Barabanki News: जिंदगी में सफल होने के लिए अपने रास्ते खुद बनाने पड़ते हैं. मंजिल तक पहुंचने के लिए सफर कितना भी कठिन क्यों न हो, मजबूत इच्छाशक्ति के साथ उसे तय करते रहना चाहिए. आज हम आपको बताने जा रहे है एक ऐसे सफल किसान की कहानी जिसने संघर्ष की बदौलत सफलता हासिल की. ये है बाराबंकी जिले के तहसील रामनगर के गगियापुर गांव के निवासी संदीप कुमार वर्मा, जिनकी पहचान अब एक हाईटेक किसान के रूप में हो चुकी है. संदीप पढ़ाई में अच्छे थे. इसीलिए उन्होंने साल 2009 में बीटेक किया था. इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद प्राइवेट नौकरी मिल तो गई, लेकिन उनका मन खेती- बाड़ी की तरफ ज्यादा था. इसलिए साल 2015 में आधे एकड़ में उन्होंने 'जरबेरा फूलों' की खेती शुरू की. वक्त के साथ किस्मत ने साथ दिया और आज संदीप साल में 30 से 35 लाख का सीधा मुनाफा कमा रहे हैं.
इंडिया टुडे ग्रुप के डिजिटल विंग किसान तक से बातचीत में संदीप कुमार वर्मा ने बताया कि इनकम और ज्यादा हो सकती है, लेकिन मार्केट में नकली फूलों की भरमार है. हर कोई शादी-विवाद और परिवारिक कार्यक्रम में चाइनिंज और रंग बिरेंगी फूलों का ज्यादा डिमांड होने लगी है. यहीं वजह है कि आज आमदनी कम हो गई है. वरना जरबेरा फूलों की खेती से हर साल 50 लाख रुपये से ऊपर की आय हो सकती है.
संदीप ने आगे बताया कि पढ़ाई करने के बाद कई कंपनियों में उन्होंने नौकरी की. लेकिन कहीं पैसा कम मिलता था तो कहीं समय अधिक लिया जाता था. थक हार कर वह घर आए और खेती करने की सोचने लगा. उन्होंने बताया कि खेती के शुरुआती दिनों में उन्होंने काफी संघर्ष किया. वहीं फूलों की खेती पर सरकार द्वारा मिलनी वाली 50 प्रतिशत की सब्सिडी से मेरे जीवन में नया मोड़ आया. सब कुछ धीरे-धीरे सब कुछ ठीक होने लगा. अनुदान की मदद और बैंक से लोन लेकर उन्होंने परिवार के एक सदस्य के नाम से पहला पॉली हाउस लगाया और विदेशी फूल जरबेरा फूलों की खेती शुरू की. जिसमें उन्होंने बंपर मुनाफा कमाया. पहले तो उन्होंने एक पॉली हाउस से इसकी शुरुआत की.
लेकिन बाद में परिवार के अलग-अलग सदस्यों के नाम से भी पॉली हाउस लगवाए. इस समय 8 पॉली हाउसों में जरबेरा फूलों की खेती कर रहे हैं. आज वह फूलों की खेती में एक बड़ी सफलता हासिल कर चुके हैं. संदीप ने बताया कि वो वर्तमान समय में 6 एकड़ में जरबेरा फूलों की खेती कर रहे हैं. इस समय जरबेरा फूलों की खेती से उनका और उनके परिवार का सालाना 75 लाख रुपये का टर्नओवर है. जिसमें से लागत निकालने के बाद करीब 35 लाख रुपये का मुनाफा मिल जाता है.
सफल किसान संदीप कहते है कि खेती करने के दौरान जब उन्हें लगा कि अकेले सबकुछ कर पाना संभव नहीं है. ऐसे में उन्होंने गांव के कुछ गरीब और कमजोर लोगों को भी अपने साथ खेती किसानी में जोड़ लिया और उन्हें भी रोजगार दिया. ऐसे में आज उन्हें किसी की नौकरी की जरूरत नहीं, बल्कि वह खुद के बॉस बन चुके हैं और अच्छी कमाई के साथ लोगों को रोजगार भी दे रहे हैं.
संदीप ने कहा कि वर्तमान समय में सरकार द्वारा किसानों के लिये कई योजनाएं चलाई जा रही हैं. जिसकी जानकारी किसानों को नहीं होती है. उनका कहना है कि पढ़े लिखे लोग जब खेती में आएंगे तो उनको सभी योजनाओं के बारे में जानकारी रहेगी. उन्होंने प्रदेश के सभी किसानों से अपील करते हुए कहा कि आप लोग जागरूक बनिए और सरकारी योजनाओं का लाभ लेकर घर बैठे लाखों रुपये की कमाई कर सकते है.
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