देशभर के किसानों ने खरीफ फसलों की जमकर बुवाई की है. इसके चलते अब तक खरीफ फसलों की कुल बुआई 1092 लाख हेक्टेयर से ज्यादा में की गई है, जो बीते साल की तुलना में ज्यादा है. धान की बुवाई में बंपर उछाल दर्ज किया गया है. पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान 393.57 लाख हेक्टेयर की तुलना में इस वर्ष 409.50 लाख हेक्टेयर में चावल की खेती की गई है. गन्ना की खेती में मामूली बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है. इथेनॉल में गन्ना इस्तेमाल को देखते हुए एक्सपर्ट ने जरूरत के अनुसार चीनी उत्पादन को लेकर आशंका जताई है.
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने खरीफ सीजन में फसलों की बुवाई का अब तक का आंकड़ा जारी दिया है. खरीफ फसलों में धान, श्री अन्न, तिलहन और गन्ना की बुआई सामान्य से अधिक दर्ज की गई है. आंकड़ों के अनुसार खरीफ फसल की बुआई 1092 लाख हेक्टेयर से ज्यादा एरिया में की गई है.
खरीफ सीजन की कुल फसलों में सर्वाधिक बुवाई धान की गई है. इस वर्ष 409.50 लाख हेक्टेयर में चावल की खेती की गई है, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान 393.57 लाख हेक्टेयर की तुलना में करीब 16 लाख हेक्टेयर अधिक है. वहीं इससे पहले 2 सितंबर को जारी आंकड़ों में में 408.72 लाख हेक्टेयर में धान बुवाई की गई थी. इस हिसाब से 7 दिनों के दौरान करीब 1 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में किसानों ने अधिक बुवाई की है.
कृषि मंत्रालय के अनुसार इस वर्ष 126.20 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में दलहन की खेती की गई है, जो बीते साल समान अवधि के दौरान 117.39 लाख हेक्टेयर की तुलना में 9 लाख हेक्टेयर अधिक है. अरहर दाल का रकबा बढ़कर 45.78 लाख हेक्टेयर पहुंच गया है. इस बार किसानों ने 5 लाख हेक्टेयर अधिक क्षेत्र में अरहर की बुवाई की है. मूंगदाल की बुवाई क्षेत्र में भी बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है.
इस वर्ष 188.72 लाख हेक्टेयर में श्रीअन्न यानी मोटे अनाज की खेती की गई है, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान 181.74 लाख हेक्टेयर में की गई है. इस बार मोटे अनाज का क्षेत्रफर 7 लाख हेक्टेयर बढ़ा है. इसी तरह इस वर्ष 192.40 लाख हेक्टेयर में तिलहन की खेती की गई है, जो पिछले वर्ष की 189.44 लाख हेक्टेयर में की गई थी. इस हिसाब से तिलहन के रकबे में 3 लाख हेक्टेयर की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है.
गन्ना के बुवाई क्षेत्र में मामूली बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है. कृषि मंत्रालय के ताजा आंकड़े बताते हैं कि इस वर्ष अब तक 57.68 लाख हेक्टेयर में गन्ना की खेती की गई है. जबकि, पिछले वर्ष की इसी समय तक 57.11 लाख हेक्टेयर में गन्ना की खेती की गई थी. इस हिसाब से करीब 57 हजार हेक्टेयर अधिक क्षेत्र में गन्ना की खेती की गई है. एक्सपर्ट का मानना है कि इथेनॉल के लिए गन्ना इस्तेमाल को देखते हुए जरूरत के अनुसार चीनी उत्पादन पर असर पड़ने की आशंका जताई गई है.
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