झारखंड में इस वक्त जबरदस्त गर्मी पड़ रही है. मौसम सूखा और धूप तेज है. राज्य के कई जिलों में अधिकतम तापमान 44 डिग्री तक पहुंच रहा है. इसके कारण राज्य में हीटवेव की स्थिति पैदा हो गई है. ऐसे में किसानों और पशुपालकों को बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. हीटवेव के कारण किसानों और पशुपालकों को किसी प्रकार की परेशानी नहीं हो, इसे लेकर मौसम विभाग की तरफ से एडवाइजरी जारी की गई. इन सलाह का पालन कर किसान गर्मी और हीटवेव से होने वाले नुकसान से बच सकते हैं. मौसम विज्ञान केंद्र रांची की तरफ से जारी किए गए पूर्वानुमान के अनुसार राज्य में अगले चार दिनों तक लू की स्थिति बनी रहेगी.
जिन क्षेत्रों में गरमा धान की खेती होती है, उन क्षेत्रों में इस वक्त किसानों के खेतों में फसल लगी हुई है. अत्यधिक गर्मी के कारण धान में फूल बनने की प्रक्रिया में बाधा पहुंच सकती है. साथ ही अनाज के दाने भी बदरंग हो जाते हैं. इसके अलावा अत्यधिक गर्मी और खेत में मौजूद पानी के कारण उत्पन्न हुई नमी से पौधों में तना छेदक कीट का प्रकोप देखा जा सकता है. तेज धूप और अधिक तापमान के कारण फसल जल्दी पक सकते हैं. इससे धान की क्वालिटी पर बुरा असर पड़ता है. इससे बचाव के लिए सुबह और शाम के समय खेत की सिंचाई करें. इसके साथ ही खेतों में निराई-गुड़ाई करके मिट्टी को भुरभुरा बनाए रखें, इससे मिट्टी में नमी बनी रहेगी.
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सब्जियों की खेती में अत्यधिक गर्मी के कारण पौधों के विकास में कमी आ सकती है. सब्जियों की फसल में फूल और फल सूख कर गिर सकते हैं. इसके साथ ही ककड़ी और करेला भी जल्दी सूखने लगते हैं. तेज धूप के कारण टमाटर में दरारें आ जाती हैं और झुलस जाती हैं. इसके साथ ही सब्जियों में सफेद मक्खी का प्रकोप देखा जा सकता है. इससे बचाव के लिए नर्सरी वाली अवस्था में सब्जियों के पौधों को पुआल से ढंक कर रखें. खड़ी सब्जियों के खेतों में सुबह और शाम के वक्त सिंचाई करें. इसके साथ ही खेतों में निराई गुड़ाई करके मिट्टी को भुरभुरा बनाए रखें. इससे खेत की नमी को बचाने में मदद मिलती है.
फलों की बात करें तो आम, नींबू और जामुन में फल और फूल गिरने की शिकायत आ सकती है क्योंकि तेज धूप पड़ रही है. इसके अलावा आम में इस वक्त गुच्छा रोग का प्रकोप हो सकता है. फलों में कीटों का प्रकोप हो सकता है. गर्मी और धूप के कारण आम के फलों के आकार पर असर पड़ सकता है. इससे बचाव के लिए आम, नींबू, पपीता के बागों में सुबह शाम सिंचाई करते रहें ताकि बागों में पर्याप्त नमी बनी रहे. इसके अलावा बागान की मिट्टी में नमी बनाए रखने के लिए निराई गुड़ाई करते रहें और मिट्टी को भुरभुरा बनाए रखें.
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पशुओं के लिए जारी सलाह में कहा गया है कि तेज धूप और अधिक गर्मी के कारण पशुओं में भूख की कमी होती है. साथ ही दूध उत्पादन में कमी होती है. इससे बचाव के लिए पशुओं को साफ जल पिलाएं. उन्हें पीने के लिए हैंडपंप, कुआं, नहर और ट्यूबवेल का पानी पीने के लिए दें. इसके अलावा पशुओं को खाने के लिए नमक दें. मवेशियों के रहने की जगह को कपड़ें से ढक दें जिससे सीधी धूप से उन्हें बचाया जा सके.
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