यूरोप में सबसे ज्यादा बिक रहे भारत के अंगूर, किसानों की कमाई में बंपर इजाफा

यूरोप में सबसे ज्यादा बिक रहे भारत के अंगूर, किसानों की कमाई में बंपर इजाफा

भारत से लगभग 24 लाख टन अंगूर का सालाना निर्यात होता है जिसमें एक लाख टन केवल यूरोप को भेजा जाता है. इसके बाद बांग्लादेश में 60,000 टन की सप्लाई भेजी जाती है. एपीडा का एक ताजा आंकड़ा बताता है कि अभी तक भारत ने 690 लाख डॉलर से अधिक का अंगूर निर्यात कर दिया है.

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यूरोप में सबसे ज्यादा बिक रहे भारत के अंगूर, किसानों की कमाई में बंपर इजाफाभारत से तेजी से बढ़ रहा अंगूर का निर्यात (तस्वीर साभार-Freepik)

देश के अंगूर किसानों को बेहतर फायदा मिल रहा है. साल 2022-23 में देश से अंगूर का निर्यात तेजी से बढ़ा है. निर्यात में यह तेजी रुपये-पैसे और मात्रा दोनों हिसाब से देखी जा रही है. यानी बीते वर्षों की तुलना में इस साल भारत से अंगूर निर्यात की कमाई में बड़ा उछाल देखा जा रहा है. ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि विदेशों से बड़ी मात्रा में इसकी मांग देखी गई है. आयात करने वाले देशों में सबसे बड़ा खरीदार यूरोप है. 

निर्यात में यह तेजी तब है जब खेप की सप्लाई कुछ देर से शुरू हुई. बांग्लादेश सरकार ने इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ा दी थी जिससे निर्यात में कमी आने की आशंका थी. लेकिन इन सभी बातों को दरकिनार करते हुए भारत के किसानों ने अंगूर के निर्यात में नया रिकार्ड बना दिया है. बांग्लादेश भी भारत के अंगूरों का बहुत बड़ा खरीदार है. इसके अलावा रूस युद्ध से भी सप्लाई गड़बड़ होने की आशंका बनी थी. मगर ऐसा कुछ भी नहीं हुआ.

सह्याद्री फार्मर्स प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड (सह्याद्री फार्म्स) के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर विलास शिंदे 'बिजनेसलाइन' से कहते हैं, यूरोप से अंगूर की डिमांड जबर्दस्त है. इस साल हम 2019 का रिकॉर्ड टूटने की उम्मीद कर रहे हैं जब अंगूर के निर्यात में सबसे बड़ी उपलब्धि हासिल की गई थी. सह्याद्री फार्म्स देश में ताजे अंगूर का बहुत बड़ा एक्सपोर्टर है.

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आंकड़े के मुताबिक, 2018-19 में भारत का अंगूर निर्यात 3350 लाख डॉलर की ऊंचाई पर पहुंच गया. लेकिन बाद में कोविड महामारी की वजह से अंगूर के निर्यात में गिरावट दर्ज की गई. कोविड लॉकडाउन और ढुलाई का खर्च बढ़ने से अंगूर का निर्यात तीन साल तक गिरावट में रहा. दुनिया के कई देशों में मौसमी बदलाव के चलते अंगूर के उत्पादन में कमी देखी गई. इन सभी फैक्टर का असर भारत से अंगूर निर्यात पर भी पड़ा.

भारत हालांकि इन परेशानियों से उबर गया है और अब अंगूर के निर्यात में बड़ी छलांग देखी जा रही है. इस साल जनवरी के बाद निर्यात तेजी से बढ़ा है. भारत में मौसम भी साफ है जिससे अंगूर की पैदावार बढ़ रही है. पिछले तीन साल में देखें तो खराब मौसम ने भारत में अंगूर के उत्पादन को बेहद कम कर दिया था. इस साल मौसम सही चल रहा है और इसका फायदा अंगूर की खेती और उसके किसानों को मिल रहा है.

अभी एक समस्या शिपमेंट की देखी जा रही है जो रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से है. इसके अलावा बांग्लादेश ने अंगूर की इंपोर्ट ड्यूटी को 32 रुपये से बढ़ाकर 52 रुपये किलो कर दिया है, जिससे भारत से होने वाले निर्यात पर कुछ असर हो सकता है. हालांकि विशेषज्ञों का मानना है कि इससे बहुत बड़ा अंतर आने वाला नहीं है. 

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भारत से लगभग 24 लाख टन अंगूर का सालाना निर्यात होता है जिसमें एक लाख टन केवल यूरोप को भेजा जाता है. इसके बाद बांग्लादेश में 60,000 टन की सप्लाई भेजी जाती है. एपीडा का एक ताजा आंकड़ा बताता है कि अभी तक भारत ने 690 लाख डॉलर से अधिक का अंगूर निर्यात कर दिया है. यह आंकड़ा मौजूदा वित्त वर्ष के अप्रैल-नवंबर का है. पिछले साल की तुलना में देखें तो अंगूर के निर्यात में 23 फीसद की वृद्धि है.

भारत अभी दुनिया का 11वां सबसे बड़ा अंगूर निर्यातक देश है. पिछले एक दशक का हिसाब देखें तो भारत से हर साल 12.6 फीसद की तेजी से अंगूर का निर्यात बढ़ रहा है. इस साल भी निर्यात में बड़ी तेजी देखी जाएगी जिसका सीधा फायदा अंगूर के किसानों को मिलेगा. यूरोपीय बाजार में निर्यात बढ़ाने के लिए देश के व्यापारियों ने ब्लॉकचेन सिस्टम की मदद ली है. इससे व्यापार में और अधिक तेजी मिलने की उम्मीद है.

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