क‍िसानों की समस्या पर पीएम माेदी के नाम गहलोत का पत्र, मुआवजे के न‍ियमों में बदलाव की मांग

क‍िसानों की समस्या पर पीएम माेदी के नाम गहलोत का पत्र, मुआवजे के न‍ियमों में बदलाव की मांग

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने फसल खराब होने पर किसानों को मिलने वाले मुआवजे में आ रही नियम संबंधी कठिनाओं के संबंध में एक पत्र लिखा है. इसमें उन्होेंने एसडीआरएफ और पीएम फसल बीमा योजना में मिलने वाली सहायता के समायोजन को खत्म करने की बात कही है.

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क‍िसानों की समस्या पर पीएम माेदी के नाम गहलोत का पत्र, मुआवजे के न‍ियमों में बदलाव की मांगमुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने किसानों को फसल खराबे पर आ रही परेशानियों के संबंध में पीएम को पत्र लिखा है. फाइल फोटो- Madhav Sharma

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को किसानों की समस्याओं को लेकर एक पत्र लिखा है. इसमें सीएम ने फसल खराब होने पर  किसानों को दो हेक्टेयर तक ही मुआवजा मिलने की सीमा को बढ़ाने की बात कही है. साथ ही भारत सरकार की ओर से एसडीआरएफ से किसानों को फसल खराब होने पर दी जाने वाली सहायता राशि को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में मिलने वाली राशि के साथ समायोजन को खत्म करने की बात भी लिखी है. 
बता दें कि अक्टूबर 2022 में जारी नए नियमों के तहत किसानों को फसल खराब होने पर मिलने वाले मुआवजे को पीएम फसल बीमा योजना के तहत मिलने वाली राशि के साथ समायोजित कर दिया जाता है.

मुआवजा की प्रक्रिया जटिल और लंबी

मुख्यमंत्री गहलोत ने लिखा कि इस प्रक्रिया के कारण किसानों को फसल खराब होने पर तुरंत सहायता नहीं मिल पा रही है. क्योंकि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से किसानों को आपदाओं के दौरान मिलने वाली बीमित राशि की गणना करना एक जटिल एवं लम्बी प्रक्रिया है. इससे एसडीआरएफ सहायता देने में भी देरी होती है. जबकि किसानों को फसल खराब होने के तुरंत बाद अगली फसल के लिए रकम जुटानी होती है.

एसडीआरएफ का पूरा नहीं हो पा रहा उद्देश्य 

गहलोत ने लिखा कि समायोजन के नियम से पहले एसडीआरएफ के तहत किसानों को खराब होने के कुछ दिनों के बाद ही आर्थिक सहायता दे दी जाती थी, लेकिन नए नियम से किसानों को समय पर सहायता न मिलने से एसडीआरएफ का उद्देश्य ही पूरा नहीं हो पा रहा है. इसलिए नए नियमों को हटाकर एसडीआरएफ के तहत मिलने वाली सहायता को एक तात्कालिक सहायता के रूप में दिया जाना चाहिए. इससे करोड़ों किसानों को राहत मिलेगी.

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सिर्फ दो हेक्टेयर की जोत वाले किसानों को मिलती है सहायता

पिछले साल अक्टूबर में आए नए नियमों के तहत एनडीआरएफ एवं एसडीआरएफ में किसानों को फसल खराब होने से मिलने वाली राहत को मात्र दो हेक्टेयर की जोत तक सीमित किया गया है, जबकि राजस्थान, विशेषकर पश्चिमी राजस्थान में किसानों की औसत जोत का आकार इससे काफी बड़ा है. इसलि‍ए उन्हें फसल खराब होने पर उचित मुआवजा नहीं मिल पा रहा है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से किसानों को वास्तविक नुकसान के आधार पर एनडीआरएफ एवं एसडीआरएफ में सहायता देने के लिए दो हेक्टेयर की सीमा में वृद्धि करने के संबंध में भी लिखा है. 

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