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जेवर एयरपोर्ट से विदेश भेजे जाएंगे यूपी के आम और दूसरे फल, ट्रीटमेंट सेंटर और कार्गो हब बनेगा 

जेवर एयरपोर्ट से विदेश भेजे जाएंगे यूपी के आम और दूसरे फल, ट्रीटमेंट सेंटर और कार्गो हब बनेगा 

उत्तर प्रदेश के आम और दूसरे फलों को विदेशों तक पहुंचाने के लिए जेवर एयरपोर्ट पर कार्गो हब बनाया जा रहा है. यहां पर फलों की टेस्ट्रिंग और ट्रीटमेंट फैसिलिटी के लिए सेंटर का निर्माण भी होगा. यहां से फलों को सीधे कार्गो प्लेन के जरिए खरीददार देशों तक पहुंचाया जाएगा.

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जेवर एयरपोर्ट से विदेश भेजे जाएंगे यूपी के आम और दूसरे फल. जेवर एयरपोर्ट से विदेश भेजे जाएंगे यूपी के आम और दूसरे फल.

उत्तर प्रदेश के आम और दूसरे फलों को विदेशों तक पहुंचाने के लिए जेवर एयरपोर्ट पर कार्गो हब बनाया जा रहा है. यहां पर फलों की टेस्ट्रिंग और ट्रीटमेंट फैसिलिटी के लिए सेंटर का निर्माण भी होगा. यहां से फलों को सीधे कार्गो प्लेन के जरिए खरीददार देशों तक पहुंचाया जाएगा. अभी पैसेंजर प्लेन के जरिए ही फलों को निर्यात किया जाता है. यह बातें 'किसान तक' की आम सभा में उत्तर प्रदेश बागवानी विभाग के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी मनोज कुमार सिंह ने कहीं. यह सुविधाएं मिलने से आम उत्पादकों को अच्छी कीमत और मोटा मुनाफा मिलने की संभावना बढ़ गई है. 

जेवर एयरपोर्ट पर कार्गो हब बनेगा

'किसान तक' की आम सभा के स्पेशल सेशन में यूपी बागवानी विभाग के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी मनोज कुमार सिंह ने आम की खेती के बारे में विस्तार से सरकार की योजनाओं के बारे में आम उत्पादकों को जानकारी दी. उन्होंने कहा कि आम उत्पादकों को आम की अच्छी कीमत दिलाने के लिए विदेशी बाजारों तक पहुंच प्रदान की जा रही.विदेश से यूपी के आम की मांग को देखते हुए राज्य सरकार जेवर एयरपोर्ट पर कार्गो हब बनाने की तैयारी में जुटी हुई है. 

कार्गो प्लेन से निर्यात होंगे आम और फल

मनोज कुमार सिंह ने कहा कि जेवर एयरपोर्ट सितंबर 2024 से शुरू होने जा रहा है और यहां से कमर्शियल फ्लाइट्स भी शुरू हो रही हैं. उत्तर प्रदेश के आम समेत अन्य फलों को विदेशी बाजार में पहुंचाने के लिए जेवर एयरपोर्ट पर कार्गो हब बनाने की कोशिश की जा रही है. जेवर एयरपोर्ट से उत्तर प्रदेश के आम और अन्य फलों को निर्यात के लिए कार्गो प्लेन की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी. 

25 एकड़ जमीन खरीद रही सरकार

उन्होंने कहा कि जेवर एयरपोर्ट के पास यमुना अथॉरिटी से 25 एकड़ जमीन लेने की प्रक्रिया चल रही है. इस जमीन पर फलों की टेस्टिंग फेसिलिटी के लिए सेंटर बनाया जा रहा है. ताकि हर देश की मांग के हिसाब से फलों की टेस्टिंग और ट्रीटमेंट किया जा सके. यहां पर हॉट वॉटर ट्रीटमेंट और गामा रेडिएशन ट्रीटमेंट की सुविधा दी जा सकेगी. यहां से आम या दूसरे फल पैकेजिंग होकर सीधा कार्गो प्लेन के माध्यम से एक्सपोर्ट किया जा सकेगा. वर्तमान में सेंट्रल इंस्टीट्यूट फॉर सबट्रॉपिकल हॉर्टीकल्चर (CISH) लखनऊ में हॉट वॉटर ट्रीटमेंट की सुविधा उपलब्ध है. 

फूड प्रॉसेसिंग लेवल 6 फीसदी से बढ़ाया जाएगा 

आम का 12 फीसदी उत्पादन यूपी करता है. लेकिन एक्सपोर्ट कम है. साउथ से आम ज्यादा एक्सपोर्ट होता है. हालांकि, यूपी के आम की क्वालिटी अच्छी है. मनोज कुमार सिंह ने कहा कि कल्टीवेशन को बढ़ाने की जरूरत है. यूपी में फूड प्रॉसेसिंग का लेवल 6 फीसदी है और इसे बढ़ाने की योजना है. 

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