गुजरात में मूंगफली की रिकॉर्ड खरीदगुजरात सरकार ने बुधवार को कहा कि पिछले 11 दिनों में उसने 70,000 से ज्यादा किसानों से मिनिमम सपोर्ट प्राइस (MSP) पर 1,177 करोड़ रुपये की मूंगफली खरीदी है. किसानों के लिए यह अच्छी खबर है क्योंकि मौसम की मार से गुजरात में भारी बर्बादी हुई है. ऐसे में किसानों से उपज की खरीद एक अच्छी पहल है.
डिप्टी चीफ मिनिस्टर हर्ष सांघवी ने बुधवार को कहा कि सरकार ने अब तक MSP पर 1.62 लाख टन मूंगफली खरीदी है. 9.31 लाख से ज्यादा मूंगफली किसानों ने अपनी खरीफ फसल MSP पर बेचने के लिए राज्य सरकार के पास रजिस्टर किया है.
गुजरात ने 9 नवंबर से MSP पर खरीफ फसल खरीदना शुरू कर दिया था. गुजरात सरकार इस सीजन में किसानों से 15,000 करोड़ की अलग-अलग खरीफ फसल खरीदेगी. इसमें मूंगफली 7,263 रुपये प्रति क्विंटल, मूंग 8,768, उड़द 7,800 और सोयाबीन 5,328 रुपये प्रति क्विंटल शामिल है.
गुजरात में बेमौसम बारिश से किसानों पर बुरा असर पड़ा है और खरीफ की पैदावार का एक बड़ा हिस्सा प्रभावित हुआ है. सरकार ने बारिश से प्रभावित किसानों के लिए दो मदद पैकेज की भी घोषणा की. बुधवार को, सरकार ने कहा कि इस महीने की शुरुआत में घोषित 10,000 करोड़ रुपये के पैकेज के तहत मदद के लिए 10 लाख से ज्यादा किसानों ने सरकार के पास रजिस्टर किया है.
इसके अलावा, सितंबर 2025 के दौरान बेमौसम बारिश के लिए घोषित 1,138 करोड़ रुपये के मुआवजे के पैकेज के तहत मदद के लिए 1.25 लाख और किसानों ने भी रजिस्टर किया है.
गुजरात के सात जिलों के किसानों को रबी की बुवाई के मौसम को देखते हुए ज्यादा बिजली मिलेगी, राज्य सरकार ने इस बारे में एक प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है, डिप्टी सीएम हर्ष संघवी ने बुधवार को यह जानकारी दी.
उन्होंने मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल की अध्यक्षता में हुई राज्य कैबिनेट की मीटिंग के बाद यह घोषणा की.
डिप्टी सीएम संघवी ने कहा, "गुजरात में रबी के मौसम में जीरे की खेती बड़े पैमाने पर होती है. छह जिलों के किसानों को 20 नवंबर से खेती के फीडरों पर मौजूदा 8 घंटे की जगह 10 घंटे बिजली मिलेगी."
बेमौसम बारिश ने गुजरात में खेती का संकट और गहरा कर दिया है, जिससे 42 लाख हेक्टेयर में फसलों को नुकसान हुआ है और 16,000 से ज्यादा गांवों के किसान प्रभावित हुए हैं. खड़ी फसलों के बड़े पैमाने पर बर्बाद होने से गंभीर आर्थिक तंगी पैदा हो गई है, जिससे पिछले 25 दिनों में छह किसानों ने आत्महत्या कर ली है.
ताजा घटना विसावदर के ईश्वरिया गांव से सामने आई, जहां 42 साल के किसान शैलेशभाई सावलिया ने अपने खेत में जहर खा लिया. उन्होंने अपने आठ बीघा खेत में मूंगफली, प्याज और अरहर की फसल बोई थी, लेकिन बेमौसम बारिश ने उनकी मूंगफली और अरहर की फसलें बहा दीं. बढ़ते कर्ज और भविष्य की रोजी-रोटी को लेकर अनिश्चितता से जूझते हुए, उन्होंने कथित तौर पर यह खतरनाक कदम उठाया.
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