एमएसपी के मुद्दे पर बीजेपी ने कांग्रेस से पूछे 10 सवाल, फ‍िर दोहराई सभी फसलों को खरीदने की बात

एमएसपी के मुद्दे पर बीजेपी ने कांग्रेस से पूछे 10 सवाल, फ‍िर दोहराई सभी फसलों को खरीदने की बात

MSP Politics: बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव जेटली ने कहा क‍ि हर‍ियाणा के क‍िसानों को धान पर बीजेपी ने अपने कार्यकाल में एमएसपी के तौर पर कांग्रेस शासन के मुकाबले 254.13 फीसदी अध‍िक रकम दी है. इसी तरह गेहूं पर 120.25 फीसदी ज्यादा पैसा द‍िया. हमने सभी फसलों को एमएसपी पर खरीदने का वादा क‍िया है और यह वादा पूरा करेंगे. कपास की खरीद 1 अक्टूबर से होने जा रही है.

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एमएसपी के मुद्दे पर बीजेपी ने कांग्रेस से पूछे 10 सवाल, सभी फसलों की खरीद की बात दोहराईहर‍ियाणा में क‍िसानों के मुद्दे पर आमने-सामने बीजेपी-कांग्रेस.

व‍िधानसभा चुनाव से पहले हरियाणा में एमएसपी पर फसलों की खरीद को लेकर कांग्रेस और बीजेपी आमने-सामने आ गए हैं. 'क‍िसान तक' की खबर के बाद हरियाणा विधानसभा में कांग्रेस विधायक दल के उप नेता चौधरी आफताब अहमद ने नायब सिंह सैनी सरकार को किसान विरोधी बताया. उन्होंने कहा कि अभी कुछ ही दिन पहले सैनी सरकार ने सभी फसलों को एमएसपी पर खरीदने का वादा किया था, लेकिन अब जब खरीफ फसलों की खरीद का प्रोगाम जारी हुआ है तो उसमें से कपास गायब है, जबकि हरियाणा में कपास की खेती होती है. स‍िर्फ आठ फसलों की खरीद हो रही है.

कांग्रेस के आरोपों पर बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव जेटली ने व‍िस्तार से जवाब द‍िया है और 10 सवाल पूछे हैं. उन्होंने कहा कि कपास की खरीद का प्रोग्राम भी जारी हो गया है. राज्य में 1 अक्टूबर से कपास खरीदा जाएगा. सरकार ने जो वादा किया है उसे निभाएगी. कॉटन कारपोरेशन ऑफ़ इंडिया कपास की खरीद करती है. कपास से कमर्शियल फसल है इसका दाम अक्सर एमएसपी से ऊपर रहता है, लेकिन जब कभी दाम उससे नीचे आता है तो सरकार एमएसपी पर उसकी खरीद सुनिश्चित करती है, ताक‍ि क‍िसानों को घाटा न हो. इस साल भी इसे खरीदने का प्रोग्राम जारी हो गया है. हम किसानों से सभी फसलों की पाई पाई खरीदेंगे. हमारी सरकार में ये हो रहा है आपकी सरकार में क्या होता था ये बताइए?

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बीजेपी ने कांग्रेस से पूछे 10 सवाल 

जेटली ने कहा कि कांग्रेस बताए कि वो कितनी फसलों को एमएसपी पर खरीदती थी. कांग्रेस के जमाने में किसानों को न तो उनकी फसलों की एमएसपी मिलती थी और न ही उनकी फसलों के नुकसान का मुआवजा मिलता था. कांग्रेस के जमाने में किसानों को मुआवजे के तौर पर 2-2 रुपये का चेक मिलता था. सैनी सरकार ने सभी फसलों को एमएसपी पर खरीदने का वादा किया है और उस वादे के अनुसार सभी फसलों को एमएसपी पर खरीदेगी. कांग्रेस हमारे इन 10 सवालों का जवाब दे.

1. मुआवजे के रूप में कांग्रेस ने 2 रुपये का चेक देकर किसानों का अपमान क्यों किया?
2. कांग्रेस सरकार में कितनी फसलें MSP पर खरीदी जाती थीं?
3. कांग्रेस ने मासूम किसानों की जमीनों पर जबरन कब्जा करके उन पर अत्याचार क्यों किया?
4. किसानों के हित में कोई एक भी बड़ी योजना की शुरुआत क्यों नहीं की?
5. बागवानी फसलों को संरक्षित करने के लिए कौन सी नीति बनाई थी?
6. फसलों की सिंचाई के लिए किसानों के खेतों तक पानी पहुंचाने के लिए क्या किया?
7. जब हरियाणा में किसानों की हालत खराब थी तो उन्होंने कोई ठोस कदम क्यों नहीं उठाए?
8. कांग्रेस बताए कि उन्होंने अपने शासनकाल में कितनी सूरजमुखी की एमएसपी पर खरीद की?
9. साल 2005 से 2014 तक भूपेंद्र हुड्डा ने हरियाणा में बाजरे की कितनी खरीद एमएसपी पर की थी?
10. वर्ष 2005 से 2014 तक कांग्रेस ने हरियाणा में कितनी सरसों एमएसपी पर खरीदी थी?

हर‍ियाणा में क‍िसने दी ज्यादा एमएसपी

जेटली ने कहा क‍ि जनता को यह भी बता देना जरूरी है क‍ि एमएसपी क‍िसने ज्यादा दी है. वर्ष 2004-05 से 2013-14 तक कांग्रेस शासन में राज्य से स‍िर्फ 283.88 लाख मीट्र‍िक टन धान खरीदा गया. इसके बदले एमएसपी के तौर पर क‍िसानों को  स‍िर्फ 27,354.53 करोड़ रुपये म‍िले. जबक‍ि वर्ष 2014-15 से 2023-24 तक बीजेपी शासन में 539.01 लाख टन धान की खरीद हुई. खरीद में 89.87 फीसदी की वृद्ध‍ि हो गई. क‍िसानों को 96,869.89 करोड़ रुपये म‍िले. यानी एमएसपी के तौर पर रकम कांग्रेस शासन के मुकाबले 254.13 फीसदी बढ़ गई. 

बीजेपी प्रवक्ता ने कहा क‍ि वर्ष 2004-05 से 2013-14 तक कांग्रेस के कार्यकाल में राज्य से कुल स‍िर्फ 552.26 लाख टन गेहूं की खरीद हुई थी. इसके बदले एमएसपी के तौर पर क‍िसानों को मात्र 57,432.36 करोड़ रुपये का भुगतान हुआ था. जबक‍ि 2014-15 से 2023-24 तक बीजेपी सरकार के दौरान 719.17 लाख टन गेहूं खरीदा गया, जो कांग्रेस के मुकाबले 30.32 फीसदी अध‍िक है. एमएसपी के तौर पर म‍िलने वाली रकम बढ़कर 1,26,492.50 करोड़ रुपये हो गई, जो कांग्रेस शासन के मुकाबले 120.25 फीसदी ज्यादा है. यह आंकड़े भी फरवरी, 2024 तक के ही हैं. यानी 10 साल से कम के हैं. अब क‍िसानों को समझना होगा क‍ि उनका ह‍ितैषी कौन है? 

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