झारखंड में एमएसपी पर धान की खरीद जारी है. इस बार राज्य सरकार ने 60 लाख क्विंटल धान खरीद का लक्ष्य रखा है. धान खरीद के लिए राज्य भर में 600 से अधिक धान खरीद केंद्र बनाए गए हैं. लगभग हर जिले में धान खरीद की शुरुआत हो चुकी है.पर अभी भी राज्य के दो ऐसे जिले हैं जहां पर किसानों ने एक किलो धान भी नहीं बेचा है. झारखंड सरकार की तरफ से जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक एक जनवरी 2024 की सुबह तक लातेहार और दुमका जिलें में एक भी किसान ने धान नहीं बेचा है. यहां पर धान खरीद की मात्रा अभी भी जीरो क्विंटल ही दिख रहा है.
जबकि इन दोनों ही जिलों से सरकारी दर पर धान बेचने के लिए किसानों ने निंबधन कराया है. दुमका से जहां 4043 किसानों ने धान बेचने के लिए निबंधन कराया है वहीं लातेहार से 4220 किसानों ने निबंधन कराया है. धान खरीद के लिए लातेहार में 44 किसानों को और दुमका में एक किसान को मैसेज भेजा गय़ा है. धान खरीद के लक्ष्य की बात करें तो दुमका जिले से तीन लाख टन और लातेहार जिले से 2 लाख टन धान खरीद का लक्ष्य रखा गया है. धान खरीद में ये दोनों जिले इसलिए भी पिछड़ रहे हैं क्योंकि इन दोनों ही जिलों में अभी तक एक भी धान खरीद केंद्र शुरू नहीं हुआ है. इसके बाद भी लातेहार में 44 किसानों को धान बेचने के लिए मैसेज भेजा गया है.
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इस साल अब तक जारी किए गए आंकडों के मुताबिक सबसे अधिक धान की खरीद हजारीबाग के किसानों से की गई है. यहां पर 4779.27 क्विंटल धान की खरीद की गई है. धान खरीद के लिए जिले में फिलहाल 10 धान खरीद केंद्र बनाए गए हैं. कुल 35799 किसानों ने धान बेचने के लिए रजिस्ट्रेशन कराया है. जबकि 989 किसानों को धान बिक्री से संबंधित मैसैज किया गया है. वहीं धान बेचने में दूसरे नंबर पर रांची किसान हैं. यहां से 4057.69 क्विंटल धान की खरीद की गई है. रांची जिले में धान बेचने के लिए 6744 किसानों ने रजिस्ट्रेशन किया है. जबकि धान खरीद के लिए यहां पर 11 केंद्र बनाए गए हैं. यहां पर 639 किसानों को मैसेज भेजा गया है पर मात्र 43 किसानों ने धान बेचा है.
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इस तरह से झारखंड में अब तक 14,324.89 क्विंटल धान की खरीद हो पाई है. धान बेचने के लिए 230853 किसानों ने रजिस्ट्रेशन कराया है पर अब तक मात्र 6898 किसानों को ही धान खरीद के संबंधित मैजेस भेजा गया है.पर मात्र 281 किसानों ने अब तक धान बेचा है. गौरतलब है कि इस बार राज्य सरकार की तरफ से किसानों को 117 रुपये प्रति क्विंटल की दर से बोनस दिया जाएगा. धान खरीद की राशि का 50 प्रतिशत का भुगतान किसानों को तुरंत किया जाएगा, इसके बाद बाकी 50 प्रतिशत का भुगतान मिलर्स द्वारा धान उठान करे बाद किया जाएगा.
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