संभावना बढ़ गई है. यहां एक ओर किसान गेहूं की फसल को लेकर खुश नजर आ रहा है, तो दूसरी ओर आलू, सरसों, चना और सब्जी फसलों को लेकर चिंता में डूबा हुआ है.
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कुछ-कुछ यही हाल यूपी के अमरोहा में भी है. यहां कई दिनों से तापमान में गिरावट होने की वजह से सरसों की फसल में माहू कीट का प्रकोप दिखाई देने लगा है. यह कीट पौधे की पत्ती और तने के रस को चूस कर नुकसान पहुंचा रहा है. फिलहाल कृषि विभाग ने इस कीट की पहचान करते हुए बचाव के लिए किसानों को उपचार की सलाह दी है. तापमान में गिरावट का असर देश-दुनिया ही नहीं, फसलों पर भी दिखाई पड़ रहा है. फिलहाल सरसों की फसल पर मौसम की मार के चलते माहू कीट का प्रकोप दिखाई देने लगा है. यह कीट छोटे पौधों से लेकर वयस्क पौधों की पत्ती और तने से रस चूसते हैं जिससे पौधे की बढ़वार रुक जाती है. इस कीट के प्रकोप से फलियां और बीज का विकास भी प्रभावित होता है जिससे फसल में 25 से 40 फ़ीसदी तक हानि होने की संभावना रहती है.
इस तरह के नुकसान से बचाव के लिए कृषि विभाग ने किसानों के लिए एडवाइजरी जारी की है. इस एडवाइजरी में बताया गया है कि किसान अपनी फसलों को कैसे बचा सकते हैं. साधारण उपाय में बताया जाता है कि पाले से बचाव के लिए किसान फसलों में सिंचाई करें. किसान चाहें तो फसलों के आसपास धुआं कर सकते हैं. सब्जी की खेती की है तो मेढ़ पर पर्दा या टाटी लगाकर हवा के असर को कम किया जा सकता है. इसके अलावा कृषि विभाग की ओर जारी दवाओं की लिस्ट देखकर किसान फसलों पर छिड़काव कर उसे बचा सकते हैं. इस फसल से गेहूं को नुकसान नहीं है, लेकिन सब्जियों की फसल चौपट हो सकती है. इसलिए किसान समय रहते इसका उपाय कर लें.
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