हरियाणा के रेवाड़ी जिले में ओलावृष्टि के कारण किसानों पर दोहरी मार पड़ी है. कहा जा रहा है कि बारिश के साथ आई ओलावृष्टि से गेहूं की फसल पूरी तरह से चौपट हो गई है. किसानों का कहना है कि फसल लगभग तैयार हो गई थी. कुछ दिनों के बाद इसकी कटाई शुरू होने वाली थी. लेकिन बारिश और ओलावृष्टि ने पूरी मेहनत पर पानी फेर दिया. ऐसे में किसानों ने अब सरकार से जल्द गिरदावरी करा कर मुआवजा देने की मांग की है.
दरअसल, रेवाड़ी में 2 दिन पहले देर शाम अचानक तेज हवाओं के साथ बारिश हुई. इसके अलावा जिले के कई गांव में ओलावृष्टि भी हुई. जिसके कारण खेतों में खड़ी गेहूं की फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई. न केवल गेहूं बल्कि कई गांव में तो सरसों की फसल भी तबाह हो गई है. किसानों ने कहा कि उनके लिए आजीविका का साधन सिर्फ खेती ही है. लेकिन अचानक हुई ओलावृष्टि के कारण उनकी पूरी की पूरी फसल खराब हो गई है. अब उन्हें अपने बच्चों की स्कूल फीस भरने और घर चलाने में भी दिक्कतों को सामना करना पड़ेगा. अगर सरकार उनकी सुनवाई नहीं करती है तो वे जान दे देंगे.
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रेवाड़ी जिले में तेज बारिश के कारण गेहूं की फसलों को भारी नुकसान हुआ है. तेज तूफान के कारण फसलें जमीन पर बिछ चुकी हैं. कहा जा रहा है कि जिले में बारिश, ओलावृष्टि और आंधी से करीबन 60 से 70 फ़ीसदी फसल बर्बाद हो चुकी है. अब किसानों को आर्थिक संकट का खतरा मंडराने लगा है. उन्हें अपने परिवार के पालन- पोषण की भी चिंता होने लगी है. पीड़ित किसानों ने प्रदेश क सरकार से गेहूं की फसलों के नुकसान का उचित मुआवजा देने की गुहार लगाई है.
वहीं, कल खबर सामने आई थी कि हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा और ऊना जिले में कल रात आई बारिश और आंधी ने भारी तबाही मचाई. कहा जा रहा है कि बारिश की वजह से आलू की फसल को बहुत अधिक नुकसान पहुंचा है. वहीं, तेज हवा चलने से लगभग कटने के लिए तैयार हो चुकी गेहूं की फसल खेतों में बिछ गई. किसानों का कहना है कि आंधी वजह से गेहूं की फसल पूरी तरह से चौपट हो गई है. यदि सरकार से मदद नहीं मिली तो वे लागत भी नहीं निकाल पाएंगे. उन्हें बहुत अधिक आर्थिक नुकसान होगा.
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