इस साल मार्च में भारत की सबसे अमीर महिला सावित्री जिंदल ने कांग्रेस को अलविदा कहकर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का दामन थामा था. लेकिन जब उन्हें जल्द होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी की तरफ से टिकट नहीं दिया गया तो कई लोग हैरान रह गए. सावित्री अब खुद हिसार से निर्दलीय चुनाव लड़ रही हैं. हालांकि कुछ लोग उन्हें बीजेपी की बी टीम भी कह रहे हैं जिसपर उन्होंने अब जवाब दिया है. सावित्री हिसार से दो बार विधायक रह चुकीं हैं. साथ ही वह हरियाणा की कांग्रेस सरकार में मंत्री भी रही हैं.
न्यूज चैनल एनडीटीवी को दिए एक खास इंटरव्यू में 74 साल की सावित्री ने बताया कि जब बीजेपी ने हरियाणा के मंत्री और हिसार के मौजूदा विधायक कमल गुप्ता को टिकट देने का फैसला किया तो फिर उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ना क्यों नहीं चुना. साथ ही उन्होंने बताया कि अगर वह चुनाव जीतती हैं तो क्या बीजेपी का समर्थन करेंगी? उन्होंने कहा कि उनके पति ओपी जिंदल हिसार निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते थे और उनके निधन के बाद ही वह राजनीति में आईं. उनके शब्दों में, 'मैं 2014 में विधानसभा चुनाव हार गई और 2019 में चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया, लेकिन मेरे हिसार परिवार ने जोर देकर कहा कि मुझे इस बार उम्मीदवार होना चाहिए. मैं चुनाव लड़ रही हूं क्योंकि उन्होंने मुझसे ऐसा करने के लिए कहा है.'
यह पूछे जाने पर कि जब बीजेपी ने उन्हें मैदान में नहीं उतारा तो उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव क्यों नहीं लड़ा, उन्होंने कहा, 'हिसार के लोग चाहते थे कि मैं किसी भी कीमत पर चुनाव लड़ूं. डॉक्टर कमल गुप्ता बीजेपी से चुनाव लड़ रहे हैं और कांग्रेस ने राम निवास रारा को मैदान में उतारा है. इसलिए मेरे पास निर्दलीय के तौर पर चुनाव लड़ने के अलावा कोई विकल्प नहीं था.' इस सवाल पर कि क्या वह बीजेपी की बी टीम हैं और अगर वह जीतती हैं तो पार्टी का समर्थन करेंगी उन्होंने कहा, ' मैंने इस बारे में कुछ नहीं सोचा है. मेरा हिसार परिवार ही निर्णय करेगा, मैं उनकी प्रतिनिधि हूं.'
कांग्रेस के साथ अपने परिवार के पुराने संबंधों और क्या उनके निर्दलीय चुनाव लड़ने को बीजेपी के खिलाफ विद्रोह के रूप में देखा जाना चाहिए, इस पर सावित्री जिंदल ने कहा कि उन्होंने विद्रोह नहीं किया है. साथ ही दोहराया कि उन्होंने हिसार के लोगों की इच्छाओं का सम्मान किया है. गौरतलब है कि उनके बेटे नवीन जिंदल बीजेपी सांसद हैं. लोकसभा चुनाव से ठीक पहले 24 मार्च को नवीन कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए थे. इसके बाद बीजेपी ने उन्हें कुरुक्षेत्र सीट से मैदान में उतारा था. इससे पहले वह दो बार कुरुक्षेत्र से सांसद रह चुके हैं. कुछ दिनों बाद ही सावित्री जिंदल भी हिसार में हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर की मौजूदगी में बीजेपी में शामिल हो गईं.
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