देश में दलहन फसलों की भारी कमी है इसलिए दालों का दाम काफी बढ़ गया है. सरकार आयात करके मांग को पूरा कर रही है. इसलिए अब प्रमुख दलहन फसल चने का दाम बढ़ने लगा है. महाराष्ट्र चने का प्रमुख उत्पादक है और यहां की मंडियों में इसका दाम अभी से रिकॉर्ड बना रहा है. महाराष्ट्र एग्रीकल्चर मार्केटिंग बोर्ड के अनुसार राज्य की कुछ मंडियों में चने का दाम 6000 से 7200 रुपये क्विंटल तक पहुंच गया है, जबकि अभी तो इसकी फसल खेतों से निकली ही है. केंद्र सरकार ने इस साल के लिए चने का एमएसपी 5440 रुपये क्विंटल तय किया है. इसका मतलब यह है कि इस साल किसानों को चने का दाम एमएसपी से ज्यादा मिल रहा है.
कुछ मंडियों में चने की बंपर आवक है तो कुछ में बहुत कम. कम आवक की वजह दाम एमएसपी के ऊपर चला गया है. पुणे मंडी में 8 अप्रैल को 43 क्विंटल चने की आवक हुई. कम आवक के कारण न्यूनतम दाम भी 6400 रुपये प्रति क्विंटल पहुंच गया. अधिकतम दाम 7200 और औसत दाम 6800 रुपये प्रति क्विंटल रहा. महाराष्ट्र कभी देश का दूसरा तो कभी तीसरा सबसे बड़ा चना उत्पादक रहता है. यहां चने की खेती के अनुकूल मिट्टी और जलवायु है. सरकारी खरीद के मामले में राज्य अक्सर दूसरे नंबर पर होता है. ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि इस बार मंडी के बाहर एमएसपी से अच्छा दाम मिल रहा है तो सरकारी खरीद कम हो सकती है.
ये भी पढ़ें: नासिक की किसान ललिता अपने बच्चों को इस वजह से खेती-किसानी से रखना चाहती हैं दूर
कृषि क्षेत्र के विशेषज्ञों का कहना है कि इस साल राजस्थान, कर्नाटक और गुजरात में चने की खेती के क्षेत्र में गिरावट आ गई थी. जिसके कारण देश में इस रबी सीजन में चना का रकबा पिछले साल के 109.73 लाख हेक्टेयर की तुलना में घटकर 102.90 लाख हेक्टेयर रह गया था. इसकी वजह से दाम में थोड़ी तेजी दिखाई दे रही है. रकबा घटने की वजह से उत्पादन घटने का अनुमान है. केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने इस वर्ष 29 फरवरी को जारी प्रमुख फसलों के अनुमान में बताया है कि चने का उत्पादन 121.61 लाख मीट्रिक टन अनुमानित है जो पिछले वर्ष के चने के उत्पादन से थोड़ा कम है. लेकिन औसत (2018-19 से 2022-23) चने के उत्पादन से अधिक है.
ये भी पढ़ें: Onion Export Ban: जारी रहेगा प्याज एक्सपोर्ट बैन, लोकसभा चुनाव के बीच केंद्र सरकार ने किसानों को दिया बड़ा झटका
Copyright©2024 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today