मार्केट में आई धान की नई किस्म, अब कम पानी में भी होगी बंपर पैदावार, जानें खासियत

मार्केट में आई धान की नई किस्म, अब कम पानी में भी होगी बंपर पैदावार, जानें खासियत

यूं तो बाजार में धान की कई किस्‍में उपलब्ध हैं, लेकिन अब कम बारिश और पानी वाले इलाकों में भी धान की खेती संभव होगी. दरअसल, आईसीएआर के पूर्वी अनुसंधान परिसर पटना के वैज्ञानिकों ने कम पानी में ज्‍यादा पैदावार देने वाली धान की किस्‍म विकसित की है, जो कई मायनों में किसानों के लिए फायदेमंद साबित होगी. इसे हाल ही में पीएम मोदी ने जारी किया था.

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मार्केट में आई धान की नई किस्म, अब कम पानी में भी होगी बंपर पैदावार, जानें खासियतधान की खेती के लिए सलाह (सांकेतिक तस्वीर)

पानी की कमी के कारण अक्‍सर किसान धान की फसल लगाने को लेकर कन्‍फ्यूजन में रहते हैं, लेकिन अब उनकी यह समस्‍या काफी हदतक दूर हो जाएगी. दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो फसलों की 109 किस्‍में जारी की थी, उनमें से जलवायु परिवर्तन के अनुकूल एक धान की किस्‍म भी रि‍लीज की थी. इस किस्‍म का नाम स्वर्ण पूर्वी धान 5 है.

10 साल में विकस‍ित हुई यह किस्‍म

स्वर्ण पूर्वी धान 5 को भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के पूर्वी अनुसंधान परिसर पटना के वैज्ञानिकों ने लगातार 10 साल की रिसर्च और मेहनत के बाद विकसि‍त किया है. धान की यह किस्‍म कम पानी में अच्‍छी पैदावार के हासि‍ल करने के लिहाज से बनाई विकसि‍त की गई है. इस किस्‍म से 30 से 35 फीसदी तक पानी की बचत हो सकती है. 

कितनी पैदावार मिलेगी

स्वर्ण पूर्वी धान 5 की पैदावार की बात करें तो यह धान की किस्‍म एक हेक्‍टेयर में 45 क्विंटल तक उपज दे सकती है, ज‍बकि‍ सूखे जैसी स्थिति में 30 क्विंटल तक उत्‍पादन संभव है. इसकी खास बात यह है कि यह 110 से 115 दिनों में पककर तैयार हो जाती है. ऐसे में किसानों के समय की बचत होगी और उन्‍हें बचे समय में अन्‍य फसलें लगाने का मौका मिलेगा अध‍िक मुनाफा होगा.

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नहीं पड़ेगी कीटनाशक की जरूरत!

पोषण के लिहाज से भी यह किस्‍म बेहद खास है. इसमें दूसरी किस्‍म के मुकाबले जिंक और आयरन की मात्रा अध‍िक है. इस धान का दाना पतला और छोटा होता है. इसमें रोग और कीटों से लड़ने की प्रतिरोधकता क्षमता ज्‍यादा है. इसके कारण इसमें कीटनाशकों के अध‍िक उपयोग की आवश्‍वयकता नहीं पड़ेगी और लागत में कमी आएगी. 

इन राज्‍यों में लगा सकते हैं

इस धान की किस्‍म की कीमत की बात करें तो यह इसकी कीमत सामान्‍य किसी धान के रेट जितनी ही है. वहीं, इसकी खेती के लिए भी कोई विशेष मापदंड नहीं है. सामान्‍य धान की खेती की तरह इसे भी वैसे ही लगाना है. हालांकि, कृषि वैज्ञानिक सलाह देते हैं कि इसकी सीधी बुआई करें. इससे ज्यादा फायदा होगा. यह किस्‍म बिहार, झारखंड, बंगाल के लिए उपयुक्‍त है. यह मध्‍यम और ऊपरी जमीन में बेहतर पैदावार के लिहाज से एकदम सही है.

1500 वैरायटी जारी करेगी सरकार

इसी महीने रविवार 11 अगस्त को पीएम नरेंद्र मोदी ने 61 फसलों की 109 नई वैरायटी जारी की थी. ये वैरायटी जलवायु अनुकूल हैं यानी इन पर विपरीत मौसम में भी बुरा प्रभाव कम पड़ेगा. इनमें से कुछ किस्‍में पोषण के लिहाज से बेहतर है. सरकार कहा कहना है कि फसलों की 1500 नई वैरायटी रिलीज करने का काम चल रहा है. जिनमें से 109 रिलीज की जा चुकी हैं और 1391 रिलीज होना शेष हैं.

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