जावा सिट्रोनेला को आमतौर पर जावा घास के नाम से जाना जाता है. यह घास लेमन ग्रास और पामारोजा की तरह दिखती है. लेकिन, इसकी पत्तियां लेमन ग्रास और पामारोजा की तुलना में चौड़ी होती हैं. इसके पत्ती से आसवन यंत्र की मदद से तेल निकाला जाता है.
जावा सिट्रोनेला को एक भूमि सुधारक फसल माना जाता है. चाय के बागानों में भूमि की गुणवत्ता को सुधारने के लिए किसानों द्वारा इसकी खेती की जाती है. वहीं इसके तेल का उपयोग सौंदर्य में इस्तेमाल किए जाने वाले सामान, साबुन ,मच्छर भगाने वाले उत्पादों के साथ सुगंध वाले सामानों के लिए भी किया जाता है.
इस पौधे को सिर्फ खेतों की गुणवत्ता में सुधार के लिए ही नहीं बल्कि मच्छरों से बचने के लिए भी लगाया जाता है. इसे लगाने से करीब दो से तीन फीट की दूरी तक मच्छर नहीं लगते हैं. इसलिए इसे काफी उपयोगी पौधा माना जाता है.
लोगों को इसका एक पौधा अपने घरों में जरूर लगाना चाहिए. क्योंकि ये पौधा स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के लिए भी फायदेमंद है. इस पौधे का उपयोग बुखार, गठियावात, मामूली संक्रमण, पेट और नींद संबंधी समस्याओं में किया जाता है.
जावा सिट्रोनेला की खेती गर्म जलवायु और वर्षा वाले क्षेत्रों में की जाती है. इसकी पहली कटाई, इसे रोपने के 120 दिन बाद की जाती है. उसके बाद 80 से 90 दिनों के अंतराल पर की जाती है. वहीं बारिश के मौसम में इसकी कटाई नहीं करनी चाहिए.
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