यूपी: गायों को चारा और गुड़ खिलाकर मंत्री ने मनाया 'काऊ लव डे'

यूपी: गायों को चारा और गुड़ खिलाकर मंत्री ने मनाया 'काऊ लव डे'

दुनिया भर में 14 फरवरी को प्रेम दिवस के रूप में वेलेंटाइन डे मनाया जाता है. यूपी में इस दिन को 'काऊ लव डे' के रूप में मनाया गया. इस कवायद में यूपी सरकार भी शामिल हुई. इस मौके पर गाय के प्रति सम्मान प्रकट कर आर्शीवाद लेने की नई परंपरा शुरू करने की पहल की गई.

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यूपी: गायों को चारा और गुड़ खिलाकर मंत्री ने मनाया 'काऊ लव डे'यूपी के पशुधन मंत्री धर्मपाल सिंह ने गाय का पूजन कर मनाया 'काऊ लव डे'

यूपी के पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह की पहल पर 'वेलेंटाइन डे' के दिन गाय को सम्मान देने और इसके बदले में गाय से आशीर्वाद लेने की परिपाटी शुरू करने की कोश‍िश की गई. इसके लिए सिंह ने मंगलवार को बख्शी का तालाब स्थित अस्थायी गौ आश्रय स्थल 'भैसामऊ' पहुंचकर वहां के गौवंशों को गुड़ एवं रोटी खिलाई. इस दौरान उन्होंने गौ माता का पूजन कर आशीर्वाद भी लिया. गौरतलब है कि सिंह ने हाल ही में आध‍िकारिक तौर पर अपील जारी करके जनता से वेलेंटाइन डे को काऊ लव डे के रूप में मनाने का आह्वान किया था.

मंत्री ने होली के लिए भी की अपील

पशुधन विभाग की ओर से जारी बयान के अनुसार सिंह ने इस मौके पर कहा कि भारतीय सभ्यता एवं संस्कृति में प्राचीन समय से ही गौ माता का विशिष्ट स्थान रहा है. गाय भारत में हमेशा से पूजनीय रही है. उन्होंने गाय के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए संवेदनशील होने की अपील की. साथ ही उन्होंने अगले महीने होली के त्यौहार पर होलिका दहन के लिए गाय के गोबर के उपलों का उपयोग करने का लोगों से आह्वान किया. उन्होंने कहा कि ऐसा करना पर्यावरण के अनुकूल होगा और इससे प्रदूषण भी कम होगा.

मंत्री ने किया गौ आश्रय स्थल का निरीक्षण

पशुधन मंत्री ने इस मौके पर गौ आश्रय स्थल का निरीक्षण करते हुए इसमें गोवंश के लिए चारा, भूसा, चिकित्सा, और सुरक्षा इंतजामों का जायजा लिया. उन्होंने गौशाला को आत्मनिर्भर बनाने के निर्देश देते हुए कहा कि गौशाला के स्वालम्बन हेतु गौ जनित पदार्थों के उपयोग पर बल दिया जाए. उन्होंने गौशाला में गोबर के उपले बनवा कर इनकी बिक्री करने तथा कम्पोस्ट खाद बनाये जाने का भी सुझाव दिया. उन्होंने गौशाला में गायों के लिए निरन्तर हरा चारा, भूसा एवं पेयजल की व्यवस्था सुनिश्चित करने और गोवंश के संरक्षण में किसी भी प्रकार की लापरवाही न बरतने का अध‍िकारियों को निर्देश दिया.

प्राकृतिक खेती में गाय बनेगी मददगार

सिंह ने इस कवायद के मकसद के बारे में कहा कि राज्य सरकार का उद्देश्य गौ आश्रय स्थलों के माध्यम से गौवंश का संरक्षण एवं संवर्धन करना है, क्योंकि गाय के बिना प्राकृतिक खेती संभव नहीं है. इसलिए गौ जनित वस्तुओं के माध्यम से गौशालाओं को आत्मनिर्भर बना कर और स्थानीय स्तर पर स्वरोजगार के अवसर उत्पन्न करके ही गाय का संरक्षण हो सकता है. उन्होंने गौ पालकों से अपील करते हुए कहा कि वे दूध देना बंद करने के बाद गाय को निराश्रित न छोड़ें.

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