Rajasthan: सावन गया सूखा, भादों ने बर्बाद कर दी पकी फसल, किसानों का भारी नुकसान 

Rajasthan: सावन गया सूखा, भादों ने बर्बाद कर दी पकी फसल, किसानों का भारी नुकसान 

बीते चार दिन से प्रदेश में हो रही लगातार बारिश ने किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें खींच दी हैं. लाखों हेक्टेयर में खरीफ फसलों को नुकसान हुआ है. नुकसान के प्राथमिक आंकड़ों के मुताबिक प्रदेशभर में 160 लाख हेक्टेयर में फसलों को नुकसान हुआ है. इसमें सबसे ज्यादा खराबा बाजरे की फसल को हुआ है. वहीं, मक्का की फसल को भी काफी नुकसान हुआ है.

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Rajasthan: सावन गया सूखा, भादों ने बर्बाद कर दी पकी फसल, किसानों का भारी नुकसान राजस्थान के सरमथुरा में बारिश के बाद लेटी बाजरे की फसल. फोटो- Madhav Sharma

मौसम बेरहम है. बीते चार दिन से प्रदेश में हो रही लगातार बारिश ने किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें खींच दी हैं. लाखों हेक्टेयर में खरीफ फसलों को नुकसान हुआ है. नुकसान के प्राथमिक आंकड़ों के मुताबिक प्रदेशभर में 160 लाख हेक्टेयर में फसलों को नुकसान हुआ है. इसमें सबसे ज्यादा खराबा बाजरे की फसल को हुआ है. वहीं, मक्का की फसल को भी काफी नुकसान हुआ है. बता दें कि बीते चार दिन में सबसे ज्यादा बारिश बांसवाड़ा जिले में हुई है. वहीं, पश्चिमी राजस्थान के कुछ जिलों में भी तेज बारिश दर्ज हुई है. जालौर-सांचौर जिले में बारिश से करीब 300 करोड़ रुपये की फसलों में नुकसान हुआ है. यहां सबसे अधिक खराबा मूंग में देखा गया है. क्योंकि मूंग की फसल किसानों ने काट कर खेतों में ही रखी हुई थी. प्रदेशभर में कृषि विभाग और राजस्व विभाग गिरदावरी और नुकसान के आकलन में जुटे हुए हैं. 

उधर, भीलवाड़ा और आसपास के इलाकों में बारिश से उड़द और मूंग की फसल में भी नुकसान देखा गया है. प्राथमिक आकलन के मुताबिक फसल में 20 से 25 प्रतिशत ख़राबा रिपोर्ट किया गया है. मिली जानकारी के अनुसार भीलवाड़ा जिले में 4.13 लाख हेकटेयर में खरीफ फसलें बोई गई थीं. बारिश से इनमें 25 फीसदी तक नुकसान हुआ है. मौसम विभाग के अनुसार जिले में अभी तक मानसून की 70.2 प्रतिशत बारिश हो चुकी है. 

इसके साथ ही दक्षिण-पूर्वी राजस्थान में भारी बारिश के साथ-साथ पश्चिमी जिलों में भी बारिश हुई है. इससे मूंग, बाजरा और मक्का की फसलों को लगभग हर जिले में 20-25 प्रतिशत तक नुकसान हुआ है. 

इस साल लक्ष्य से अधिक थी अधिकतर फसलों की बुवाई

इस साल मॉनसून की शुरूआत बिपरजॉय तूफान से हुई थी. इसीलिए राजस्थान में अधिकतर जिलों में किसानों ने जल्दी फसलें बो दी थीं. साथ ही बुवाई भी लक्ष्य से अधिक थी. बता दें कि इस साल प्रदेश में 45.43 लाख हेक्टेयर में बाजरा बोया गया था. जो कि 103 प्रतिशत था. इसी तरह 2.43 लाख हेक्टेयर में धान, 7.90 लाख हेक्टेयर में कपास, 6.29 लाख हेक्टेयर में ज्वार, 9.42 लाख हेक्टेयर में मक्का और 98.96 लाख हेक्टेयर में दलहन फसलें बोई गई थीं. 

GFX- Sandeep Bhardwaj

ज्यादा बुवाई का कारण बिपरजॉय तूफान और अच्छा मॉनसून था. लेकिन अगस्त महीने में बिलकुल ही बारिश नहीं हुई. इससे प्रदेश में अकाल का अंदेशा जताया जाने लगा. लेकिन सितंबर के पहले और दूसरे हफ्ते में हुई बारिश से फसलों में नुकसान होने लगा. क्योंकि अब खरीफ की अधिकतर फसलें पकाव पर हैं. इसीलिए अब बारिश फसलों में नुकसानदायक है. 

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कम बुवाई वाली फसलों को फायदा भी

हालांकि ऐसा नहीं है कि बारिश से सभी फसलों को नुकसान हो रहा है. कुछ फसलों को इससे फायदा भी है. इसमें मूंगफली, ग्वार, ज्वार, अरंडी को फायदा भी हो रहा है. क्योंकि इन फसलों को सूखे से बचाने के लिए किसान ट्यूबवैलों का सहारा ले रहे थे. ऐसे में हुई बारिश ने इन फसलों के लिए अमृत का काम किया है. हालांकि इन फसलों का रकबा प्रदेश में बहुत ज्यादा नहीं होता. 

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पिछले 24 घंटे में दो इंच तक बारिश

मौसम केन्द्र, जयपुर से मिली जानकारी के अनुसार राजस्थान में पिछले 24 घंटे के दौरान बाड़मेर, डूंगरपुर, प्रतापगढ़, जयपुर, जालोर, सिरोही, पाली, उदयपुर, नागौर और राजसमंद जिलों में तेज बारिश हुई है. इन जिलों के कई इलाकों में एक से दो इंच तक बरसात दर्ज की गई है.

लगातार बारिश के कारण पश्चिमी राजस्थान के जोधपुर, बाड़मेर, जैसलमेर और बीकानेर जिलों में दिन का तापमान 35 डिग्री सेल्सियस से भी नीचे आ गया. जयपुर में भी सोमवार को दिन का अधिकतम तापमान 26.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ, जो सामान्य से करीब 8 डिग्री सेल्सियस कम था.
 

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