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Krishi Kumbh 2.0: यूपी की इकोनॉमी को 1 ट्रिलियन डॉलर बनाने की नई राह खोलेगा कृषि कुंभ, मंत्री ने जारी किया प्लान

Krishi Kumbh 2.0: यूपी की इकोनॉमी को 1 ट्रिलियन डॉलर बनाने की नई राह खोलेगा कृषि कुंभ, मंत्री ने जारी किया प्लान

भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान, तेलीबाग, लखनऊ के परिसर में आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान कृषि मंत्री शाही ने बताया कि कृषि कुंभ-2023 में दो लाख प्रगतिशील किसानों शामिल होंगे.

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UP: कृषि कुंभ में नई तकनीक से रूबरू होंगे देश-विदेश के किसान UP: कृषि कुंभ में नई तकनीक से रूबरू होंगे देश-विदेश के किसान

UP News: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार (Yogi Government) नवंबर में लखनऊ में कृषि कुंभ (Krishi Kumbh 2.0) का आयोजन करने जा रही है. इसी कड़ी में यूपी के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने शनिवार को राजधानी लखनऊ में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि कृषि कुंभ-2023 के आयोजन का उद्देश्य प्रदेश की कृषि आधारित अर्थव्यवस्था को 1 ट्रिलियन डालर के स्तर पर ले जाने के लिए किसानों को उत्पादक से उद्यमी बनाना, प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देकर पोषण, पर्यावरण संरक्षण और स्वास्थ्य के साथ-साथ भविष्य की जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों का सामना करने की तैयारी है. खेती की लागत कम करने, किसानों की आय बढ़ाने और स्वास्थ्य तथा पोषण की दृष्टि से श्री अन्न को बढ़ावा भी मिलेगा. इसे एक ग्लोबल इवेंट की तरह आयोजित किया जाएगा.

शाही ने आगे कहा कि वर्ष 2018 में कृषि कुंभ हुआ था. इसके फायदे को देखते हुए दोबारा किया जा रहा है. पिछली बार कई एमओयू साइन हुए थे. उन्होंने कहा कि दिसंबर के दूसरे सप्ताह में होने वाले कुंभ को ऐतिहासिक और तकनीकी रूप से सशक्त किया जाएगा. तमाम कृषि संगठन हिस्सा लेंगे, जो अपने-अपने देश की तकनीक बताएंगे.

उन्होंने बताया कि यह कार्यक्रम भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान, तेलीबाग, लखनऊ के परिसर में आयोजित होगा. कार्यक्रम का आयोजन और अधिक भव्य और दिव्य बनाया जाएगा, ताकि प्रदेश के किसान तकनीक से तरक्की की ओर बढ़ सकें. कृषि कुंभ के इस आयोजन से अनुसंधान से खलिहान तक का सफर बहुत आसान हो जाएगा. इससे तकनीकी किसानों तक पहुंचेगी और उन्हें समृद्धशाली बनाएगी. इस प्रकार कृषि कुंभ-2023 किसानों की समृद्धि के लिए नई राह खोलेगा.

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कृषि मंत्री ने बताया कि कृषि कुंभ में देश के अन्य राज्यों के कृषि वैज्ञानिक आएंगे. कुंभ चार दिवसीय होगा, जहां 19 सत्र होंगे, जिसमे देश-विदेश के वैज्ञानिक तकनीक बताएंगे. अंतरराष्ट्रीय संस्थानों के भी स्टॉल लगेंगे. कोशिश है कि कुछ 500 संगठन हिस्सा लें. इसमें डिजिटल कृषि, उद्यान को बढ़ावा, गन्ना, पशु धन और चारा उत्पादन पर भी चर्चा होगी. वहीं प्रोसेसिंग इकाई का भी प्रदर्शन होगा. शाही ने कहा कि श्रीअन्न उत्पादन में प्रतिस्पर्धा बढ़ने, जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए किसानों को जागरूक करने, प्राकृतिक खेती, जल संरक्षण और किसानों को उद्यमी बनाने को लेकर चर्चा होगी.

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भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान, तेलीबाग, लखनऊ के परिसर में आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान कृषि मंत्री शाही ने बताया कि कृषि कुंभ-2023 में दो लाख प्रगतिशील किसानों शामिल होंगे. इस दौरान विभिन्न सामयिक विषयों पर 19 तकनीकी सत्र आयोजित किये जाएंगे. इस कुंभ में राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर की कृषि एवं सम्वर्गीय सेक्टर की 500 कम्पनियों एवं संस्थाओं द्वारा प्रतिभाग किया जायेगा. कार्यक्रम आयोजन हेतु चयनित इवेन्ट मैनेजमेन्ट कंपनी के माध्यम से प्रतिभागी कम्पनियों को स्टाल ब्रिकी के माध्यम से 4 करोड़ रुपये राजस्व प्राप्ति हेतु अनुबन्ध किया जाएगा.

जापान, कोएशिया, पोलैण्ड, पेरू समेत कई देश होंगे शामिल

उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम में अन्तर्राष्ट्रीय सहयोग हेतु जापान, कोएशिया, पोलैण्ड, पेरू, जर्मनी, यूएसए, फिलीपीन्स, साउथ कोरिया, इन्डोनेशिया आदि देशों से कृषि क्षेत्र में नवाचारी कार्य करने वाले लोग भी प्रतिभाग करेंगे. प्राकृतिक खेती, श्री अन्न, एफपीओ आधारित व्यवसाय, डिजीटल एग्रीकल्चर, एग्री स्टार्टअप आदि विषयों पर कार्यशालाओं के आयोजन के साथ-साथ श्री अन्न पाककला प्रतियोगिता का भी आयोजन किया जाएगा.

विदेशों में हो रहे नए प्रयोग को जानेंगे किसान

कृषि कुंभ आयोजन हेतु वरिष्ठ अधिकारियों की अध्यक्षता में एक दर्जन से अधिक समितियां गठित करते हुए सक्रिय कर दी गयी हैं. आयोजन स्थल पर सजीव प्रदर्शन जिनमें इन्टीग्रेटेड फार्मिंग सिस्टम, उद्यान एवं बागवानी, मत्स्य पालन, रेशम, भूमि संरक्षण, आदि के मॉडल सम्मिलित हैं. इसके लिए क्षेत्र चिन्हांकन करते हुए सम्बन्धितों को आवंटन कर दिया गया है. सम्बन्धित विभाग के अधिकारी अभी से सजीव प्रदर्शन की तैयारियों में जुट गए हैं. उन्होंने यह भी जानकारी दी कि कार्यक्रम की तारीख मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के स्तर से अनुमोदित होते ही सार्वजनिक कर दी जाएंगी. कार्यक्रम के प्रचार प्रसार हेतु दिल्ली में एक कट्रेन रेजर और आयोजन स्थल पर भूमि पूजन का कार्यक्रम भी किया जाना है, जिसकी तिथियों की घोषणा शीघ्र ही की जाएगी.