Bay Leaf Farming: आज के आधुनिक दौर में किसान अच्छे बिजनेस आइडिया (Business Idea) की तलाश में रहते हैं. इसी कड़ी में उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर (Mirzapur) के एक किसान ने पहली बार तेजपत्ता (Bay leaf) की खेती की. इंडिया टुडे के डिजिटल प्लेटफॉर्म किसान तक से खास बातचीत में प्रगतिशील किसान मिथिलेश सिंह ने बताया कि 2023 में हमने तेजपत्ता के 10 पौधे लगाकर इसकी खेती शुरू की थी, लेकिन अब सिर्फ दो ही पौधे बचे है. उन्होंने कहा कि अनुकूल क्लाइमेट और सही ट्रेनिंग नहीं मिल पाने के कारण सभी 8 पौधे खराब हो गए. अभी 2 पौधे ही तेजपत्ते के शेष बचे है. लेकिन हमने हिम्मात नहीं हार है. सिंह ने कहा कि पूर्वांचल में कई किसान तेजपत्ता की खेती को बढ़ावा देना चाहते है. उन्होंने सरकार से अपील करते हुए कहा कि अगर राष्ट्रीय औषधीय पादप बोर्ड और कृषि विभाग द्वारा गांव-गांव में कैंप लगाकर किसानों को इसके पैदावार की जानकारी और दे तो इसका अच्छा उत्पादन हो सकता हैं. उन्होंने कहा कि मेरा सपना एक दिन पूरा होगा.
मिर्जापुर के पाहो गांव के निवासी मिथिलेश सिंह ने आगे बताया कि तेजपत्ता यानी बे लीफ की खेती को व्यवसायिक तरीके से करने पर खूब मुनाफ़ा कमा सकते हैं. क्योंकि मार्केट में इसकी डिमांड भी काफी ज्यादा है. इसकी खेती में लागत के साथ ही मेहनत भी बहुत कम लगती है. भारत में खानों में मसालों का बहुत इस्तेमाल किया जाता है. इसकी डिमांड न केवल भारत में बल्कि विदेशों में भी काफी है. उन्होंने बताया कि वो पहले से हल्दी की खेती 16 बिसवा में करते आ रहे है. उससे उनको अच्छा मुनाफा हो रहा है.
जागरूक किसान मिथिलेश सिंह बताते हैं कि इसके केवल एक पौधे से ही 3 हजार रुपये 5 हजार रुपये की कमाई जा सकती है. यानी 25 पौधे से ही किसान एक लाख रुपये से ज्यादा की कमाई कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि तेजपत्ता के पौधे को लगाने में शुरुआत में थोड़ी मेहनत करनी पड़ती है. पौधा बढ़ता जाता है तो मेहनत भी कम हो जाती है. जब वह पेड़ बन जाता है तो उसकी देखभाल ज्यादा नहीं करनी होती है. लेकिन हम जयपुर स्थित राष्ट्रीय औषधीय पादप बोर्ड से ट्रेनिंग लेकर इसकी खेती कैसे करें इसकी पूरी जानकारी लेंगे. इसकी खेती से कम लागत में अधिक मुनाफा कमा सकते हैं. तेजपत्ते का प्रयोग हम खाने में करते हैं और यह सेहत के लिए भी काफी फायदेमंद होता है.
आपको बता दें कि इसकी खेती को प्रोत्साहित करने के लिए किसानों को राष्ट्रीय औषधीय पादप बोर्ड की ओर से 30 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है, जो किसानों के लिए एक बड़ी मदद होती है.
तेज पत्ते का ज्यादातर उत्पादन करने वाले देशों में भारत, रूस, मध्य अमेरिका, इटली, फ्रांस, उत्तर अमेरिका और बेल्जियम आदि हैं. वहीं भारत में इसका ज्यादातर उत्पादन उत्तर प्रदेश, बिहार, केरल, कर्नाटक, महाराष्ट्र के अलावा उत्तरी पूर्वी भारत के पहाड़ी क्षेत्रों में किया जाता है.
तेज पत्ते में पाए जाने वाले पोषक तत्वों के कारण ही इसका उपयोग कई रोगों में दवा के तौर पर भी किया जाता है. तेज पत्ता त्वचा और बालों के लिए भी काफी फायदेमंद माना जाता है. इसमें पाए जाने वाले एसेंशियल ऑयल का इस्तेमाल कॉस्मेटिक उद्योग में क्रीम, इत्र और साबुन बनाने में किया जाता है.
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