कृषि मंत्रालय ने अगले खरीफ 2025-26 सीजन से दालों और तिलहनों की न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) खरीद के लिए बायोमेट्रिक फेस ऑथेंटिकेशन और पॉइंट ऑफ सेल (PoS) मशीनों के इस्तेमाल को अनिवार्य कर दिया है. इस कदम का मकसद यह सुनिश्चित करना है कि सिर्फ वास्तविक किसानों को ही अलग-अलग योजनाओं के तहत खरीद का फायदा मिले. आधार अधिनियम, 2016 की धारा 7 ने इसे संभव बनाया है और यह 21 अप्रैल, 2025 से प्रभावी हो गई है.
अधिकारियों के हवाले से फाइनेंशियल एक्सप्रेस ने लिखा है कि नई शर्त के तहत सिर्फ ताजा उपज और वास्तविक किसान ही खरीद प्रक्रिया का हिस्सा होंगे. किसानों की सहकारी संस्था नैफेड और एनसीसीएफ के साथ ही राज्य स्तरीय एजेंसियां दलहन और तिलहन की खरीद करती हैं. वर्तमान में चावल और गेहूं के एमएसपी के लिए पीओएस मशीनों का उपयोग किया जाता है. एक अधिकारी ने इस पर कहा, 'हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि केवल दो एजेंसियों (नेफेड और एनसीसीएफ) के साथ रजिस्टर्ड किसानों को ही तिलहन और दलहन के लिए प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान (पीएम आशा) की योजना के तहत शुरू किए गए एमएसपी और बाकी उपायों का फायदा मिले.'
पीएम आशा में मूल्य समर्थन योजना, मूल्य कमी भुगतान योजना, मूल्य स्थिरीकरण कोष और बाजार हस्तक्षेप योजना को एकीकृत किया गया है. इसका मकसद किसानों को लाभकारी मूल्य मुहैया करना है. कृषि मंत्रालय ने खरीद अवधि को 60 दिनों तक सीमित करने का भी निर्णय लिया है. अगर जरूरी हो तो 30 दिनों तक बढ़ाया भी जा सकता है.' अधिकारियों के अनुसार 90 दिनों की सीमा से आगे इसे बढ़ाया नहीं जाएगा. एक अधिकारी ने पहले कहा था यह देखा गया है कि तेरहवें हफ्ते या खरीद अवधि के अंत में खरीद में अचानक उछाल आता है जो सामान्य तौर पर नहीं होना चाहिए. उनका इशारा की तरफ से व्यापारियों की तरफ से होने वाली हेरफेर की तरफ था.
इंटीग्रेटेड प्लानिंग के तहत खरीदी गई वस्तुओं का निपटान साल के बाकी बचे नौ महीनों में शुरू किया जाएगा. वर्तमान में, नेफेड और एनसीसीएफ अलग-अलग योजनाओं के तहत तिलहन, दलहन और प्याज की खरीद से पहले आधार सर्टिफिकेशन के आधार पर क्रमशः अपने पोर्टल - ई-समृद्धि और ई-संयुक्ति पर किसानों को प्री-रजिस्टर करते हैं. नेफेड और एनसीसीएफ को लिखी चिट्ठी में कृषि मंत्रालय ने उनसे किसानों के रजिस्ट्रेशन के लिए प्रयोग किए जाने वाले अपने पोर्टलों को कृषि सांख्यिकी पर मंत्रालय के एकीकृत पोर्टल (यूपीएजी) के साथ इंटीग्रेट करने और रीयल टाइम के आधार पर तिलहन और दलहन की खरीद को अपलोड करने का अनुरोध किया है.
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