जलवायु पर‍िवर्तन से खेती पर क‍ितना पड़ेगा असर, सरकार ने लोकसभा में दी चौंकाने वाली जानकारी 

जलवायु पर‍िवर्तन से खेती पर क‍ितना पड़ेगा असर, सरकार ने लोकसभा में दी चौंकाने वाली जानकारी 

Impact of Climate Change on Agriculture: केंद्र सरकार ने कहा क‍ि जलवायु पर‍िवर्तन के असर से खेती पर बुरा प्रभाव पड़ेगा. चावल, गेहूं और खरीफ सीजन के मक्का की पैदावार में कमी आने की संभावना है. हालांक‍ि, सोयाबीन की पैदावार बढ़ सकती है. 

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जलवायु पर‍िवर्तन से खेती पर क‍ितना पड़ेगा असर, सरकार ने लोकसभा में दी चौंकाने वाली जानकारी  जलवायु पर‍िवर्तन से खेती पर बढ़ा खतरा.

बढ़ते तापमान और बार‍िश के बदलते पैटर्न से देश में कृषि उत्पादकता पर बुरा प्रभाव पड़ने की संभावना है. जलवायु पर‍िवर्तन के खेती पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में पूछे गए एक प्रश्न के लिखित उत्तर में, केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री भागीरथ चौधरी ने इस बारे में सरकार का पक्ष रखा है. लोकसभा में चौधरी ने कहा क‍ि एकीकृत कंप्यूटर सिमुलेशन मॉडलिंग अध्ययनों से पता चला है क‍ि 2050 में वर्षा आधारित चावल की पैदावार में 20 प्रतिशत और वर्ष 2080 तक 47 प्रतिशत की कमी आने की संभावना है. इसी तरह सिंचित चावल की पैदावार में वर्ष 2050 तक 3.5 प्रतिशत और वर्ष 2080 तक 5 प्रतिशत कमी आने की संभावना है. 

चौधरी ने कहा कि जलवायु पर‍िवर्तन के असर से 2050 में गेहूं की पैदावार में 19.3 प्रतिशत और 2080 में 40 प्रतिशत की कमी आने की संभावना है. इसी तरह खरीफ मक्का की पैदावार में 2050 तक 18 और 2080 तक 23 प्रतिशत की कमी आने की संभावना है. यानी बदलती जलवायु में खेती के ल‍िए चुनौत‍ियां बढ़ रही हैं. हालांकि, 2030 में सोयाबीन की पैदावार में 3-10 प्रतिशत और 2080 में 14 प्रतिशत की वृद्धि होने का अनुमान है. 

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तकनीक से लैस हो रहे क‍िसान 

छोटे और सीमांत किसानों के बीच उन्नत कृषि प्रौद्योगिकियों और प्रथाओं के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए उठाए गए कदमों पर एक अलग सवाल के जवाब में चौधरी ने कहा कि सरकार उन्नत कृषि प्रौद्योगिकियों और प्रथाओं को बढ़ावा देती है, जिसमें किसान ड्रोन, जलवायु अनुकूल किस्में, एकीकृत कृषि प्रणाली मॉडल, सूक्ष्म सिंचाई, सटीक खेती, मृदा सेंसर, जैव-फोर्टिफाइड किस्में और डिजिटल मार्केटिंग शामिल हैं. 

क‍िसानों को सरकार डायरेक्ट सपोर्ट भी दे रही है. सरकार ने अब तक पीएम क‍िसान सम्मान न‍िध‍ि स्कीम के तहत 17 किस्तों में 11 करोड़ से अधिक किसानों को 3.24 लाख करोड़ रुपये से अधिक की राशि सीधे उनके बैंक खातों में ट्रांसफर की है. आयकर देने वाले क‍िसान इस योजना के पात्र नहीं हैं. 

चावल न‍िर्यात बढ़ा 

उधर, गैर-बासमती चावल पर यूरोपीय संघ के प्रतिबंधों के बारे में पूछे जाने पर, केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री जितिन प्रसाद ने कहा कि यूरोपीय संघ को गैर-बासमती चावल का निर्यात 2021-22 में 27.8 मिलियन डॉलर से बढ़कर 2023-24 में 38.23 मिलियन डॉलर हो गया है. 

चावल सहित कृषि उत्पादों में कीटनाशकों के अधिकतम अवशेष स्तर (एमआरएल) के मुद्दे को भारत-यूरोपीय संघ व्यापार और प्रौद्योगिकी परिषद सहित विभिन्न मंचों और स्तरों पर उठाया गया है. यूरोपीय संघ कीटनाशकों की सीमा के माध्यम से गैर-बासमती उबले चावल के लिए एमआरएल निर्धारित करता है. उन्होंने कहा कि यूरोपीय संघ ने चावल में कई कीटनाशकों के लिए एमआरएल को घटाकर 0.01 मिलीग्राम प्रत‍ि किलोग्राम कर दिया है.  

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