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प्याज के दाम गिरने और सड़ने से होगा भारी नुकसान, निर्यातबंदी जारी रखने पर भड़के किसान

प्याज के दाम गिरने और सड़ने से होगा भारी नुकसान, निर्यातबंदी जारी रखने पर भड़के किसान

किसानों का कहना है कि निर्यातबंदी  की वजह से घरेलू बाजार में प्याज की आवक बढ़ गई है, जिससे प्याज की कीमतों में गिरावट आई है. निर्यात शुरू करके किसानों को सपोर्ट दिया जा सकता है. अगर चुनाव के बाद सरकार कोई फैसला लेती है तो प्याज काफी हद तक सड़ जाएगा. इससे नुकसान होगा. यही नहीं स्थानीय बाजार में प्याज की कीमतों के दबाव के कारण किसानों को हजारों करोड़ रुपये का नुकसान होने वाला है.

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 प्याज की गिरती कीमतों से किसान हुए परेशान प्याज की गिरती कीमतों से किसान हुए परेशान

प्याज की निर्यातबंदी की वजह से महाराष्ट्र के किसान केंद्र सरकार के खिलाफ गुस्से में हैं. इस मामले पर न सिर्फ विपक्षी दल बल्कि किसान नेता और आम किसान भी सरकार पर हमलावर हैं. किसानों के तमाम ग्रुप्स में इस तरह के मैसेज भेजे जा रहे हैं जिसमें बताया जा रहा है कि केंद्र के फैसले से किसानों को कितना नुकसान हो रहा है. साथ ही यह भी कहा जा रहा है कि निर्यात नहीं होगा तो काफी प्याज सड़ जाएगा. प्याज का निर्यात 7 दिसंबर 2023 से ही बंद है. आरोप है कि इसकी वजह से किसानों को भारी आर्थिक नुकसान हो चुका है. क्योंकि बाजार में दाम गिर गए हैं. किसानों को कहीं 2 तो कहीं 4 रुपये किलो के दाम पर प्याज बेचने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है.

अहमदनगर स्थित श्रीरामपूर तालुका के गांव खोकर के रहने वाले संतोष गव्हाणे ने प्याज किसानों के एक ग्रुप में लिखा है कि पिछले साल प्याज के निर्यात पर कोई प्रतिबंध नहीं था. इसलिए जनवरी से अप्रैल 2023 तक रिकॉर्ड 980 हजार टन प्याज का निर्यात किया गया था. इस साल निर्यात बंद है.  दूसरी ओर, तापमान औसत से 3 से 6 डिग्री सेल्सियस अधिक होने के कारण किसानों के लिए प्याज का भंडारण करना मुश्किल हो गया है. प्याज जल्दी खराब हो जाता है. यदि प्याज निर्यात पर प्रतिबंध हटा दिया जाता है, तो शेष उत्पादन का निर्यात किया जा सकता है.

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पिछले साल निर्यात से कितना पैसा मिला

किसान ने कहा कि पड़ोसी देशों से भारतीय प्याज की भारी मांग है. अगर निर्यात नहीं किया गया तो प्याज चाली में सड़ जाएगा.  पिछले साल देश को प्याज के निर्यात से 4,650 करोड़ रुपये की विदेशी मुद्रा हासिल हुई थी. इससे किसानों को लाभ मिला था, लेकिन इस साल प्याज की निर्यातबंदी से बड़ा नुकसान हो रहा है.

सड़ जाएगा प्याज

फिलहाल, निर्यातबंदी की वजह से घरेलू बाजार में प्याज की आवक बढ़ गई है, जिससे प्याज की कीमतों में गिरावट आई है. निर्यात शुरू करके किसानों को सपोर्ट दिया जा सकता है. अगर चुनाव के बाद सरकार कोई फैसला लेती है तो प्याज काफी हद तक सड़ जाएगा. स्थानीय बाजार में प्याज की कीमतों के दबाव के कारण किसानों को हजारों करोड़ रुपये का नुकसान होने वाला है. प्याज की निर्यातबंदी  31 मार्च 2024 के बाद खत्म होने की उम्मीद थी लेकिन सरकार ने उसे आगे बढ़ाकर बता दिया कि उसे किसानों के हितों से कोई मतलब नहीं है.

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