उत्तर प्रदेश (यूपी) सरकार ने गन्ना किसानों के हित में एक बड़ा फैसला लिया है. उत्तर प्रदेश की गन्ना एवं चीनी आयुक्त ने समीक्षा बैठक में जानकारी दी कि पेराई सत्र 2025-26 के लिए समिति सदस्यता की अंतिम तिथि 10 अक्टूबर 2025 तक बढ़ा दी गई है. उनका कहना था कि जिला गन्ना अधिकारियों और किसानों की मांग को देखते हुए यह फैसला लिया गया है. उन्होंने कहा कि ऐसे किसान जो अब तक समिति के सदस्य नहीं बन पाए थे, उन्हें इस पेराई सत्र में गन्ना आपूर्ति का लाभ लेने के लिए अतिरिक्त 10 दिन का अवसर दिया गया है.
गन्ना आयुक्त का कहना था कि इस फैसले से पहले समिति सदस्यता और उपज बढ़ोत्तरी के लिए अंतिम तिथि 30 सितंबर 2025 तय थी. गन्ना आयुक्त ने किसानों से अपील की है कि जो किसान पहली बार गन्ने की खेती कर रहे हैं, वे समिति की सदस्यता लेकर गन्ना आपूर्ति का लाभ उठाएं और राज्य सरकार द्वारा घोषित गन्ना मूल्य का फायदा प्राप्त करें. उनका कहना था कि इस फैसले से ज्यादा से ज्यादा नए किसानों के जुड़ने से समितियों में गन्ने की उपलब्धता भी बढ़ेगी.
उन्होंने यह भी बताया कि जिन किसानों की गन्ना उपज जिले के औसत से अधिक है, वो उपज बढ़ोत्तरी हेतु अपना आवेदन पत्र 10 अक्टूबर 2025 तक जमा कर सकते हैं. उपज बढ़ोत्तरी का फायदा सिर्फ उन्हीं किसानों को मिलेगा जिन्होंने समय पर आवेदन किया होगा. गन्ना किसानों की मांग को ध्यान में रखते हुए पेराई सत्र 2025-26 में 10 अक्टूबर तक समिति में शामिल हुए नए सदस्यों को गन्ना आपूर्ति का लाभ लेने की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी.
उत्तर प्रदेश लगातार कई वर्षों से भारत में सबसे बड़े गन्ना उत्पादक राज्य के रूप में अपनी स्थिति को मजबूती से बनाए हुए है. साल 2024 में 215 मिलियन मीट्रिक टन से ज्यादा के उत्पादन के साथ, यह राज्य भारत के गन्ना उत्पादन का एक बड़ा हिस्सा पैदा करेगा.
यह भी पढ़ें-
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today