इस साल भी अरहर की कीमतें कम होने के आसार नजर नहीं आ रहे हैं. पिछले साल की दूसरी छमाही से अरहर दाल की कीमतों में बढ़ोतरी इस साल भी जारी है. इस साल अरहर दाल की थोक कीमत 12,000 रुपये प्रति क्विंटल को पार कर गई है. इस महीने भी बाजारों में अरहर दाल की कीमतें बढ़ी हुई हैं. अरहर दाल की थोक कीमत में बढ़ोतरी के कारण खुदरा बाजार में अरहर दाल की कीमत 200 रुपये प्रति किलो से अधिक हो गयी है.
इस महीने देश के अलग-अलग मंडियों में अरहर दाल की कीमतों में उछाल देखने को मिला है. 1 अप्रैल को महाराष्ट्र में अरहर दाल की मुख्य मंडी अकोला में अरहर दाल का थोक भाव 10,700 रुपये से 10,850 रुपये था, जो अब बढ़कर 12,000 रुपये से 12,200 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है.
इस दौरान इसी मंडी में अरहर दाल का थोक भाव 14,400-15,400 रुपये से बढ़कर 16,100-17,300 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है. इस दौरान दिल्ली बाजार में अरहर दाल का थोक भाव 1,300 रुपये बढ़कर 16,500-16,600 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है.
मंडियों में अरहर की कीमत बढ़ने का असर खुदरा बाजार में इसकी कीमत पर भी दिख रहा है. केंद्र सरकार के उपभोक्ता मामले विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, इस महीने दिल्ली में अरहर दाल की औसत खुदरा कीमत 157 रुपये से बढ़कर 170 रुपये, महाराष्ट्र में 159.74 रुपये से बढ़कर 167.63 रुपये, मध्य में 150.46 रुपये से बढ़कर 157.02 रुपये हो गई है. प्रदेश और उत्तर प्रदेश में यह 150.46 रुपये से बढ़कर 157.02 रुपये हो गयी. यह 143.92 रुपये से बढ़कर 147.56 रुपये प्रति किलोग्राम हो गया है.
देशभर में अरहर दाल की औसत खुदरा कीमत इस महीने 149.23 रुपये से बढ़कर 152.73 रुपये हो गई है और इसकी अधिकतम खुदरा कीमत 203 रुपये प्रति किलोग्राम है. मंडी जानकारों के मुताबिक सरकार की तमाम कोशिशों के बावजूद अरहर दाल की कीमतें बढ़ती जा रही हैं. एक कमोडिटी विश्लेषक ने कहा कि अरहर दाल की आपूर्ति कमजोर है क्योंकि अरहर दाल का उत्पादन कम हो गया है. इसलिए अरहर दाल महंगी हो गई है.
कमोडिटी विश्लेषक के मुताबिक पिछले वित्त वर्ष में अरहर दाल का आयात करीब 10 फीसदी कम हुआ है. उत्पादन में कमी के कारण देश में अरहर की उपलब्धता कम है. इसलिए अरहर दाल के दाम बढ़ रहे हैं. जानकारों के मुताबिक अरहर की आवक कम होने से भी इसकी कीमतों में तेजी आई है.
एगमार्कनेट पर दिए गए आंकड़ों के मुताबिक, इस महीने करीब 75 हजार टन अरहर की आवक हुई, जबकि पिछले साल इसी महीने में यह आंकड़ा करीब 92 हजार टन था. जाहिर है पिछले साल के मुकाबले इस अप्रैल में अरहर की आवक में करीब 18 फीसदी की गिरावट आई है.
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