बांग्‍लादेश ने फिर बढ़ाई संतरे पर इंपोर्ट ड्यूटी, अमरावती के किसानों को सताया कमाई का डर 

बांग्‍लादेश ने फिर बढ़ाई संतरे पर इंपोर्ट ड्यूटी, अमरावती के किसानों को सताया कमाई का डर 

महाराष्‍ट्र के अमरावती का नागपुरी संतरा पूरे देश में पसंद किया जाता है और बड़े चाव से खाया जाता है. यहां के संतरे की सबसे बड़ी बाजार बांग्लादेश है और बांग्‍लादेश में इसी वजह से यहां से भारी मात्रा में संतरे का आयात किया जाता है. लेकिन अब बांग्लादेश के फैसले से यहां पर संतरे के किसान खासे निराश हैं. बांग्‍लादेश ने इंपोर्ट ड्यूटी पांच गुना तक बढ़ा दी है. बांग्‍लादेश के किसान इस फैसले से सकते में हैं.

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बांग्‍लादेश ने फिर बढ़ाई संतरे पर इंपोर्ट ड्यूटी, अमरावती के किसानों को सताया कमाई का डर बांग्‍लादेश के फैसले से परेशान अमरावती के किसान

महाराष्‍ट्र के अमरावती का नागपुरी संतरा पूरे देश में पसंद किया जाता है और बड़े चाव से खाया जाता है. यहां के संतरे की सबसे बड़ी बाजार बांग्लादेश है और बांग्‍लादेश में इसी वजह से यहां से भारी मात्रा में संतरे का आयात किया जाता है. लेकिन अब बांग्लादेश के फैसले से यहां पर संतरे के किसान खासे निराश हैं. बांग्‍लादेश ने इंपोर्ट ड्यूटी पांच गुना तक बढ़ा दी है. बांग्‍लादेश के किसान इस फैसले से सकते में हैं. इस फैसले की वजह से पिछले दो साल से संतरे का निर्यात ठीक से नहीं हो पा रहा था. इसके कारण किसानों को सही दाम नहीं मिल रहे हैं. 

आर्थिक संकट में किसान 

बांग्‍लादेश सरकार के इस फैसले की वजह से किसान बड़े आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं. संतरा की खेती करने वाले किसानों ने मांग की है कि भारत सरकार, बांग्लादेश से समझौता कर इस मामले को सुलझाए. पिछले एक साल से संतरा उत्पादक किसान की इस मांग पर सरकार कोई ध्‍यान देती नजर नहीं आ रही है. इस साल भी सही सिस्‍टम न होने की वजह से यहां से निर्यात नहीं हुआ है. माना जा रहा है कि इस वजह से देश में संतरा उत्पादक किसानों को या तो उचित दाम नहीं मिलेंगे या फिर संतरे के दामों में कमी आ सकती है. 

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सस्‍ते दामों पर बिकेगा संतरा 

बताया जा रहा है कि बांग्लादेश भारत सरकार की कुछ नीतियों से खुश नहीं है. इस वजह से उसने संतरे पर आयात शुल्क 88 टका से बढ़ाकर 101 टका यानी 71 रुपये कर दिया है. प्याज निर्यात के मुद्दे पर भारत सरकार से असहमति के जवाब में, बांग्लादेश संतरे पर आयात शुल्क बढ़ाकर भारतीय किसानों को परेशान कर रहा है. पिछले पांच साल से बांग्‍लादेश की तरफ से संतरा पर आयात शुल्‍क बढ़ाया जा रहा है. किसानों को आशंका है कि इस वजह से अब महाराष्‍ट्र, मध्य प्रदेश, राजस्थान और पंजाब में इसे सस्ते दाम पर बेचा जाएगा. 

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हर्जाना भुगत रहे किसान 

विदर्भ का कैलीफोर्निया माने जाने वाले जरुद, वरूड, मोर्शी, अकोला क्षेत्र समेत एक लाख  हेक्टेयर से ज्‍यादा क्षेत्र में संतरे का उत्पादन होता है. क्षेत्र के अधिकांश संतरे बांग्लादेश को निर्यात किए जाते हैं. पिछले साल भारत सरकार ने संतरे को सस्ते दाम पर खरीदकर बांग्लादेश में निर्यात करने पर व्यापारियों को 44 रुपये प्रति किलोग्राम की सब्सिडी दी थी. व्‍यापारियों ने इसे एक अच्‍छा कदम करार दिया था. लेकिन दोनों देशों की व्यापार नीतियों का हर्जाना किसानों को भुगतना पड़ रहा है. 

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विधानसभा चुनाव में क्‍या होगा 

जैसे-जैसे संतरे की कीमत में गिरावट हो रही है, कई किसानों को रसीले संतरे की फसल के गायब होने का डर सता रही है. ऐसे में किसानों ने संतरे के बगीचों में केले और पपीते की खेती शुरू कर दी है. संतरे की खेती करने वाले किसान योगेश देशमुख ने कहा है कि अब हर निर्वाचित प्रतिनिधि को जवाबदेह ठहराने का समय आ गया है. देश के सांसद और विधायक और  लोक प्रतिनिधि, जो किसानों  का फायदा उठा रहे हैं, उनके खिलाफ संगठित होकर विधानसभा चुनावों में अपना विरोध दिखाना चाहिए. 

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