खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने गुरुवार को कहा कि सरकार को उम्मीद है कि मार्च से गेहूं खरीद सीजन शुरू होने से पहले ही किसानों के विरोध का समाधान हो जाएगा. चोपड़ा ने एक मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि सरकार आगे की बातचीत के लिए इच्छुक है और पंजाब-हरियाणा सीमाओं पर प्रदर्शनकारी किसानों की चिंताओं का समाधान करने को तैयार है. सरकार ने किसान नेताओं की भूजल स्तर और मिट्टी की गुणवत्ता कम होने जैसी चिंताओं को देखते हुए उन्हें एक प्रस्ताव दिया था. हालांकि, उन्होंने प्रस्ताव को खारिज कर दिया है.
दरअसल, किसान फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी और कृषि ऋण माफी सहित विभिन्न मांगों को लेकर पंजाब-हरियाणा सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. सरकार ने कहा है कि वह प्रदर्शनकारी किसानों से बातचीत के लिए तैयार है. तीन केंद्रीय मंत्रियों की मौजूदगी वाली सरकार और प्रदर्शनकारी किसानों के बीच हुई चार दौर की बातचीत में कोई सफलता नहीं मिली. पंजाब-हरियाणा सीमा पर दो विरोध स्थलों में से एक खनौरी में झड़प में एक प्रदर्शनकारी की मौत और लगभग 12 पुलिस कर्मियों के घायल होने के बाद बुधवार को किसान नेताओं ने अपने 'दिल्ली चलो' मार्च को दो दिनों के लिए रोकने का फैसला किया.
यह पूछे जाने पर कि क्या मौजूदा विरोध के कारण गेहूं की खरीद प्रभावित होगी, चोपड़ा ने कहा कि मुझे उम्मीद है कि गेहूं खरीद सीजन शुरू होने से काफी पहले ही मुद्दों का समाधान हो जाएगा. मुझे नहीं लगता कि इसका कोई प्रभाव पड़ेगा. उन्होंने यह भी कहा कि गेहूं की फसल अच्छी स्थिति में है और अगर मौजूदा मौसम अगले 10-15 दिनों तक जारी रहता है तो सरकार को 2023-24 फसल वर्ष (जुलाई-जून) में बंपर फसल की उम्मीद है. उन्होंने कहा कि गेहूं की फसल बहुत अच्छी है. सौभाग्य से मौसम समय से पहले गर्म नहीं हुआ है. उम्मीद है कि अगर यह 10-15 दिन और जारी रहा, तो हम बंपर फसल की उम्मीद कर सकते हैं.
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कृषि मंत्रालय ने 2023-24 फसल वर्ष के लिए गेहूं का उत्पादन रिकॉर्ड 114 मिलियन टन होने का अनुमान लगाया है, जबकि 2022-23 फसल वर्ष में 107.7 मिलियन टन होगा. गेहूं खरीद पर सचिव ने कहा कि कई राज्यों के साथ चर्चा के बाद, बाजार में आवक के साथ मार्च के पहले पखवाड़े में गेहूं खरीद की अनुमति देने का निर्णय लिया गया है. कुछ क्षेत्रों में गेहूं बाजार में जल्दी आ जाता है.
उन्होंने कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करने का भी प्रयास कर रही है कि अधिक खरीद केंद्र खोले जाएं, ताकि किसानों को अपनी उपज बेचने के लिए लंबी दूरी तय न करनी पड़े. उन्होंने कहा कि सरकार यह भी सुनिश्चित करेगी कि किसानों को 48 घंटे में भुगतान मिल जाए. केंद्र सरकार 28 फरवरी को राज्यों के खाद्य सचिवों के साथ बैठक में गेहूं खरीद का लक्ष्य तय करेगी. पिछले साल सरकार ने एमएसपी पर 2.62 करोड़ टन गेहूं की खरीद की थी.
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