ठंड में तापमान बढ़ने से गेहूं के नुकसान की आशंका, इन 5 तरीकों से करें बचाव

ठंड में तापमान बढ़ने से गेहूं के नुकसान की आशंका, इन 5 तरीकों से करें बचाव

रबी फसल को बढ़ते तापमान से सबसे ज्यादा खतरा होता है. कृषि वैज्ञानिकों का मानना है कि गेहूं की फसल में बालियां फरवरी के महीने में आती हैं. उस समय फसल के लिहाज से न्यूनतम तापमान 10 डिग्री से कम और अधिकतम तापमान 25 डिग्री तक होना चाहिए.

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ठंड में तापमान बढ़ने से गेहूं के नुकसान की आशंका, इन 5 तरीकों से करें बचावठंड में तापमान बढ़ने से गेहूं के नुकसान की आशंका

दिसंबर महीने की शुरुआत हो चुकी है. दिसंबर महीना अपनी ठिठुरन वाली सर्दी के लिए जाना जाता है. लेकिन अभी के मौसम को देखते हुए किसानों को सावधान रहना चाहिए क्योंकि गेहूं की फसल खराब हो सकती है. गेहूं की फसल को ठंडे वातावरण की जरूरत होती है. ऐसे में हालिया मौसम की गर्मी को देखते हुए आशंका है कि गेहूं उत्पादन पर असर पड़ सकता है. आमतौर पर दिसंबर के महीने में तापमान में गिरावट देखी जाती है. लेकिन रबी सीजन की शुरुआत में ही गेहूं जैसी फसल के लिए अनुकुल तापमान नहीं देखा जा रहा है. वहीं पिछले साल भी किसानों को ऐसी ही स्थिति की सामना करना पड़ा थी.

दरअसल गेहूं की फसल अधिक तापमान में खराब हो जाती है क्योंकि गेहूं की फसल तापमान के लिहाज से अधिक सेंसिटिव होती है. समय के साथ तापमान का संतुलन ठीक न रहे तो गेहूं की बढ़वार प्रभावित होगी. साथ ही गेहूं के मिल्किंग स्टेज में दिक्कत आ सकती है. ऐसे में आइए जानते हैं बढ़ते तापमान में गेहूं को नुकसान होने से कैसे बचाएं. 

गेहूं की बालियों के लिए अनुकूल तापमान

रबी फसल को बढ़ते तापमान से सबसे ज्यादा खतरा होता है. कृषि वैज्ञानिकों का मानना है कि गेहूं की फसल में बालियां फरवरी के महीने में आती हैं. उस समय फसल के लिहाज से न्यूनतम तापमान 10 डिग्री से कम और अधिकतम तापमान 25 डिग्री तक होना चाहिए. इससे अधिक तापमान बढ़ता है तो फसलों को नुकसान होता है. ऐसे मे बुवाई की शुरुआत में ही कम ठंड किसानों के लिए चिंता का विषय है. 

इन 5 तरीकों से करें गेहूं का बचाव

  • गेहूं की फसल में गर्मी को देखते हुए किसान फसलों में सिंचाई करें.
  • हवा को ध्यान में रखते हुए किसानों को गेहूं की सिंचाई शाम के समय करनी चाहिए.
  • गेहूं की फसल में गोभ आने या नई कोपलें आने के समय किसानों को खास ध्यान देना चाहिए. अगर उस समय फसल पर कोई बुरा प्रभाव दिखता है तो दो फीसदी पोटेशियम नाइट्रेट का छिड़काव मददगार हो सकता है. 
  • इस मौसम में गेहूं की फसल पर माहू के आक्रमण की भी संभावना होती है. अगर फसलों पर किसानों को माहू का प्रकोप दिखता है तो 20 ग्राम तायो का छिड़काव कर सकते हैं. 
  • इसके अलावा ये भी बताया जाता है कि शुष्क मौसम में गेहूं की फसल पर पीले रतुए का प्रकोप कम होता है.
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