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इन दो राज्यों के गेहूं उत्पादक किसानों के लिए खुशखबरी, सरकार ने उनके हित में लिया बड़ा फैसला

इन दो राज्यों के गेहूं उत्पादक किसानों के लिए खुशखबरी, सरकार ने उनके हित में लिया बड़ा फैसला

दोनों ही राज्‍यों में गेहूं की सरकारी खरीदारी 2400 रुपये प्रति क्‍विंटल हो रही है. असल में विधानसभा चुनाव के दौरान बीजेपी ने दोनाें ही राज्‍यों से 2700 रुपये क्‍विंटल पर गेहूं की खरीदारी करने का वादा किया था. इसी क्रम में सरकार बनने बाद दोनों ही राज्‍यों की सरकार ने गेहूं की MSP 2275 रुपये पर 125 रुपये का बोनस देने की घोषणा की है.

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गेहूं खरीद में ढील. (सांकेतिक फोटो) गेहूं खरीद में ढील. (सांकेतिक फोटो)

गेहूं की क्वालिटी को लेकर अब किसानों को कोई चिंता करने की जरूरत नहीं है, क्योंकि केंद्र सरकार ने गेहूं खरीद में ढील देने का फैसला लिया है. खास बात यह है कि सरकार ने ये ढील राजस्थान और मध्य प्रदेश में गेहूं खरीद मानदंडों में दी है. अब इन दोनों राज्यों से केंद्रीय पूल खरीद के लिए 6 फीसदी तक क्षतिग्रस्त और थोड़ा क्षतिग्रस्त अनाज की अनुमति दी गई है. जबकि मध्य प्रदेश में सिकुड़े और टूटे हुए अनाज की खरीद सीमा मौजूदा 6 प्रतिशत से बढ़ाकर 15 प्रतिशत और राजस्थान में 20 फीसदी कर दी गई है. 

खास बात यह है कि मूल्य में किसी भी कटौती के बिना चमक खोने वाले गेहूं की सीमा को मध्य प्रदेश में 50 फीसदी तक बढ़ा दिया गया है. इसी तरह राजस्थान में 70 फीसदी कर दी गई है. कीमतों को प्रभावित करने के लिए अपने पास पर्याप्त स्टॉक रखने का लक्ष्य रखते हुए, सरकार पहले से ही उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार और राजस्थान में गेहूं की खरीद बढ़ाने के लिए एक कार्य योजना लागू कर रही है, जहां खरीद की निगरानी के लिए 59 प्रमुख जिलों की पहचान की गई है.

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कितना है गेहूं खरीद का लक्ष्य

पिछले हफ्ते, खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने बताया था कि भारत को चालू रबी मार्केटिंग सीज़न (RMS) में 310 मिलियन टन गेहूं खरीदने की उम्मीद है, जो पिछले सीज़न में खरीदे गए 262 मिलियन टन गेहूं से 18.3 फीसदी अधिक है. सरकार पीएमजीकेएवाई (प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना) के तहत गेहूं-चावल अनुपात पर फिर से विचार कर सकती है. साल 2022 में गेहूं की फसल में कमी के कारण, गेहूं का आवंटन 18.2 मिलियन टन से घटाकर 7.1 मिलियन टन कर दिया गया और बाद में चावल का आवंटन 21.6 मिलियन टन से बढ़ाकर 32.7 मिलियन टन कर दिया गया.

जबकि सचिव ने कहा था कि हाल की गर्मी और बारिश के कारण गेहूं की फसल को कोई नुकसान नहीं हुआ है. उन्होंने यह स्पष्ट कर दिया था कि गेहूं और चावल के निर्यात पर लगाए गए प्रतिबंधों पर पुनर्विचार करने की कोई योजना नहीं है.

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गेहूं का एमएसपी

खास बात यह है कि दोनों ही राज्‍यों में गेहूं की सरकारी खरीदारी 2400 रुपये प्रति क्‍विंटल हो रही है. असल में विधानसभा चुनाव के दौरान बीजेपी ने दोनाें ही राज्‍यों से 2700 रुपये क्‍विंटल पर गेहूं की खरीदारी करने का वादा किया था. इसी क्रम में सरकार बनने बाद दोनों ही राज्‍यों की सरकार ने गेहूं की MSP 2275 रुपये पर 125 रुपये का बोनस देने की घोषणा की है. जिसके तहत 2400 रुपये क्‍विंटल पर गेहूं की खरीदारी हो रही है.