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ओडिशा के किसान इस वजह से छत्तीसगढ़ में जाकर बेच रहे हैं धान, प्रदेश के क्रय केंद्रों पर पसरा सन्नाटा!

ओडिशा के किसान इस वजह से छत्तीसगढ़ में जाकर बेच रहे हैं धान, प्रदेश के क्रय केंद्रों पर पसरा सन्नाटा!

इस खरीफ सीजन में नबरंगपुर को 24 लाख क्विंटल धान खरीदने का लक्ष्य मिला था. पहले चरण में 20 लाख क्विंटल लक्ष्य में से जनवरी के अंत तक जिले में 11 लाख क्विंटल ही खरीद हो सकी. पिछले खरीफ सीजन में जनवरी के अंत तक जिले में 21.547 लाख क्विंटल धान की खरीद हुई थी.

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छत्तीसगढ़ में क्रय केंद्रों पर धान बेचने के लिए नहीं पहुंच रहे किसान. (सांकेतिक फोटो) छत्तीसगढ़ में क्रय केंद्रों पर धान बेचने के लिए नहीं पहुंच रहे किसान. (सांकेतिक फोटो)

ओडिशा के नबरंगपुर जिले के किसान अधिक कीमत मिलने की वजह से छत्तीसगढ़ में धान बेच रहे हैं.  ऐसे में जिला प्रशासन को जिले में अपने खरीफ खरीद लक्ष्य को पूरा करने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है. दरअसल, छत्तीसगढ़ में धान 3100 रुपये प्रति क्विंटल बिक रहा है. जबकि, ओडिशा में धान का एमएसपी 2,183 रुपये प्रति क्विंटल है. सूत्रों ने कहा कि नबरंगपुर के धान का एक बड़ा हिस्सा जिले में खरीद शुरू होने से पहले ही छत्तीसगढ़ में बेच दिया गया था.

द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक,  किसान नेता ब्रूंदाबन त्रिपाठी ने कहा कि पिछले साल 15 दिसंबर को जिले में मंडियां देर से खुली थीं. इससे जिले के सभी 10 ब्लॉकों की मंडियों में धान की आपूर्ति कम हो रही है. उन्होंने कहा कि नबरंगपुर में पहली बार मंडियों में धान की कमी हो गई है, क्योंकि किसान अपनी उपज पड़ोसी राज्य में बेचने का विकल्प चुन रहे हैं. इसके अलावा छत्तीसगढ़ में बदरंग धान भी अच्छी कीमत पर बिक रहा है.

24 लाख क्विंटल खरीद का है लक्ष्य

रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस खरीफ सीजन में नबरंगपुर को 24 लाख क्विंटल धान खरीदने का लक्ष्य मिला था. पहले चरण में 20 लाख क्विंटल लक्ष्य में से जनवरी के अंत तक जिले में 11 लाख क्विंटल ही खरीद हो सकी. पिछले खरीफ सीजन में जनवरी के अंत तक जिले में 21.547 लाख क्विंटल धान की खरीद हुई थी. सूत्रों ने बताया कि नंदाहांडी मंडी को प्रति सप्ताह 1,300 क्विंटल खरीद का लक्ष्य दिया गया था. हालांकि, अब तक महज 400 क्विंटल धान की ही खरीदारी हो सकी है.

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1,000 क्विंटल धान खरीदा गया

इसी तरह मैदलपुर मंडी का लक्ष्य प्रति सप्ताह 3200 क्विंटल धान का था, जिसमें से मात्र 1300 क्विंटल की ही खरीद हो सकी. नबरंगपुर मंडी में 7,000 क्विंटल लक्ष्य के मुकाबले सिर्फ 1,000 क्विंटल धान खरीदा गया. सीमावर्ती चंदाहांडी ब्लॉक में धान खरीद के लिए कुल छह मंडियां खोली गईं. धान की कमी के कारण प्रशासन को दो मंडियां बंद करने पर मजबूर होना पड़ा.

कई मंडियों में पसरा सन्नाटा

सूत्रों ने बताया कि पिछले एक सप्ताह से जिले की कई मंडियों में किसान धान नहीं लाए हैं. संपर्क करने पर नबरंगपुर के नागरिक आपूर्ति अधिकारी (सीएसओ) बेनुधर पाणिग्रही ने मंडियों में धान की कमी के बारे में स्वीकार किया. उन्होंने इस खरीफ सीजन में धान खरीद का लक्ष्य हासिल होने पर भी संदेह जताया. पिछले खरीफ सीजन में नबरंगपुर में दो चरणों में 23,67,392 क्विंटल धान खरीदा गया था.

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