केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को दिल्ली में अलग-अलग राज्यों के किसान संगठनों से मुलाकात की. इसी के साथ हर मंगलवार किसान संगठनों से मुलाकात का सिलसिला आज से शुरू हो गया. कृषि मंत्री ने पहले ऐलान किया था कि वे हर मंगलवार किसानों से मिलेंगे और उनकी समस्याएं- सुझाव सुनेंगे. शिवराज सिंह चौहान ने दिल्ली में मंगलवार को धर्मपाल सिंह चौहान, सतेंद्र सिंह तुगाना, रघुनाथ दादा पाटिल सहित प्रतिनिधिमंडल के अन्य कई सदस्यों से भेंट की.
इस मीटिंग में किसानों ने केंद्र सरकार के प्रयासों की तारीफ करते हुए कुछ जरूरी सुझाव दिए. इस पर कृषि मंत्री ने आश्वस्त किया कि सभी सुझावों पर गंभीरता से विचार करेंगे. मंगलवार को हुई इस बैठक में फसल बीमा, किसान सम्मान निधि, आवारा पशु, एमएसपी, खाद बीज सहित किसानों और कृषि से जुड़े अलग-अलग विषयों पर चर्चा हुई. कृषि मंत्री ने किसानों को सरकार के प्रयासों के बारे में बताया. साथ ही केंद्र सरकार के द्वारा अब तक लिए गए महत्वपूर्ण निर्णयों और उनके लाभ के बारे में भी बताया.
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बैठक के बाद कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, मैंने पहले भी कहा है रि कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और किस उसकी आत्मा है और किसान की सेवा हमारे लिए भगवान की पूजा है. पिछली बार जब 100 दिन की उपलब्धियां की चर्चा मैं कर रहा था, तब यह तय किया था कि हर मंगलवार को किसान या किसान संगठन, उनसे मिलने का क्रम प्रारंभ करूंगा क्योंकि कई बार ऑफिस मैं बैठकर समस्याएं समझ में नहीं आती है. जिनकी समस्याएं हैं उनसे सीधे संवाद करना, चर्चा करना और कोई विषय आए तो उसका समाधान करना यह हमारा कर्तव्य है.
कृषि मंत्री ने कहा, आज मैंने अलग-अलग किसान संगठनों से बातचीत चालू की है. लगभग 50 किसान नेताओं से भेंट की है और उनके अनेकों सुझाव आए हैं. कुछ फसलों के मूल्य से संबंधित हैं, कुछ फसल बीमा योजना के बारे में है. जो पशु खुले घूमते हैं उसके कारण नुकसान के बारे में है. किसान की जब फसल आए तब कौन से फैसला होने चाहिए, उसके बारे में अनेक सुझाव आए हैं.
शिवराज सिंह चौहान ने कहा, मैं ऑफिसर्स की टीम के साथ बैठकर उन्हें हम वर्कआउट करेंगे और वर्कआउट करके जो हो सकता है, वह करने का प्रयत्न हम करेंगे. सौहार्दपूर्ण वातावरण में किसान संगठनों से चर्चा हुई है और मोदी जी के कई निर्णयों की किसानों ने प्रशंसा की है. जैसे अभी-अभी पाम ऑयल पर इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ाकर इफेक्टिव हो गई, 27.5% किसानों ने प्रशंसा की कि ये अच्छा फैसला है. वैसे बासमती से मिनिमम एक्सपोर्ट प्राइस हटाई है तो किसानों ने प्रशंसा की, प्याज के निर्यात के लिए जो एक्सपोर्ट ड्यूटी 40% से घटाकर 20% की, किसानों ने उसकी भी प्रशंसा की. वैसे ही तुअर, उड़द और मसूर सरकार पूरी खरीदेगी तो ऐसे कई फैसलों की प्रशंसा की है.
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कृषि मंत्री ने कहा कि यह संवाद जो हमने प्रारंभ किया है वह सबके मन को भाया है. यह संवाद लगातार जारी रहेगा. हमारे अपने किसानों से हम बात भी करेंगे और उनकी समस्याओं का ईमानदारी से समाधान करने का प्रयास भी हम करेंगे.
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